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मारियुपोल में बमबारी मारियुपोल में बमबारी 

मारियुपोल की घेराबंदी 'आतंक का ऐतिहासिक कृत्य', यूक्रेनी राष्ट्रपति

यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर ज़ेलेंस्की का कहना है कि रूस द्वारा मारियुपोल के बंदरगाह शहर की घेराबंदी एक आतंक का कार्य है जिसे सदियों तक याद किया जाएगा। हजारों निवासियों को रूस भेजे जाने की रिपोर्ट मिली है।

माग्रेट सुनीता मिंज-वाटिकन सिटी

मारियुपोल, सोमवार 21 मार्च 2022 (वाटिकन न्यूज) : स्थानीय यूक्रेनी परिषद का कहना है कि रूसी सेना ने शनिवार को मारियुपोल कला विद्यालय पर बमबारी की, जिसमें 400 निवासियों ने शरण ली थी।

रूसी सेना ने कथित तौर पर नागरिक स्थानों जैसे बच्चों के अस्पताल और एक थिएटर पर बमबारी की, जहां 1,300 लोग छिपे हुए थे।

बचाव के प्रयास चल रहे थे, इन हमलों में मरने वालों की अंतिम संख्या स्पष्ट नहीं थी। हालांकि मॉस्को ने नागरिक स्थलों को निशाना बनाने से इनकार किया है।

स्थानीय अधिकारियों का यह भी कहना है कि रूसी सेना ने हजारों निवासियों को रूस भेज दिया है। फिर भी, रूसी समाचार एजेंसियों ने स्वीकार किया कि मास्को जिसे शरणार्थी कहता है, उनमें से कई सौ को मारियुपोल से बसों में ले जाया गया था।

यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर ज़ेलेंस्की ने रूस पर युद्ध अपराधों का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा, "युद्ध अपराधों का उदाहरण मारियुपोल है। एक शांतिपूर्ण शहर को तबाह करना, कब्जा करने वालों का एक आतंकी कार्य है जिसे सदियों तक याद किया जाएगा।"

मारियुपोल के 400,000 निवासियों में से कई दो सप्ताह से अधिक समय से फंसे हुए हैं। रूस शहर पर नियंत्रण चाहता है जो क्रीमिया प्रायद्वीप के लिए एक भूमि गलियारे को सुरक्षित करने में मदद करेगा जिसे मास्को ने 2014 में यूक्रेन से अलग कर लिया था।

युद्ध के मैदान की पीड़ा

यूक्रेन में युद्ध जारी है, युद्ध के मैदानों पर भी पीड़ा बढ़ी है। मरने वालों की संख्या दोनों तरफ बढ़ रही है, जिनमें वे लोग भी शामिल हैं जिनकी जिंदगी अभी शुरू हुई थी। 24 फरवरी को युद्ध शुरू होने के बाद से हजारों रूसी और यूक्रेनी सैनिक मारे जा चुके हैं।

हाल के दिनों में, कीव के बाहर यूक्रेनी सेना ने युद्ध के कैदियों के लिए उन्हें बदलने की उम्मीद में रूसी सैनिकों के शवों को बरामद किया है। स्थानीय निवासी स्वीकार करते हैं कि मारे गए कुछ रूसी सैनिकों को बम क्रेटर में फेंक दिया गया था।

यूक्रेन के राष्ट्रपति ज़ेलेंस्की का दावा है कि रूसी सेना को कड़े प्रतिरोध का सामना करना पड़ा है। "उन जगहों पर जहां विशेष रूप से भयंकर लड़ाई हुई थी, रूसी सैनिकों के शव हमारी रक्षा की रेखा के बीच ढेर हो गए और कोई भी इन शवों को इकट्ठा नहीं कर रहा है।"

रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने यूक्रेन पर 24 फरवरी से शुरू हुए हमले को "विशेष अभियान" बताया। उन्होंने दावा किया कि इसका उद्देश्य यूक्रेन को विसैन्यीकरण करना और उन लोगों को जड़ से उखाड़ना है जिन्हें वह नाज़ियों और खतरनाक राष्ट्रवादियों के रूप में देखते हैं।

तुर्की मध्यस्थता की भूमिका

असफलताओं के बावजूद, दोनों पक्षों ने संकेत दिया है कि वे शांति वार्ता जारी रखना चाहते हैं जिसमें तुर्की मध्यस्थता की भूमिका निभाता है।

तुर्की ने रविवार को बताया है कि यूक्रेन और रूस के बीच युद्ध को रोकने के लिए चल रही वार्ता में प्रगति हुई है और दोनों पक्ष समझौते के नज़दीक पहुंच गए हैं।

तुर्की के विदेश मंत्री मेव्लुत चोवाशुग्लू ने रविवार को दिए एक बयान में कहा है, "ज़ाहिर तौर पर, जब युद्ध में आम नागरिक मारे जा रहे हैं, सहमति बनना आसान नहीं है। इसके बावजूद बात आगे बढ़ी है।"

उन्होंने कहा, "हम देख रहे हैं कि दोनों ही पक्ष समझौते के क़रीब पहुंच रहे हैं।" तुर्की के विदेश मंत्री ने इस सप्ताह यूक्रेन और रूस की यात्रा की थी।

तुर्की के यूक्रेन और रूस दोनों से मज़बूत संबंध हैं और तुर्की ने एक मध्यस्थ की भूमिका निभाने की कोशिश की है। पिछले सप्ताह ही तुर्की ने यूक्रेन और रूस के विदेश मंत्रियों की मेज़बानी की थी।

चोवाशुग्लू ने बताया कि तुर्की दोनों ही देशों की वार्ताकार टीमों के संपर्क में है। हालांकि उन्होंने इस बारे में और अधिक जानकारी नहीं दी। चोवाशुग्लू ने कहा, "हम एक ईमानदार मध्यस्थ की भूमिका निभा रहे हैं।"

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21 March 2022, 16:49