माग्रेट सुनीता मिंज-वाटिकन सिटी
वाटिकन सिटी, सोमवार 11 जनवरी 2021 (वाटिकन न्यूज) : सर्दी में हिमपात हजारों हताश शरणार्थियों के लिए और भी अधिक दुख तकलीफ लाता है। उनमें से कुछ बाल्कन की कड़ी सर्दियों में सैंडल में चलते हुए अपने लिए आश्रय खोजने की कोशिश कर रहे हैं। लेकिन यह आसान नहीं है। उत्तरी शहर बिहाक के पास लगभग 2,500 लोग बिना तंबू के सो रहे हैं। स्थानीय अधिकारियों ने पास के एक रिसेप्शन सेंटर को पुनः खोलने से मना कर दिया है।
कई अब जले हुए लीपा शिविर में आवश्यक सुविधाओं के अभाव में दिनों से रह रहे हैं। वे आग जलाकर उसके चारों ओर बैठते और अपने को गर्म करने की कोशिश करते हैं। अधिकारियों और सेना ने उन्हें समायोजित करने के लिए लगभग 20 सैन्य टेंट स्थापित की।
सहायता समूहों से भोजन के पार्सल प्राप्त करने की प्रतीक्षा करते कई प्रवासियों के पास पैरों में पहनने के लिए मोजे और सर्दियों की जैकेट भी नहीं है। गर्म देश पाकिस्तान से आने वाला मोहम्मद जासर, इस सर्दी को मुश्किल से झेल पा रहा है। मोहम्मद जसार ने कहा, "यहाँ बहुत ठंडा है। हमें लीपा शिविर में बहुत अधिक परेशानी है।"
पाकिस्तान के एक अन्य व्यक्ति, मोहम्मद अफसल आग के पास अपने को गर्म रखने की कोशिश करता है। वह अंतरराष्ट्रीय समुदाय से मदद की अपील करता है। उसने कहा, "कई दिनों तक मैं स्नान नहीं कर सका हूँ। हमारे पास बिजली नहीं है। यूरोपीय संघ और हमारे पड़ोसी देश बिहाक के लोगों से हमारा अनुरोध है: 'कृपया हमारे साथ खड़े रहें। और हमारी मदद करें। हम बहुत बुरी हालत में हैं। ” कई शरणार्थी दक्षिण एशिया, अफ्रीका और मध्य पूर्व से हैं।
पिछले हफ्ते, बोस्निया के सशस्त्र बलों ने नए टेंट लगा दिए, लेकिन तब वे उपयोग करने लायक नहीं थे, जब सप्ताहांत में मौसम खराब हो गया था।
मूलभूत सुविधाओं का अभाव
प्रवासियों को गीले और कीचड़ वाले क्षेत्र में टेंट में रहने के लिए छोड़ दिया गया। कुछ प्रवासियों ने लीपा में टेंट का उपयोग करने से इनकार कर दिया है क्योंकि उनके पास हीटिंग और स्वच्छता की कमी है। कई लोग सुविधाओं की कमी से नाराज भूख हड़ताल पर चले गए, उन्हें अब कुछ रेड क्रॉस फूड पार्सल मिले हैं।
लेकिन प्रवास के लिए संयुक्त राष्ट्र अंतर्राष्ट्रीय संगठन का कहना है कि बोस्निया को उचित स्वागत केंद्र सुनिश्चित करना चाहिए। कई शरणार्थियों को यूरोप के अधिक स्वागत करने वाले देशों तक पहुंचने की उम्मीद है। लेकिन यूरोपीय संघ के सदस्य राज्य क्रोएशिया में सीमा पुलिस ने उन्हें हिंसक रूप से पीछे धकेल दिया। बेहतर जीवन की उम्मीदें बढ़ाना इन लोगों के लिए एक दूर का सपना है।