बाल यौन शोषण को जन्म देनेवाली मौत की संस्कृति को खत्म करें
उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी
वाटिकन सिटी, बृहस्पतिवार, 4 नवम्बर 2021 (रेई)- संत पापा ने बृहस्पतिवार को कोविड-19 और उसके बाद के समय में बाल सुरक्षा को प्रोत्साहन देने हेतु आयोजित सम्मेलन को एक संदेश भेजा।
सम्मेलन का आयोजन संत पापा जॉन 23वें समुदाय द्वारा इताली काथलिक एक्शन दल, इताली खेल केंद्र के साथ बोलोग्ना विश्वविद्यालय में शिकार और सुरक्षा के लिए क्रेंद्र के सहयोग से किया गया था। संत पापा जॉन 23वें समुदाय के अध्यक्ष जोवन्नी पाओलो ने संत पापा फ्रांसिस के संदेश को प्रस्तुत किया।
मन-परिवर्तन की यात्रा
अपने संदेश में संत पापा फ्रांसिस ने गौर किया है कि सम्मेलन में उपस्थित सदस्य, दो वर्षों के सुनने, शोध और प्रशिक्षण के फलों पर एक साथ चिंतन कर रहे हैं।
संत पापा ने कहा, "यह कार्य ईश प्रजा के व्यक्तिगत एवं सामुदायिक मन परिवर्तन में एक सक्रिय सहभागिता है।"
"मन परिवर्तन की यह प्रक्रिया आवश्यक रूप से उन लोगों के नवीकृत प्रशिक्षण की मांग करता है जिन्हें शैक्षणिक जिम्मेदारी है और जो कलीसिया, समाज और परिवार में नाबालिगों के साथ पर्यावरण हेतु कार्य करते हैं। सिर्फ इसी तरीके से हम मौत की संस्कृति, हर प्रकार के यौन दुराचार, अंतःकरण या शक्ति के दुरुपयोग को दूर कर सकते हैं।
संत पापा ने कहा कि "यदि दुर्व्यवहार विश्वासघात का कार्य है, जो उन लोगों की निंदा करता जो इसे मौत के घाट उतारते और जिस संदर्भ में यह होता है, उसमें गहरी दरारें उत्पन्न होती हैं, तो रोकथाम जीवन और भविष्य, के प्रति हमेशा-नवीनीकृत और निश्चित विश्वसनीयता को बढ़ावा देने की एक स्थायी प्रक्रिया होनी चाहिए। जिस पर नाबालिग भरोसा कर सकें।"
वयस्कों की जिम्मेदारी
पोप ने कहा कि इसी की गारांटी देने के लिए हम वयस्क बुलाये गये हैं। उन्होंने उन लोगों, खासकर, युवाओं पर भरोसा और दृढ़ता व्यक्त किया जो विभिन्न दलों की परियोजना के लिए तैयार किये गये हैं।
संत पापा ने कहा कि उनकी इच्छा है कि "वयस्क पीढ़ियों एवं नबालिगों के बढ़ने की विभिन्न पृष्टभूमियों के बीच नवीकृत शैक्षणिक संबंध के प्रोत्साहक और रक्षक बनें। उनके बीच, विशेष रूप से महामारी के इस जटिल समय में एक उत्पादक और सुरक्षात्मक संबंध विकसित करें।"
उन्होंने संगठन के सभी सदस्यों से अपील की कि वे "सह-जिम्मेदारी, संवाद और पारदर्शिता में प्रशिक्षण के इस कार्य में दृढ़ रहें।"
अंततः उन्होंने नबालिगों की सुरक्षा की कामना की जो कलीसिया के शैक्षणिक कार्य में प्राथमिकता बन गई है। यह एक खुली, विश्वसनीय और आधिकारिक सेवा का प्रचार हो, जो हर तरह के वर्चस्व, अंतरंगता की विकृति और मिलीभगत चुप्पी के विपरीत हो सके।"
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