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म्यानमार के काया राज्य स्थित एक गिरजाघर पर हमले के बाद का दृश्य म्यानमार के काया राज्य स्थित एक गिरजाघर पर हमले के बाद का दृश्य 

म्यांमार के जुंटा ने लोइकाव महागिरजाघर परिसर पर छापा मारा

म्यांमार की सेना ने सोमवार को काया राज्य में लोइकाव धर्मप्रान्त के महागिरजाघर और महाधर्माध्यक्षीय निवास के परिसर में लगभग 7 घंटे की छापेमारी की, जिसमें कई गिरफ्तारियां हुईं।

जूलयट जेनेवीव क्रिस्टफर-वाटिकन सिटी

म्यानमार, बुधवार, 24 नवम्बर 2021 (ऊका समाचार) म्यांमार की सेना ने सोमवार को काया राज्य में लोइकाव धर्मप्रान्त के महागिरजाघर और महाधर्माध्यक्षीय निवास के परिसर में लगभग 7 घंटे की छापेमारी की, जिसमें कई गिरफ्तारियां हुईं। ऊका समाचार के अनुसार, म्यांमार की सेना ने कायाह राज्य में महाधर्माध्यक्षीय निवास तथा कलीसिया द्वारा संचालित एक चिकित्सीय संस्था पर छापा मारा तथा 18 स्वास्थ्य कर्मियों को गिरफ्तार कर लिया।

काया राज्य की राजधानी लोइकाव में 200 से अधिक सैनिकों और पुलिस अधिकारियों ने क्राइस्ट द किंग महागिरजाघर परिसर पर धावा बोला। कलीसियाई अधिकारियों के अनुसार, 22 नवंबर को कारितास के करुणा क्लिनिक, महाधर्माध्यक्षीय निवास और महागिरजाघर की इमारत में सैनिक जबरन घुस आये।

स्वास्थ्य कर्मियों की गिरफ्तारी

सैनिकों ने कोविड -19 वायरस से संक्रमित चार रोगियों सहित लगभग 40 रोगियों को बाहर जाने के लिए मजबूर किया; और चिकित्सा उपकरणों के रिकॉर्ड को छीनने के अलावा, चार डॉक्टरों, नर्सों, फार्मासिस्टों और स्वयंसेवकों सहित 18 स्वास्थ्य कर्मियों को गिरफ्तार कर लिया।

एक कलीसियाई अधिकारी के अनुसार, "एक के बाद एक सैनिकों ने कम से कम तीन बार महाधर्माध्यक्ष निवास सहित इमारतों की जाँच की और तलाशी ली।" उन्होंने बताया कि सुबह नौ बजे से दोपहर चार बजे तक चली छापेमारी के दौरान अतिरिक्त सैनिकों को तैनात किया गया था तथा महागिरजाघर के परिसर की ओर जाने वाली सड़कों को अवरुद्ध कर दिया गया था।

लोइकाव महाधर्मप्रान्त के प्रतिधर्माध्यक्ष फादर फ्राँसिस सोए नियाँग ने ऊका समचार से कहा कि म्यानमार की कलीसिया बिना किसी भेदभाव के सम्पूर्ण देश में उदारता के कार्य कर रही है तथा उसे इसका कोई पता नहीं है कि क्यों कलीसियाई परिसरों में चापेमारी की गई।  

ख्रीस्तीय संस्थाएँ निशाने पर  

देश के आराधना स्थलों सहित धार्मिक संस्थानों और संपत्तियों पर छापे और हमले, पहली फरवरी के सैन्य तख्तापलट के बाद से सघन हुए हैं। तख्तापलट के बाद से राष्ट्रव्यापी विरोध, हड़ताल और लोकतांत्रिक नेता आंग सान सू की की रिहाई सहित सरकार की बहाली की मांग हेतु जारी एक सविनय अवज्ञा आंदोलन ने देश को अराजकता में डाल दिया है।

इसी बीच, ईसाई बहुल क्षेत्रों में काचिन, चिन, करेन और कायाह जातीय समूहों के बीच व्यापक संघर्ष के चलते ख्रीस्तीय संस्थाएँ सैन्य सरकार का निशाना बनी हैं। लोइकाव धर्मप्रान्त में कम से कम 10 ख्रीस्तीय पल्लियाँ हाल के संघर्ष से गंभीर रूप से प्रभावित हुई हैं, जिसमें काथलिक सहित 100,000 से अधिक लोग विस्थापित हुए हैं।

कलीसिया विस्थापित और बीमारों का आश्रय

 

ऊक समाचार से फादर नियाँग ने कहा कि कलीसिया स्वास्थ्य सेवाएँ तथा खाद्य सामग्री वितरित कर विस्थापितों एवं बीमारों की मदद में जुटी हुई है। उन्होंने कहा कि सोमवार को काया राज्य में हुई छापा मारी से कलीसियाई कार्यकर्त्ताओं एवं विस्थापितों में भय और असुरक्षा का भाव छा गया है। काया राज्य में काथलिकों एवं बौद्ध धर्मानुयायियों का वर्चस्व है। काथलिकों की संख्या राज्य में 90,000 है।  

 

 

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24 November 2021, 10:32