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कनाडा के कमलूप्स में एक पूर्व आवासीय स्कूल कनाडा के कमलूप्स में एक पूर्व आवासीय स्कूल  

वैंकूवर के महाधर्माध्यक्ष ने आवासीय खोज पर गहरा दुख व्यक्त किया

वैंकूवर के महाधर्माध्यक्ष जे. माइकल मिलर ने कनाडा के कमलूप्स में एक पूर्व आवासीय स्कूल की साइट पर दफन किए गए 215 बच्चों के शवों की खोज के बाद अपना "गहरा दुख" व्यक्त किया।

माग्रेट सुनीता मिंज-वाटिकन सिटी

वैंकूवर, कानाडा सोमवार 31 मई 2021 (वाटिकन न्यूज) : महाधर्माध्यक्ष मिलर ने एक बयान में कहा, "कमलूप्स इंडियन अवासीय स्कूल में दफनाये गये 215 बच्चों के बारे में परेशान करने वाली खबर से मैं बहुत दुखी हूँ।"

"इस तरह की खबरें जो दर्द देती हैं, वह हमें कलीसिया द्वारा संचालित आवासीय विद्यालयों में हुई हर दुखद स्थिति पर प्रकाश डालने की हमारी निरंतर आवश्यकता की याद दिलाती है। समय बीतने से प्रभावित आदिवासी समुदायों को छूने वाली पीड़ा मिटती नहीं है और हम उस पीड़ा को ठीक करने के लिए जो कुछ भी कर सकते हैं, करने का संकल्प लेते हैं। ”

कमलूप्स धर्मप्रांत के धर्माध्यक्ष जोसेफ गुयेन ने भी अपना दुख व्यक्त करते हुए कहा, "मैं विनम्रतापूर्वक उन लोगों के साथ जुड़ता हूँ जो इस खबर से दुखी और भयभीत हैं।" "कमलूप्स के रोमन काथलिक धर्मप्रांत की ओर से, मैं तकएमलूप्स ते सेकवेपेमसी राष्ट्र के चीफ रोसने कासिमिर और इस त्रासदी और एक अकथनीय क्षति का शोक मना रहे सभी लोगों के प्रति अपनी गहरी सहानुभूति व्यक्त करता हूँ। दुख के कोई भी शब्द इस भयानक खोज का पर्याप्त रूप से वर्णन नहीं कर सकते।”

कमलूप्स इंडियन अवासीय स्कूल 

215 बच्चों के अवशेष, जिनमें से कुछ 3 वर्ष से कम उम्र के थे, उस स्थान पर दफन पाए गए, जो कभी कनाडा का सबसे बड़ा आदिवासी आवासीय विद्यालय था।

तकएमलूप्स ते सेकवेपेमसी राष्ट्र के चीफ रोसने कासिमिर ने कहा कि जमीन भेदी रडार के सहयोग से पिछले हफ्ते शवों का पता लगाया गया। उन्होंने बताया कि और अधिक शव बरामद किए जा सकते हैं क्योंकि स्कूल परिसर में अभी और इलाकों की छानबीन की जानी है। पहले की प्रेस विज्ञप्ति में उन्होंने कहा, ‘कैमलूप्स इंडियन रेजिडेंशियल स्कूल में जो क्षति हुई है उसके बारे में सोच नहीं सकते।’

कमलूप्स इंडियन अवासीय स्कूल की स्थापना 1890 में हुई थी और इसका प्रशासन काथलिक अधिकारियों और सरकार द्वारा किया जाता था। इस स्कूल को कभी कनाडा का सबसे बड़ा आवासीय विद्यालय माना जाता था। कथलिक प्रशासित स्कूल में 1950 के दशक में 500 से अधिक छात्र थे। यह 1978 में बंद हुआ।

कनाडा के प्रधान मंत्री जस्टिन ट्रूडो ने कहा कि यह खोज "हमारे देश के इतिहास के शर्मनाक अध्याय" का "दर्दनाक अनुस्मारक" है।

नहीं हो पाई है बच्चों की पहचान

अब तक इनमें से किसी भी बच्चे की पहचान नहीं हो पाई है और यह भी नहीं पता चल पाया है कि उनकी मौत कैसे हुई थी। आशंका जताई जा रही है कि अभी और भी बच्चों के शव बरामद हो सकते हैं। बता दें कि कनाडा में कुछ क्रिश्चियन संस्थानों ने ऐसे आवासीय विद्यालयों की स्थापना की थी जिनमें आदिवासियों के बच्चों को शिक्षा दी जाती थी। इन बच्चों को उनके माता-पिता से जबरदस्ती अलग करके उन्हें 'आधुनिक जीवनशैली' का ज्ञान दिया जाता था।

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31 May 2021, 13:47