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सेव द चिल्ड्रन संगठन के तत्वाधान में मुम्बई में बच्चों ने मनाया क्रिसमस,  तस्वीरः 25.12.2021 सेव द चिल्ड्रन संगठन के तत्वाधान में मुम्बई में बच्चों ने मनाया क्रिसमस, तस्वीरः 25.12.2021 

2022 में बच्चों को करना पड़ेगा सात चुनौतियों का सामना

विगत सौ वर्षों से बच्चों के कल्याण हेतु समर्पित "सेव द चिल्ड्रन" नामक लोकोपकारी संगठन ने उन सात चुनौतियों की सूची प्रकाशित की है जिनका सामना 2022 के दौरान विश्व के बच्चों को करना पड़ेगा।

जूलयट जेनेवीव क्रिस्टफर-वाटिकन सिटी

रोम, शुक्रवार, 31 दिसम्बर 2021 (रेई, वाटिकन रेडियो): विगत सौ वर्षों से बच्चों के कल्याण हेतु समर्पित "सेव द चिल्ड्रन" नामक लोकोपकारी संगठन ने उन सात चुनौतियों की सूची प्रकाशित की है जिनका सामना 2022 के दौरान विश्व के बच्चों को करना पड़ेगा। इन चुनौतियों में भुखमरी एवं कुपोषण, जलवायु परिवर्तन के दुष्प्रभाव, शिक्षा का अभाव, युद्ध, सशस्त्र दलों के साथ संलग्नता, आप्रवास एवं बाल मृत्यु को गिनाया गया है।      

क्षुधा, युद्ध और जलवायु परिवर्तन

बच्चों के कल्याण एवं उन्हें एक सुरक्षित भविष्य की गारंटी देने के लिये अपनी प्रतिबद्धता की पुनरावृत्ति करते हुए "सेव द चिल्ड्रन" संगठन ने जो आँकडें प्रकाशित किये हैं, उनके अनुसार, 2022 में पांच वर्ष की आयु से कम विश्व के कम से कम 20 लाख बच्चे भुखमरी एवं कुपोषण का सामना करेंगे, जिससे बच्चों में मृत्यु दर 30 वर्ष में पहली बार ऊंची होगी। कोविद महामारी के कारण विश्व के 11.7 करोड़ बच्चे स्कूल नहीं जा पायेंगे, 45 करोड़ बच्चे युद्धग्रस्त क्षेत्रों में जीवन यापन के लिये बाध्य हैं तथा प्रतिदिन कम से कम 25 बच्चे सशस्त्र दलों द्वारा सैनिकों के रूप में काम करने के लिये बाध्य किये जाते हैं। इसके अतिरिक्त विश्व के लाखों बच्चों को जलवायु परिवर्तन के दुष्प्रभावों के कारण अन्यत्र पलायन करना पड़ेगा।  

कोविद से बच्चों की दशा और हुई ख़राब

 सेव द चिल्ड्रन की विज्ञप्ति के अनुसार, प्रथम विश्व युद्ध के उपरान्त सन् 1918 में एलेगानतीन जेब द्वारा बच्चों को एक सुनिश्चित भविष्य प्रदान करने के लिये "सेव द चिल्ड्रन" संगठन की स्थापना की गई थी। विगत दो वर्षों से जारी कोविद महामारी के कारण विश्व की अर्थव्यवस्था तहस-नहस हुई है तथा संगठन के कार्यों को खासा धक्का लगा है।  इस परिदृश्य में, बच्चों को "कोविड पीढ़ी" के रूप में याद किया जाएगा, जो इस महामारी की सबसे बड़ी कीमत चुकाने का जोखिम उठा रहे हैं।

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31 December 2021, 10:59