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प्रधानमंत्री की हत्या के इरादे से उनके आवास पर रविवार तड़के हथियारबंद ड्रोन से हमले के बाद  सुरक्षा बल प्रधानमंत्री की हत्या के इरादे से उनके आवास पर रविवार तड़के हथियारबंद ड्रोन से हमले के बाद सुरक्षा बल  

इराक में तनाव, हमले से बच निकले प्रधानमंत्री

इराकी प्रधानमंत्री के आवास पर रविवार तड़के हुए हमले में तीन ड्रोन का इस्तेमाल किया गया, वे वहाँ से निकल भागने में सफल रहे। अमेरिका द्वारा कड़ी निंदा की गई जो इसे स्पष्ट रुप से आतंकवाद कार्यवाही कहते हैं।

माग्रेट सुनीता मिंज-वाटिकन न्यूज

बगदाद, सोमवार 8 नवम्बर 2021 (वाटिकन न्यूज) : बगदाद में इराक के प्रधानमंत्री मुस्तफा अल-कदीमी की हत्या के इरादे से उनके आवास पर रविवार तड़के हथियारबंद ड्रोन से हमला किया गया। अधिकारियों ने बताया कि इस हमले में प्रधानमंत्री को कोई नुकसान नहीं पहुंचा है और वह सुरक्षित हैं।

तीन ड्रोन का इस्तेमाल किया गया, जिनमें से दो को प्रधानमंत्री के सुरक्षा बलों ने मार गिराया। तीसरा, प्रधानमंत्री के दो अंगरक्षकों को घायल कर, निवास में विस्फोट करने में कामयाब रहा। ड्रोन को गणतंत्र के पुल के पास एक साइट से लॉन्च किया गया होगा।

इस हमले ने पिछले महीने हुए संसदीय चुनाव परिणामों को ईरान समर्थित मिलिशिया (लड़ाके) द्वारा अस्वीकार किये जाने से उपजे तनाव को और बढ़ा दिया। अल-कादीमी ने शांति का आह्वान किया।

हमने की कड़ी निंदा

अमेरिका ने इस हमले की कड़ी निंदा की है। अमेरिका के विदेश विभाग के प्रवक्ता नेड प्राइस ने कहा, ‘‘यह स्पष्ट तौर पर आतंकवादी कार्य है, जिसकी हम कड़ी निंदा करते हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हम इराक की संप्रभुता और स्वतंत्रता को बनाए रखने के लिए इराकी सुरक्षा बलों के साथ संपर्क में हैं और हमने इस हमले की जांच के दौरान अमेरिकी मदद की पेशकश की।’’

अमेरिका, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद और अन्य ने 10 अक्टूबर के चुनाव की प्रशंसा की है, जो ज्यादातर हिंसा मुक्त और बिना किसी बड़ी तकनीकी गड़बड़ी के संपन्न हुआ था।

प्रधानमंत्री मुस्तफा अल-कदीमी

इराकी प्रधान मंत्री मुस्तफा अल-कादीमी एक पूर्व खुफिया प्रमुख और कुशल वार्ताकार हैं जो पिछले महीने के विधायी चुनावों के बाद अनिश्चित भविष्य का सामना कर रहे हैं। इराक की राष्ट्रीय खुफिया सेवा (आईएनआईएस) का नेतृत्व करने वाले कादीमी ने पिछले साल मई में देश की कमान संभाली थी, जब संसद ने उनके मंत्रिमंडल को विश्वास मत दिया था। 1967 में बगदाद में जन्मे, मुस्तफा अल-काजिमी ने इराक में कानून की पढ़ाई की, लेकिन फिर सद्दाम हुसैन से बचने के लिए यूरोप चले गए, जो एक विपक्षी पत्रकार के रूप में काम कर रहे थे। 2003 के अमेरिकी नेतृत्व वाले आक्रमण के बाद सद्दाम के शासन को उखाड़ फेंका, कादीमी इराकी मीडिया नेटवर्क को लॉन्च करने में मदद करने के लिए लौट आये। उन्होंने इराकी मेमोरी फाउंडेशन में पूर्व शासन के अपराधों को दर्ज किया और मानवाधिकार अधिवक्ता के रूप में काम किया।

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08 November 2021, 14:58