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सीएए का विरोध करते लोग सीएए का विरोध करते लोग 

दलितों एवं आदिवासियों द्वारा सीएए के खिलाफ प्रदर्शन

भारत के विभिन्न हिस्सों से सैंकड़ों दलित, आदिवासी, मुस्लिम एवं ख्रीस्तियों ने नई दिल्ली में प्रदर्शन कर सीएए, एनआरसी एवं एनपीआर का विरोध किया।

उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी

नई दिल्ली, बृहस्पतिवार, 5 मार्च (मैटर्स इंडिया) ˸ 4 मार्च को दिल्ली के संसद भवन के पास धरना प्रदर्शन का आयोजन "देश बचाओ संविधान बचाओ" समिति द्वारा किया गया था। प्रदर्शन में भाग लेने वालों ने सीएए के प्रति गंभीर चिंता जतायी जिसके द्वारा धार्मिक पहचान के आधार पर समाज को बांटने का काम किया जा रहा है। 

तमिलनाडु के सांसद एवं कार्यकर्ता थिरुमावलवन ने प्रदर्शनकारियों को सम्बोधित करते हुए कहा, "विवादास्पद कानून की शुरूआत संविधान के धर्मनिरपेक्ष चरित्र पर हमला है।" तमिलनाडु के दलित नेता ने सरकार से मांग की कि वह दोषपूर्ण और भेदभावपूर्ण कानून को निरस्त करे।

दौलत राम कॉलेज की प्रोफेसर निथिशा खलखो ने कहा कि सीएए न केवल मुस्लिम समुदाय को बल्कि हाशिए पर जीवन यापन करने वाले लोगों, गरीबों, दलितों, आदिवासियों और अन्य अल्पसंख्यक समुदायों को भी बाहर करता है। वे मुस्लिम समुदाय के साथ जो कर रहे हैं भविष्य में अन्य समुदायों पर भी लागू कर सकते हैं।  

छत्तीसगंढ के फादर भिन्सेंट एक्का ने प्रदर्शनकारियों के प्रति सहानुभूति प्रकट की तथा कहा कि यदि कानून लागू होता है तो आदिवासी, दलित और गरीब लोग दस्तावेज के साथ अपनी पहचान साबित करने में असमर्थ होंगे।

उन्होंने मैटर्स इंडिया से कहा कि सरकार अभी मुसलमानों को निशाना बना रही है लेकिन जल्द ही वह अन्य समुदायों को भी निशाना बनाएगी, इसलिए हमें जल्द ही विभाजनकारी ताकतों को रोकना चाहिए।

2021 की जनगणना में अलग कॉलम की मांग के बारे में पूछे जाने पर फादर एक्का ने कहा कि आदिवासियों को एक अलग कॉलम की जरूरत है क्योंकि उनकी एक अलग पहचान है। “यह लंबे समय से चली आ रही मांग है। आदिवासियों की एक अलग संस्कृति है और वे प्रकृति की पूजा करते हैं।"

आयोजकों ने सरकार से अपील की कि वह हितधारकों की एक बैठक बुलाए और इस मामले पर निर्णय ले कि भारतीय नागरिकों को राज्य और अधिकारों से वंचित समुदाय में बदलने से रोका जाए।

आयोग ने सरकार को चेतावनी दी कि यदि वह जल्द ही इस कानून को रद्द नहीं करती है तो वे विरोध प्रदर्शन तेज करेंगे। उनकी योजना 27 मार्च को बड़े पैमाने पर प्रदर्शन करने की है।

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05 March 2020, 16:39