उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी
इस्राएल, बुधवार, 17 मार्च 2021 (रेई)- पुरातत्वविदों ने इस्राएल में 1,900 साल पुराने बाइबिल के स्क्रॉल का पता लगाया है, जिसको विशेषज्ञों का कहना है कि पिछले 60 वर्षों में सबसे महत्वपूर्ण खोज है।
इस्राएल पुरावशेष प्राधिकरण (आईएए) ने कई रेगिस्तानी गुफाओं में बाइबिल के अनुरूप एक ऐतिहासिक खोज का अनावरण किया है। खुदाई की शुरूआत 2017 में की गई थी, जहाँ से पुरातत्वविदों ने पुराने व्यवस्थान के चर्मपत्र के करीब 80 नये टुकड़ों को खोद निकाला है।
उनमें ग्रीक में छंद लिखे हैं- जो इब्रानी में ईश्वर के नाम के साथ –जकारिया एवं नाहूम की पुस्तक से लिए गये हैं जो बारह छोटे नबियों की किताब का हिस्सा है।
टुकड़े एक स्क्रॉल बनाते हैं जिसके बारे विशेषज्ञ मानते हैं कि वे साइमन बार कोकबा के नेतृत्व में यहूदी विद्रोह के बारे है जो 132 और 136 ईस्वी के बीच रोमन शासन के खिलाफ एक असफल विद्रोह के बाद गुफाओं में छिप गए थे।
इस्राएली पुरातत्वविदों ने गुफाओं को लूटने से रोकने के लिए जुडेयन रेगिस्तान में ऑपरेशन शुरू किया था। उन्होंने उसी समय के कुछ दुर्लभ सिक्के, एक बच्चे का 6,000 साल पुराना कंकाल, और लगभग 10,500 साल पहले बुनी गई एक बड़ी टोकरी, को छिपने की जगह से प्राप्त की है।
"आतंक की गुफा"
यह खोज एक कठिनाई-से-पहुंच पहाड़ के नजदीक की गई है जिसे "आतंक की गुफा" के रूप में जाना जाता है, जो येरूसालेम से लगभग 40 किमी दक्षिण में स्थित है।
वहाँ 1960 के दशक में खुदाई के दौरान 40 मानव कंकाल पाए गए थे। विशेषज्ञ कहते हैं कि मानव कंकाल, पुरूष, स्त्री और बच्चों के हैं जो रोमियों से छिपने के लिए गुफा में गये थे, जहाँ भूख और प्यास से उनकी मौत हो गई।
वे अपने साथ, खाना बनाने के बर्तन, व्यक्तिगत समान, दस्तावेज और बाईबिल ले गये थे, जो अब हमारे लिए बहुमूल्य वस्तु हैं।
बाईबिल की खोज में नया पृष्ठ
लुगानो में पुरातात्विक और सांस्कृतिक संस्थान बाइबिल भूमि के निदेशक मरचेल्लो फिदांत्सो ने खुदाई के बारे बतलाते हुए वाटिकन न्यूज से कहा कि यह "पुरातात्विक खुदाई के इतिहास में एक नया पृष्ठ है।"
उन्होंने कहा कि 1940 और 50 के दशक में महान उत्खनन, जिसने कुमरान और जूडेयन मरूस्थल में मृत सागर स्क्रॉल को प्रकाश में लाया, उसके बाद यह पहली खोज है।
उन्होंने कहा कि "ऐसे महत्वपूर्ण खोज प्रथम अन्वेषकों के उत्साह को फिर से जागृत करते हैं।"
बहुत कुछ पाना बाकी है
इस्राएल पुरातनता प्राधिकरण का कहना है कि ड्रोन और उन्नत सर्वेक्षण तकनीक का उपयोग करके कुछ 600-विषम गुफाओं का नक्शा बनाया गया था। खोज की घोषणा के अलावा करीब 20 गुफाओं में अब भी महत्वपूर्ण सामग्रियाँ उपलब्ध हैं।
प्रोफेसर फिदांत्सो ने कहा, "यह हम बाईबिल के विद्वानों के लिए उत्साह का विषय है किन्तु खोज इस्राएल के लिए बड़ा महत्वपूर्ण है जो इस खोज को अपनी पहचान एवं इस्राएल में अपनी उपस्थिति के इतिहास के रूप में देखते हैं।"
‘शाब्दिक तरलता’ का साक्ष्य
टुकड़ों में पुराने व्यवस्थान के बहुत कम मात्रा में दस्तावेज हैं किन्तु उनमें विशेषज्ञों को देने के लिए अब भी कुछ बाकी है।
प्रोफेसर ने गौर किया कि वे ‘शाब्दिक तरलता’ का साक्ष्य देते हैं जो उस समय था जब बाईबिल स्थिर अथवा निश्चित स्थिति में था। बाद में ही धर्मग्रंथ को घोषित और निश्चित किया गया एवं बड़ी निष्ठा के साथ वर्तमान को हस्तांतरित किया गया है।
डरावनी स्क्रॉल की गुफा विद्वानों को एक चरण को समझने में मदद कर सकती है, जो निश्चित दस्तावेज का कारण बनती है।
प्रोफेसर लुगानो ने कहा कि ये खोज एक बेहद आकर्षक ऐतिहासिक पल को दिखाते हैं जिसमें बाईबिल ने अपना अंतिम रूप पाया।
ईश्वर के नाम के प्रति सम्मान
जैसे कि कहा गया है टुकड़े ग्रीक में लिखे गये हैं जिसमें सिर्फ ईश्वर का नाम पालेओ इब्रानी में लिखा गया है जिसका प्रयोग पहले मंदिर के समय किया जाता था (586 ईसा पूर्व) प्रोफेसर ने कहा कि यह "ईश्वर के अनिर्वचनीय नाम के महान सम्मान को दिखलाता है।"
इसे दूसरे वर्णमाला में लिखना एक यहूदी धर्मशास्त्र की रणनीति है जिसका मकसद हैं पाठकों का ध्यान उन अक्षरों की ओर खींचना। यह ईश्वर के नाम के प्रति बहुत अधिक सम्मान और पवित्रता को दर्शाता है। ”