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मलेशिया अभूतपूर्व बाढ़ की चपेट में

मलेशिया के आधे राज्यों में अभूतपूर्व भारी बारिश के कारण काथलिक कलीसिया प्रभावित लोगों की सहायता के लिए सरकारी एजेंसियों के साथ जुड़ गई है।

माग्रेट सुनीता मिंज-वाटिकन सिटी

मलेशिया, मंगलवार 4 जनवरी 2022 (वाटिकन न्यूज) : दक्षिण-पूर्व एशियाई देश मलेशिया के 13 में से 7 राज्य बाढ़ की चपेट में हैं। राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन एजेंसी (एनडीएमए) ने कहा कि हजारों लोगों को निकाला गया है। दो सप्ताह की भारी बारिश से प्रभावित लोगों की संख्या 125,000 से अधिक हो गई है।

सात राज्य बाढ़ से प्रभावित

एनडीएमए का हवाला देते हुए रॉयटर्स ने कहा कि केलंतन, तेरेंगानु, पहांग, जोहोर, मलक्का, नेगेरी सेम्बिलान और सबा राज्य अभी भी बाढ़ से प्रभावित हैं और 128 राहत केंद्रों में 8,700 से अधिक लोग शरण लिये हुए हैं। देश भर में बाढ़ से कुल 125,490 लोग प्रभावित हुए हैं, जिनमें से 117,700 लोग अपने स्थान लौट चुके हैं।

अक्टूबर और मार्च के बीच वार्षिक मानसून के मौसम के दौरान मलेशिया के पूर्वी तट पर बाढ़ आना आम है, लेकिन 17 दिसंबर से शुरू हुई असामान्य रूप से भारी बारिश से नदियों और शहरों में बाढ़ आ गई। मलेशिया का सबसे अमीर राज्य सेलांगोर - देश का वाणिज्यिक केंद्र - सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ है।

शनिवार को सोशल मीडिया पर एक पुलिस पोस्ट के मुताबिक, बाढ़ में 50 लोगों की मौत हो गई है और दो लापता हैं।

4 दिसंबर तक खराब मौसम

मौसम विभाग (मेटमलेशिया) ने मंगलवार तक पहांग और जोहोर राज्यों में लगातार भारी बारिश के साथ नारंगी स्तर के खराब मौसम की चेतावनी जारी की है। एनडीएमए ने सोमवार को घोषणा की कि पहांग और जोहोर राज्यों के 2 जिले इस चेतावनी में शामिल हैं। इस बीच, 3 राज्यों के 10 जिलों के लिए पीले स्तर की लगातार बारिश की चेतावनी जारी की गई थी। सिंचाई और जल निकासी विभाग ने भी 2-5 जनवरी के बीच उच्च ज्वार की चेतावनी जारी की, प्रायद्वीप के पश्चिमी तट पर निवासियों को सावधान किया गया है।

मलेशियाई सरकार ने कहा कि वह इस महीने भीषण बाढ़ से प्रभावित लोगों के लिए 1.4 बिलियन रिंगित (336.22 मिलियन डॉलर) नकद सहायता और अन्य प्रकार की राहत प्रदान करेगी। यह जलवायु परिवर्तन के अनुकूल एक राष्ट्रीय योजना विकसित करने के लिए संयुक्त राष्ट्र हरित जलवायु कोष से $3 मिलियन की भी मांग कर रहा है।

काथलिक कलीसिया द्वारा राहत कार्य

मलेशिया की काथलिक कलीसिया ने भी राहत कार्य के लिए चंदा जमा करना शुरु किया है।

कलीसिया की सामाजिक और विकास शाखा कारितास मलेशिया को 22 जनवरी तक अपने राहत कोष में दान देने का आग्रह करते हुए धन जुटाने का काम सौंपा गया है। कलीसिया ने कहा कि धन का उपयोग भोजन और आपूर्ति खरीदने, अस्थायी आश्रय प्रदान करने और पीड़ितों के जीवन के पुनः पटरी में लाने हेतु मदद करने के लिए किया जाएगा।

कार्रवाई में पल्ली की इकाइयां

जब सेलांगोर राज्य के क्लैंग में लूर्द की माता मरियम पल्ली के समग्र मानव विकास संगठन के सदस्य क्रिसमस से पहले गरीबों के लिए मासिक भोजन राशन तैयार कर रहे थे, तभी पल्ली में बाढ़ आई जिससे हजारों घर और संपत्ति जलमग्न हो गई।

फादर फ्रेडरिक जोसेफ के नेतृत्व में, पल्ली तुरंत बाढ़ राहत प्रयासों का केंद्र बिंदु बन गयी। सभी पृष्ठभूमि और धार्मिक संबद्धता, काथलिक संगठनों, अंतर-धार्मिक समूहों, संघों और कॉर्पोरेट निकायों के सामान्य लोग, हर संभव सहायता करने में तत्पर थे। एक मुस्लिम समूह ने बाढ़ से पीड़ित बच्चों को खुश करने के लिए क्रिसमस के तोहफे भी भेजे। पल्ली की आवे मारिया सूप किचन प्रभावित क्षेत्रों में पीड़ितों के लिए गर्म भोजन तैयार कर रही है।

फातिमा पल्ली के फादर क्लेरेंस देवदास ने उल्लेख किया कि मलेशियाई, सामान्य रूप से, उदार हैं, लेकिन हाल की बाढ़ ने उनकी उदारता को स्पष्ट रुप से उजागर किया है।

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04 January 2022, 16:34