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दक्षिणी सूडान में बाढ़ की स्थिति दक्षिणी सूडान में बाढ़ की स्थिति 

दक्षिण सूडानः बाढ़ प्रभावितों को संत पापा की सहायता

संत पापा फ्रांसिस ने अक्टूबर में अफ्रीकी देश को 75,000 अमेरीकी डालर भेजे। बेंतीउ में हजारों की संख्या में लोगों को शरणार्थी शिविरों में रहने को मजबूर होना पड़ रहा है।

दिलीप संजय एक्का- वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, बुधवार, 09 दिसम्बर 21 (रेई। संत पापा फ्रांसिस ने विगत अक्टूबर में मानव समग्र विकास हेतु गठित परमधर्मपीठीय समिति के माध्यम, दक्षिण सूडान के मलाकल प्रांत में बाढ़ से प्रभावित आबादी की सहायता हुए 75,000 अमेरीकी डालर भेजे।

इस योगदान के अलावे,  हाल ही में 30,000 अमेरीकी डालर की सहायता एक अन्य राशि  कार्डिनल कोनराड क्रेजेवस्की द्वारा वाटिकन दान पुण्य हेतु गठित कोषगार से निर्गत किया गया जिससे दक्षिणी सूडान के बाढ़ प्रभावितों को गंभीर मानवीय आपात की स्थिति में संत पापा फ्रांसिस का समीप्य प्रकट किया जा सके।

करुणा के इस कार्य का निष्पादन माता मरियम के निष्कलंक गर्भाधारण महापर्व के दिन महाधर्ममाध्यक्ष स्तीफन न्योधो अदोर मजवोक के साथ प्रेरितिक प्रवेक्षक महाधर्माध्यक्ष इयोनट पॉल स्ट्रेजैक ने इस कार्य का निर्वाहन किया। उन्होंने बाढ़ प्रभावितों के लिए अति जरुरत की चीजें जैसे पालस्टिक सीटों, कबंल, सोने हेतु बिछावन के साथ-साथ पर्दों उपलब्ध कराये।  

देश का सबसे बड़ा विस्थापित शिविर बेंतीउ में स्थित है। 2013 के गृहयुद्ध के बाद से करीबन 120,000 से अधिक लोगों ने संयुक्त राष्ट्र के तत्वावधान वहाँ आश्रय पाया। वे जो अपनी जमीन पर खेती करने के लिए लौटने की कोशिश कर रहे थे, उन्हें आंतरिक रूप से विस्थापित लोगों (आईडीपी) के शिविर में रहने को मजबूर होना पड़ रहा है। पिछले अगस्त में प्रांत के अधिकांश हिस्से में आये बाढ़ के कारण 50,000 अन्य लोग इन शिविरों में आ चुके हैं।

इन शिविरों में लोगों की संख्या बढ़ती जा रही है। हर दिन माताएं अपने बच्चों के साथ बेंतीउ पहुंचती रहती हैं, क्योंकि यही एकमात्र ऐसा क्षेत्र सुरक्षित है, जो मिशन साउथ सूडान द्वारा बनाए गए बांधों से सुरक्षित रहने की जगह रह गई है। पुरुष बचे हुए कुछ पशुओं को सुरक्षित करने की कोशिश करते हैं, जबकि फसल और खाद्य आपूर्ति साधन नष्ट हो गये हैं।

देश में एक लाख से अधिक लोग बाढ़ से प्रभावित हैं,  जिसमें मलकाल के प्रांत के उनीती के राज्य, ऊपरी नील और जोंगले राज्य शामिल हैं।

8 दिसंबर की सुबह, माता मरियम के निष्कलंक गर्भाधारण के महोत्सव पर संत पापा फ्रांसिस ने पियात्सा दे स्पानिया, मरियम प्रागँण की भेंट करते हुए उन सबों के लिए प्रार्थना अर्पित की जो युद्ध और जलवायु परिवर्तन के शिकार हैं। 

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09 December 2021, 15:47