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पोलैंड सीमा पर यूक्रेनी महिलएँ और बच्चे पोलैंड सीमा पर यूक्रेनी महिलएँ और बच्चे 

यूक्रेन: कमजोर शरणार्थी तस्करों के आसान शिकार

रूसी आक्रमण से बचने के लिए यूक्रेन की सीमा पार करने वाले अधिकांश लोग महिलाएं और बच्चे असुरक्षित हैं, जो मानव तस्करों का निशाना बन रहे हैं।

माग्रेट सनीता मिंज-वाटिकन सिटी

यूक्रेन, शनिवार 26 मार्च 2022 (वाटिकन न्यूज) : यूक्रेन में युद्ध से भाग रही कमजोर महिलाओं और बच्चों को आपराधिक संगठनों द्वारा लक्षित किया जा रहा है जो उनका यौन शोषण, सस्ते श्रम, अंग तस्करी और जबरन भीख मांगने के लिए बाध्य करते हैं। अपने बच्चों के साथ युवा माताएं, लड़कियां, अकेले बच्चे, विकलांग और बुजुर्ग व्यक्ति तस्करों के आसान शिकार होते हैं, जो यूक्रेन की सीमा पार करने, परिवहन देने, काम देने या रहने के लिए घर देने की पेशकश करते हैं।

मानव तस्करी के खिलाफ कार्रवाई हेतु बने संगठन के कार्यकारी सचिव पेट्या नेस्टरोवा का कहना है कि इन शरणार्थियों को सुरक्षित रखने के लिए सीमाओं पर उचित पंजीकरण और बेहतर जांच की आवश्यकता है।

वाटिकन रेडियो के क्लेर रियोब से बात करते हुए, उन्होंने बताया कि सीमा पार करने वालों की बढ़ती हताशा, जिनमें से कई यह भी नहीं जानते हैं कि उन्हें कहाँ जाना है, आसानी से तस्करों और यौन शिकारियों के हाथों आ जाते है।

नेस्टरोवा का कहना है कि उनकी टीम को सीमा पार करने वाले शरणार्थियों के पास आने वाले तस्करों के बढ़ते जोखिम के बारे में अग्रिम पंक्ति के नागरिक समाज संगठनों और स्वयंसेवकों से हर दिन जानकारी प्राप्त होती है।

नेस्टरोवा ने कहा, "पिछले चार हफ्तों में 3.5 मिलियन या उससे भी अधिक लोगों ने यूक्रेन की सीमाओं को पार कर लिया है। हम मामलों की सुनवाई कर रहे हैं, स्वयंसेवक होने का नाटक करने वाले लोग जो नए आने वाले शरणार्थियों से संपर्क करते हैं। उन्हें दूसरे देशों में जाने के लिए परिवहन, काम देने और आवास की पेशकश करते हैं, कभी-कभी उन्हें उनके पासपोर्ट के बदले पैसे या अन्य प्रकार की मदद की पेशकश भी करते हैं।"

अकेले बच्चे

नेस्टरोवा आगे कहती हैं, "ऐसी खबरें आई हैं, जिनमें लोगों का यौन शोषण किया जा रहा है - विशेष रूप से युवा लोग और ऐसे मामले सामने आए हैं जिनमें अकेले या अलग हुए बच्चों का पता नहीं है।"

दुर्भाग्य से, अनाथ बच्चों की संख्या काफी अधिक है, "जिनमें से कई को देश से बहुत जल्दी निकालना पड़ा है।" उनमें से कुछ, सीमा पार कर चुके हैं, अकेले हैं, हमेशा ठीक से पंजीकृत नहीं हैं या संबंधित सेवाओं के संपर्क में नहीं हैं।

संकट का फायदा उठाते आपराधिक नेटवर्क

नेस्टरोवा बताती हैं कि इस तरह की मानवीय संकटों की स्थितियों में, बड़ी संख्या में संगठित, अच्छी तरह से स्थापित आपराधिक नेटवर्क सक्रिय होते हैं और शरणार्थियों के दुख और कठिनाईयो का फायदा उठाते हैं।

साथ ही, कुछ व्यक्तिगत अवसरवादी दुर्व्यवहार करने वाले हैं जो स्थिति का लाभ उठा रहे हैं।

दोनों ही मामलों में, "जोखिम यह है कि कमजोर लोग जो सहायता के लिए बेताब हैं, जो शारीरिक और मानसिक रूप से थके हुए हैं, बीमार हैं, लंबे समय से भोजन या दवा नहीं ले रहे हैं, उन प्रस्तावों को स्वीकार करते हैं। इस मानवीय संकट में ठीक ऐसा ही हो रहा है जैसा कि हम जानते हैं।

तस्करों के लिए  एक आकर्षक अपराध

नेस्टरोवा बताती हैं कि मानव तस्करी, एक बहुत ही आकर्षक अपराध है, जो अपेक्षाकृत कम जोखिम और लाभकारी है। मानव तस्करी में वस्तु वह व्यक्ति है जिसका वेश्यावृत्ति के लिए, काम के लिए, अंगों को बेचने के लिए या जबरन भीख मांगने के लिए शोषण किया जाता है।

वे कहती हैं, “जब आपके पास बड़ी संख्या में हताश लोग हैं जो उस देश की भाषा नहीं बोलते या जो अपने आस-पास के परिवेश को नहीं जानते हैं, जिनके पास बहुत कम पैसा है, उन्हें काम या आश्रय की सख्त जरूरत है। वे आसानी से अवैध व्यापार करने वालों का शिकार हो जाते हैं। उन्हें आवास या काम देकर धोखा दिया जाता है और फिर उनका विभिन्न तरह से शोषण किया जाता है।

नेस्टरोवा कहती हैं, "सीमा पर, हमें वास्तव में सीमा पार करने वाले लोगों के उचित पंजीकरण की आवश्यकता है," और यह इस तरह से किया जाना चाहिए कि कमजोर लोगों की पहचान की जाए।

कमजोर लोगों के समूहों को तुरंत उचित संरचनाओं के संपर्क में रखा जाना चाहिए, उदाहरण के लिए अकेले बच्चों को हमेशा देश की बाल संरक्षण सेवाओं के संपर्क में रखा जाना चाहिए।

एक और महत्वपूर्ण उपाय, यह सुनिश्चित करने के लिए कि शरणार्थी स्वयं जोखिम के प्रति सतर्क हैं। वह कहती हैं कि यह पहले से ही कुछ संगठनों की बदौलत हो रहा है जो सीमा पर सामग्री वितरित कर रहे हैं। कई शरणार्थी आपस में संवाद करने के लिए व्हाट्सएप या टेलीग्राम जैसे सोशल मीडिया नेटवर्क का उपयोग कर रहे हैं।

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26 March 2022, 15:10