खोज

माइकल हद्दाद (बांये) वाटकन संचार विभाग के सचिव मोन्सिन्योर रुइज और राजदूत  पिएत्रो सेबास्तियानी माइकल हद्दाद (बांये) वाटकन संचार विभाग के सचिव मोन्सिन्योर रुइज और राजदूत पिएत्रो सेबास्तियानी 

माइकल हद्दाद: आशा एक बीज है जिसे संरक्षित किया जाना चाहिए

माइकल हद्दाद, छाती से नीचे लकवाग्रस्त हैं उन्हें संत पापा फ्राँसिस द्वारा आशीर्वादित एक पुस्तक दिया गया है, जिसे वे आने वाली पीढ़ियों के लिए संरक्षित करने की आशा में, नॉर्वे के बीज बैंक में अपने साथ ले जाएंगे।

माग्रेट सुनीता मिंज-वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, शनिवार 18 दिसम्बर 2021 (वाटिकन न्यूज) : रोम के पलाज्जो बोर्रोमेओ में परमधर्मपीठ के लिए इटली दूतावास में माइकल हद्दाद ने खड़े होकर जलवायु आपातकाल की तात्कालिकता के बारे में लगभग 50 लोगों को संबोधित किया।

जलवायु आपातकाल

उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि, जलवायु आपातकाल एक वैश्विक घटना है, इसके परिणाम हमेशा स्थानीय स्तर पर महसूस किए जाते हैं और हम सभी जलवायु परिवर्तन के परिणाम भुगतते हैं, लेकिन कुछ दूसरों की तुलना में अधिक प्रभावित हैं। उन्होंने कहा कि वे विशेष रूप से दुनिया की 15% आबादी का जिक्र कर रहे थे, सबसे बड़ा अल्पसंख्यक, जो विकलांग हैं।

संत पापा के साथमाइकल हद्दाद
संत पापा के साथमाइकल हद्दाद

माइकल ने कहा, जब जलवायु परिवर्तन की बात आती है तो हम पहले ही वापसी के बिंदु पर पहुंच चुके हैं। "लेकिन साथ ही, हम निराशा नहीं हो सकते"।

विश्वास, दृढ़ संकल्प, आशा

माइकल खुद खड़ा होता है और केवल एक्सोस्केलेटन की मदद से चलता है, एक दुर्घटना के बाद उसे छाती से नीचे लकवा मार गया था जब वह केवल छह साल का था।

लेकिन यद्यपि वह एक एक्सोस्केलेटन का उपयोग करता है, वैज्ञानिकों को यह समझाना कठिन लगता है कि माइकल अपनी स्थिति में कैसे खड़ा हो सकता है, चल सकता है और यहां तक कि सीढ़ियां भी चढ़ सकता है। माइकल के पास तीन चीजें है: विश्वास, दृढ़ संकल्प और आशा।

शुक्रवार को इतालवी दूतावास में आयोजित कार्यक्रम में, प्रतिभागियों ने यूएनडीपी द्वारा बनाए गए एक वीडियो को देखा, जिसमें डॉक्टरों और वैज्ञानिकों ने माइकल की स्थिति के बारे में बातें कीं। उन्होंने कहा कि उसे खड़ा होने और  चलने की तो बात ही नहीं करनी चाहिए, या सीढ़ियाँ भी नहीं चढ़नी चाहिए।

सभी बाधाओं को पार करना

पर्यावरण के मुद्दों के लिए संयुक्त राष्ट्र के सद्भावना राजदूत के रूप में, माइकल ने कई मिशनों को पूरा किया है, जिसमें छोटी पैदल दूरी से लेकर मैराथन तथा पहाड़ों पर चढ़ना भी शामिल है। विशेष रूप से एक मैराथन एक अस्पताल के लिए धन जुटाने हेतु था, अपने देश लेबनान की राजधानी बेरूत में बमबारी को दौरान अस्पताल के भवन प्रभावित हुए थे।

माइकल हद्दाद के हाथों में संत पापा कीकी पुस्तक “आप क्यों डरते हैं? क्या आपको कोई विश्वास नहीं है?”
माइकल हद्दाद के हाथों में संत पापा कीकी पुस्तक “आप क्यों डरते हैं? क्या आपको कोई विश्वास नहीं है?”

उनका अगला मिशन उत्तरी ध्रुव की यात्रा है और अपने साथ संत पापा फ्राँसिस की पुस्तक “आप क्यों डरते हैं? क्या आपको कोई विश्वास नहीं है?”  ले जा रहे हैं। यह पुस्तक कोविड-19 महामारी के दौरान संत पापा द्वारा उच्चारित सबसे महत्वपूर्ण शब्दों को एकत्रित करता है। हालाँकि, यह संस्करण थोड़ा अलग होगा, क्योंकि इसे स्वयं संत पापा फ्रांसिस ने आशीर्वाद दिया है।

आशा ही एक बीज है

इतालवी दूतावास में वाटिकन न्यूज से बात करते हुए, माइकल ने बताया कि यह पुस्तक स्वालबार्ड ग्लोबल सीड वॉल्ट के बंकर में जाएगी, जो दुनिया की सबसे बड़ी और सबसे सुरक्षित बीज तिजोरी है, जो ग्रह की जैव विविधता की सुरक्षा का प्रतीक है। नॉर्वे में आर्कटिक सर्कल से 1,300 किलोमीटर दूर स्थित है।

माइकल ने कहा कि यह पुस्तक भी एक बीज है, लेकिन "एक अलग तरह का बीज", आशा का एक बीज जिसे "पूरी दुनिया में फैलाना" चाहिए। इसलिए इसे संरक्षित किया जाना चाहिए। आशा के इस बीज के साथ, माइकल "जलवायु एजेंडे के बारे में संवाद करने के लिए लोगों को आमंत्रित करने" की अपनी यात्रा पर जा रहे हैं। हमारे लिए और विशेष रूप से विश्व के नेताओं के लिए, जलवायु संकट के बारे में बात करना और कार्य शुरू करना महत्वपूर्ण है।"

Thank you for reading our article. You can keep up-to-date by subscribing to our daily newsletter. Just click here

18 December 2021, 15:29