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2021.12.08 Nelson Mandela con la figlia, Makawize. 2021.12.08 Nelson Mandela con la figlia, Makawize. 

मकाज़ीवे मंडेलाः मेरे पिता साहस और सपनों के व्यक्ति रहे

वाटिकन मीडिया साक्षात्कार में, अलेजान्द्रो जिसोत्ती ने, नोबेल शांति पुरस्कार विजेता, नेल्सन मंडेला की बेटी से कई सवाल पूछे।

दिलीप संजय एक्का-वाटिकन सिटी

नेल्सन मंडेला की मृत्यु के दस वर्षों बाद भी वे विश्व के लिए बहुचर्चित व्यक्तित्व हैं, आप क्या सोचते हैं वे क्यों आज भी हमारे लिए महत्वपूर्ण हैंॽ

नेल्सन मंडेला की पुत्री मकाज़ीवे मंडेला ने कहा कि मेरे पिता साहस और सपनों के व्यक्ति थे। उन्होंने एकता की ताकत पर विश्वास किया यदि सारी दुनिया आपसी एकता में बने रहती तो वे किसी भी अन्याय का अंत कर सकते हैं। नम्रता, दृढ़ता, ईमानदारी और क्षमा उनके जीवन के मूलभूत गुण थे। वे उस परिस्थिति में पले बढ़े जहाँ सबों को बिना भयभीत हुए अपने विचारों को अभिव्यक्त करने की स्वतंत्रता थी। नेता अपने लोगों के चरवाहे और संरक्षक हुआ करते थे जिन्होंने अपने लोगों के अधिकार और स्वतंत्रता को बढ़ा दिया। उन्होंने अपने उत्तरदायित्व को एक नेता की भांति बहुत ही गंभीरता से निभाया। उनके विचार जो आज भी प्रासंगिक हैं, यह हमारे ऊपर निर्भर करता है हम अपना जीवन कैसे जीना चाहते हैं, अच्छी और बुरी चीजों होती रहती हैं, लेकिन हम समाज में अन्याय, पूर्वाग्रह, क्रूरता और हिंसा से लड़ने हेतु प्रतिबद्ध हैं। उन्होंने सिर्फ काले लोगों की स्वतंत्रता हेतु लड़ाई नहीं लड़ी बल्कि उन्होंने पूरी दक्षिणी अफ्रीका की स्वतंत्रता हेतु लड़ाई लड़ी।

दुर्भाग्यपूर्ण तरीके से, दुनिया में हर दिन हमें नस्लवाद और भेदभाव का सामना करना पड़ता है। आपकी राय में, मानव इतिहास में घर कर गई बुराइयों का सामना करने हेतु नेल्सन मंडेला आज क्या करतेॽ

रीभोनिया प्रकरण के समय में मेरे पिता ने कहा कि उन्होंने गोरे लोगों के वर्चस्व के विरूध लड़ाई लड़ी लेकिन उन्होंने काले लोगों के अधिपत्य के विरूध भी संघर्ष किया। उन्होंने इस बात पर विश्वास किया कि कोई भी जाति दूसरे से श्रेष्ठ नहीं है, यदि सही अर्थात में देखा जाये तो एक ही जाति है, और वह है मानव जाति। मेरे पिता ने लोगो को उनके व्यक्तित्व और उनके मूल्यों के आधार पर देखा। यदि वे आज होते तो निराश होते, क्योंकि राजनीति में अति दक्षिणपंथ का उदय, नस्लवाद, सांस्कृतिक युद्ध और अहंकार, जातीयता, भय, आदिवासीवाद, लिंग हिंसा, धार्मिक असहिष्णुता को हथियार बनाया जा रहा है जिससे पूरी लोकतांत्रिक दुनिया को अस्थिर किया जा सकें। वे हमें यह बतलाते कि स्वतंत्र हमें यूं ही नहीं मिली है अपितु लोगों के अपने को इसके लिए कुर्बान किया है जिससे हमें समानता का अधिकार मिलें। वे इस बात में विश्वास करते थे कि सारी चीजें मानव के द्वारा निर्मित हैं जिसे हम छुटकारा पा सकते हैं। मेरे पिता के पूर्वज, राजा न्गुबेंगकुका के बारे में कहा जाता है कि उन्होंने थेंबु प्रांत का निर्माण किया जहाँ विभिन्न समुदाय के लिए, प्रवासी एक साथ रहा करते थे। उस प्रांत में विभिन्न समुदाय को लोगों का एक ही जीवन दर्शन था। इस देश की विविधता हमारे परिवार का अंग है जो एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी को दी जाती है जहाँ हम विभिन्न लोगों के भिन्न-भिन्न विचारों का आलिंगन करते हैं। मेरे पिता का विश्वास था समाज में एक विशेष स्तर को बनाये रखना विकास का शुत्र होता है अतः हमें लोगों की भांति विकास करने की जरूरत है। आज जो चीजें हो रही हैं उन्हें देखकर वे निराशा होते, वे कहते कि हम अपने अंधकारमय दिनों की ओर वापस जा रहे हैं।

आप के पिता कहा करते थे, “शिक्षा सबसे बड़ा शस्त्र है जिसके द्वारा विश्व को बदला जा सकता है”। आपके व्यक्तिगत अनुभव के आधार पर इस मुद्दे पर आपकी क्या राय हैॽ

मेरे पिता केवल मुख्यधारा की औपचारिक शिक्षा की बात नहीं करते थे। उनका मानना ​​था कि लोग किताबों के माध्यम से खुद को शिक्षित कर सकते हैं, वे किताबों के साथ दूर-दूर तक यात्रा कर सकते हैं, अन्य संस्कृतियों के बारे में जान सकते हैं, वास्तव में यह समझ सकते हैं कि दूसरे लोग कैसे रहते हैं। स्कूल जाने का उद्देश्य केवल किताबी ज्ञान पाना नहीं है लेकिन दूसरों के साथ समांजस्य में जीवन जीना है। उन्होंने इस बात पर विश्वास किया कि शिक्षा दूसरों के संग संबंध स्थापित करने की आधारशिला है जहाँ हम एक दूसरे के बारे में चीजों को जानते हैं। कोविड ने हम सबों को एक ही धरालत में लाकर खड़ा कर दिया है यह प्राकोप हमारे रंग-रुप, धनी-गरीब और शिक्षित या अशिक्षित होने को नहीं देखता है। हमें, वास्तव में, इस तथ्य के प्रति जागरूक होने की आवश्यकता है कि राजा रंग के अलावे, बहुत थोड़ी चीजें हैं जो हमें अलग करती हैं और हम सभी इस दुनिया में जीवन जीने के अधिकार को विरासत के रुप में प्राप्त करते हैं।

जब आपके पिता की मृत्यु हुई, तो संत पापा फ्राँसिस ने आशा व्यक्त की कि उनका उदाहरण दक्षिण अफ्रीका की पीढ़ियों को “न्याय और सामान्य भलाई को उनकी राजनीतिक आकांक्षाओं में सबसे आगे रखने" के लिए प्रेरित करेगा। नई अफ्रीकी पीढ़ियां किस हद तक - न केवल दक्षिण अफ्रीका में - अभी भी नेल्सन मंडेला से कितनी प्रेरित हैॽ

बहुत से लोगों ने माना लिया था कि दक्षिण अफ्रीका और पूरी दुनिया में युवा पीढ़ी खो गई है, लेकिन ब्लैक लाइव्स मैटर आंदोलन और अन्य सामाजिक न्याय आंदोलनों ने साबित कर दिया है कि वे मजबूत रूप में मौजूद हैं और वे नस्लवाद, असमानता, गरीबी और लिंग आधारित हिंसा के खिलाफ लड़ने को तैयार हैं। ये सभी जातियों और सभी क्षेत्रों के युवा हैं जो राजनेताओं को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं और उन्हें याद दिला रहे हैं कि  उनकी प्रथम जवाबदेही लोगों के प्रति हैं न कि अपने घमंड की, जो वास्तव में मुझे प्रोत्साहित करता है और मुझे आशावान बनता है कि इस दुनिया में सब कुछ नहीं खो है। यदि आप अफ्रीका को देखें, तो युवा अपनी सरकारों से बनी-बनाई समाधानों की प्रतीक्षा नहीं करते हैं, वे पानी और स्वच्छता, खाद्य सुरक्षा, शिक्षा, ऊर्जा और बिजली के साथ-साथ जलवायु परिवर्तन से निपटने के तरीकों में नये समाधान को लाते हैं। ये युवा न केवल अपने जीवन में सुधार लाने के प्रति ईमानदार हैं, बल्कि अपने समुदायों और देश के लोगों के जीवन को भी बेहतर बनाने के प्रति ईमानदार हैं। मेरे पिता हमेशा मानते थे कि अच्छे कार्यों की शुरूआत घर से होती है, अपने लोगों के द्वारा यदि वे चाहे तो।

नेल्सन मंडेला की तरह, संत पापा फ्रांसिस ने हमेशा परिवर्तन के लिए एक शक्ति के रूप में अहिंसा के मूल्य पर जोर दिया है। इस मूल्य को कैसे बढ़ावा दिया जा सकता है, खासकर युवा पीढ़ी के बीच ॽ

हमें इस बात पर जोर देने की आवश्यकता है कि हम दुनिया को घावों की चंगाई करें जो हमारे चारों ओर व्याप्त हैं। मेरे पिता ने महसूस किया कि अगर वह जेल जाने के दौरान क्रोध और कड़वाहट में जीवन जीते - तो वे अब भी एक स्वतंत्र व्यक्ति के रूप में जेल में ही होते। हमें अपने से भिन्न लोगों को प्रेम करना सीखना है जिससे हम उन्हें एकता के सूत्र में पिरो सकें। हमें सेतु का निर्माण करता है खास कर उनके मध्य जो बीमारियों, गरीबी और भूख से लड़ने हेतु हमारी मदद करते हैं। हमारे बीच में सभी समाधान हैं लेकिन कुछ कारणवश या शक्तिशाली उसका अनुपालन करने की चाह नहीं रखते हैं जो मुझे निराश करती है। आज हमें, वास्तव में, मानव स्वतंत्रता की अविभाज्यता को याद रखने की आवश्यकता है, हमारी स्वतंत्रता दूसरों की स्वतंत्रता के बिना पूर्ण नहीं हो सकती है।

व्यक्तिगत रूप में, आपके पिता ने आपको सबसे बड़ी, सबसे महत्वपूर्ण शिक्षा क्या दी है जो आपके जीवन में सबसे अधिक अर्थपूर्ण बनाता हैॽ

कोई भी अपनी त्वचा, संस्कृति या धार्मिक विश्वास के रंग के कारण दूसरे से नफरत करने के लिए पैदा नहीं हुआ है- हमें घृणा करने की शिक्षा दी जाती है, यदि हमें इसका पाठ पढ़ाया जाता तो हमें प्रेम की शिक्षा भी दी जा सकती है क्योंकि प्रेम की शिक्षा स्वाभाविक रुप में मानवीय भावना से आती है। व्यक्तिगत रुप में, मैं रोज दिन अपने प्रयास में दूसरों का सम्मान करने, उन्हें आदर देने और करूणावान होना का अभ्यास करती हूँ। मेरे पिता ने सबों के साथ ऐसे ही पेश आये चाहे वह रानी हो या गली में झांडू करना वाला व्यक्ति। उन्होंने सही अर्थ में विश्वास किया की मानव के रुप में हम सभी एक समान हैं। मैं अपने जीवन के हर आयाम में इस मूल्य को जीने का प्रयास करती हूँ।

 

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09 दिसंबर 2021, 15:52