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यूएस गोली बारी में मारे गये लोगों की यादगारी यूएस गोली बारी में मारे गये लोगों की यादगारी 

घृणा भरे भाषण से परहेज करें, अमेरिकी धर्मध्यक्ष

संयुक्त राज्य अमेरिका के काथलिक धर्माध्यक्षों द्वारा देश के नागरिको को नफरत और हिंसा की वार्ता पर रोक लगाने का आहृवान।

दिलीप संजय एक्का-वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, सोमवार, 12 अगस्त 2019 (रई) संयुक्त राज्य अमेरिका के काथलिक धर्माध्यक्षों ने नफरत-प्रेरित हिंसा के बाद एकजुट होने का आग्रह करते हुए अमेरिकावासियों को नस्लवादी और ज़ेनोफोबिक भाषा का उपयोग करने से बचने का आग्रह किया।

उन्होंने कहा "हाल के वर्षों में सार्वजनिक रूप से घोषित किए गए एंटी-आप्रवासी, शरणार्थी, मुस्लिम-विरोधी, और यहूदी-विरोधी भावनाएँ हमारे समुदायों में घृणा का कारण बनी हैं।"

ऑस्टिन के धर्माध्यक्ष जोए वेसक्वेज़, वेनिस के धर्माध्यक्ष फ्रैंक डेवने और हाउमा-थिबोडाक्स के धर्माध्यक्ष शेल्टन फैब्रे ने संयुक्त राज्य अमेरिका के काथलिक धर्माध्यक्षीय सम्मेलन (यूएससीसीबी) के प्रमुखों स्वरुप विगत सप्ताह यह पहल की।

अपने बयान में, उन्होंने अमेरिकावासियों से कहा "हमें घृणा से भरी भाषा का उपयोग करना बंद करना चाहिए, जो हमें और भी विभाजित करती है और भयावह हिंसा हेतु प्रेरित करती है।"

हिंसा का उद्भव

इस क्रम में धर्माध्यक्षों ने देश के विभिन्न हिस्सों में पिछले सप्ताह हुए बंदूकी हिंसा को याद किया। टेक्सास के, एल पासो में एक सामूहिक शूटिंग के दौरान बिगत शनिवार को 22 लोगों की मौत हो गई थी। अपराधी ने एक घोषणापत्र ऑनलाइन पोस्ट किया था जिसमें कहा गया था कि उसकी कार्रवाई "टेक्सास के हिस्पैनिक आक्रमण" की प्रतिक्रिया है।

तीन अमेरिकी धर्माध्यक्षों ने पिट्सबर्ग में ट्री ऑफ लाइफ सिनेगॉग में 2018 की शूटिंग का उदाहरण दिया, जिसमें एक यहूदी-विरोधी ने 11 लोगों को मार डाला था।

उसी प्रकार की एक अन्य घटना सन् 2015 में चार्ल्सटन के मदर एमानुएल एएमई गिरजाघर में हुई थी जहाँ एक व्यक्ति ने 9 लोगों को बाइबल शिक्षण के दौरान मार दिया था।

जातिवाद और विदेशियों के प्रति घृणा

धर्माध्यक्षों वेस्केज़, डेवेन और फैब्रे ने नस्लवाद पर अपनी गहरी चिंता व्यक्त की जिसके कारण ऐसे घातक हमले प्रेरित होते हैं।

वे इन गोलीकांडों के कारण हुए घावों को ठीक करने और अपने देश में पाए जाने वाले ज़ेनोफोबिया और धार्मिक कट्टरता से निपटने के लिए उन्होंने निर्वाचित अधिकारियों का भी आहृवान किया है।

विशेष रूप से, अमेरिकी धर्मगुरूओं ने देशवासियों को अमानवीय भाषा का उपयोग करने से परहेज हेतु आग्रह किया है जो जाति, नस्ल, धर्म या राष्ट्रीय मूल के आधार पर लोगों का ध्रुवीकरण करता है। अंत में, तीन अमेरिकी धर्माध्यक्षों ने अपने देश के लोगों से आग्रह किया कि वे एक महान, विविध देश के रुप में लोगों का स्वागत करें।"

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12 August 2019, 16:51