खोज

मार्कशिफ्ट मेमोरियल के पास खड़ेअजरबैजैन और तुर्की का झंडा लिए दो व्यक्ति मार्कशिफ्ट मेमोरियल के पास खड़ेअजरबैजैन और तुर्की का झंडा लिए दो व्यक्ति  

नए युद्ध विराम संधि के बावजूद आर्मेनिया और अज़रबैजान में टकराव

आर्मेनिया और अजरबैजान ने एक दूसरे पर आरोप लगाया है कि नागोर्नो-काराबाख के विवादित क्षेत्र में हाल के हफ्तों में सैकड़ों लोग मारे गए हैं। संघर्ष तेजी से चौतरफा युद्ध में बदल रहा है, नागरिक बीच में फंस गये हैं।

माग्रेट सुनीता मिंज-वाटिकन सिटी

अजरबैजान, सोमवार 19 अक्टूबर 2020 (वाटिकन न्यूज) : सप्ताहांत में, बचावकर्मियों ने अज़रबैजान के दूसरे सबसे बड़े शहर गांजा में नष्ट हुए घरों के मलबे के नीचे बचे लोगों की तलाश की।

अजरबैजान ने अर्मेनिया पर एक नई मिसाइल हमले का आरोप लगाया, जिसमें कम से कम 13 नागरिकों की मौत हो गई और 45 घायल हो गए, जिनमें इस शहर के बच्चे भी शामिल थे। एक महिला ने वाटिकन रेडियो को बताया, "हम सो रहे थे। बच्चे टेलीविजन देख रहे थे। सबसे पहले, मैंने जो सुना वह एक बड़ी आवाज़ नहीं थी। मैं बाहर निकली और अचानक, एक भारी विस्फोट हुआ जिसने हमारे सभी घरों को समतल कर दिया।"

शनिवार को आधी रात को स्थानीय समय पर शुरू करने के लिए एक नए युद्ध विराम संधि पर दोनों पक्षों के सहमत होने के बावजूद यह हमला हुआ। अर्मेनिया के रक्षा मंत्रालय ने दावा किया कि अजरबैजान ने तोपखाने के गोले और रॉकेट दागकर सिर्फ चार मिनट में युद्ध विराम तोड़ दिया। अजरबैजान ने दावा किया कि आर्मेनिया ने दो मिनट के बाद तोड़ दिया था।

इसने पुरुषों, महिलाओं और बच्चों के भय को बढ़ा दिया है। कई अंधाधुंध गोलाबारी से बचने के लिए तहखानों में छिपे हुए हैं।

अपने घरों की तलाश

नागोर्नो कराबाख में कुछ निवासी नए युद्ध विराम संधि होने पर अपने-अपने घरों को लौटने लगे। उन लोगों में लिंडा सार्कसैन भी अपने घर को देखने लौटी। नागोर्नो-करबाख की राजधानी स्टेपानाकर्ट में अपने घर के मलबे के पास रोती हुई लिंडा खड़ी थी। अजरबैजान के तोपखाने से गोलाबारी करके इसे कथित तौर पर नष्ट कर दिया गया।

लिंडा ने कहा, "मैं अवाक हूँ। हमारा सारा जीवन इस घर के निर्माण करने में बीता। ईश्वर का शुक्र है कि बच्चे यहां नहीं थे। हमने बच्चों को निकाला। हमने समय रहते घर खाली कर दिया था।"

अजरबैजान और अर्मेनियाई सेना के बीच 27 सितंबर को ताजा संघर्ष हुआ और सैकड़ों लोगों की मौत हो गई। वे नागोर्नो-काराबाख पर दशकों पुराने संघर्ष के सबसे महत्वपूर्ण वृद्धि को चिह्नित करते हैं। यह क्षेत्र तकनीकी रूप से अजरबैजान में स्थित है, लेकिन 1994 में एक अलगाववादी युद्ध की समाप्ति के बाद से आर्मेनिया द्वारा समर्थित जातीय अर्मेनियाई बलों के नियंत्रण में रहा है।

अंतर्राष्ट्रीय समुदाय उस युद्ध की पुनरावृत्ति को रोकना चाहता है जिसमें 30,000 लोग मारे गए थे। लेकिन युद्ध विराम में रूस की मध्यस्ता के बावजूद, कुछ संकेत हैं कि इस परेशान क्षेत्र में जल्द ही शांति लौट आएगी।

Thank you for reading our article. You can keep up-to-date by subscribing to our daily newsletter. Just click here

19 October 2020, 14:27