खोज

सीरिया स्थित संत एलियस गिरजाघर सीरिया स्थित संत एलियस गिरजाघर  

धर्म के नाम पर हिंसा को समाप्त करने हेतु यूएन का आह्वान

संयुक्त राष्ट्र ने 22 अगस्त को पहली बार धर्म एवं आस्था के कारण हिंसा के शिकार लोगों की याद में अंतरराष्ट्रीय दिवस मनाया।

उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी

संयुक्त राष्ट्र, शनिवार, 24 अगस्त 2019 (रेई)˸ संयुक्त राष्ट्र ने गुरुवार को धर्म और आस्था के आधार पर हिंसा से पीड़ितों की याद में, पहला अंतरराष्ट्रीय दिवस मनाया, जो धार्मिक समूहों के उत्पीड़न को समाप्त करने का आग्रह करता है।

संयुक्त राष्ट्र के महासचिव अंतोनियो गुटेर्रेस ने इस दिन के लिए अपने संदेश में कहा, "इस दिन में, हम धर्म एवं आस्था पर आधारित हिंसा के शिकार लोगों के प्रति दृढ़ समर्थन को पुनः पुष्ट करते हैं और हम इस तरह के हमलों को रोकने के लिए अपनी शक्ति का प्रदर्शन करके उस समर्थन को व्यक्त करते हुए यह मांग करते हैं कि जिम्मेदार लोगों को उत्तरदायी ठहराया जाए।

इस दिवस की घोषणा 28 मई 2019 को संयुक्त राष्ट्र की महासभा में, विश्वभर में अपने धर्म एवं आस्था के कारण हिंसा के शिकार लोगों एवं समूहों की संख्या में वृद्धि के कारण की गयी है।

गुटेर्रेस ने कहा कि यह दिन एक अवसर है कि हम धर्म और आस्था के नाम पर हिंसा के शिकार लोगों के समर्थन को पुनः पुष्ट करें।

हमले के शिकार 

उदाहरण देते हुए गुटेर्रेस ने कहा, "यहूदी सभागृहों में मार डाले गये, उनकी कब्रों पर लगाये गये पत्थर पर स्वस्तिक निरूपित किया गया है, मुसलमानों को मस्जिदों में गोली मार दी गयी, उनके पूजा स्थलों को अपवित्र किया गया और ख्रीस्तियों को प्रार्थना के दौरान मारा गया एवं उनके गिरजाघरों में आग लगा दी गयी।"

न्यूजीलैंड, श्रीलंका और अमरीका में पूजा स्थलों को खास रूप से निशाना बनाकर हमला किया गया है। विश्व में संघर्ष के कारण सीरिया से लेकर मध्य अफ्रीकी गणराज्य तक पूरे समुदाय पर विश्वास के कारण हमला किया गया है।  

उन्होंने कहा," दुनिया को यहूदी, मुस्लिम, ईसाई विरोधी एवं अन्य धार्मिक समूहों के उत्पीड़न, और नस्लवाद, ज़ेनोफ़ोबिया एवं हिंसा के सभी रूपों पर रोक लगाने के लिए कदम उठाना चाहिए।"

घृणा के बदले शांति

संयुक्त राष्ट्र के महासचिव ने गौर किया कि विश्व के सभी बड़े नेता साझा मानवता की भावना से सहिष्णुता एवं शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व का समर्थन करते हैं। "हमें उन लोगों का विरोध करना और उनका बहिष्कार करना चाहिए जो गलत और दुर्भावना से धर्म का, गलत धारणा लाने, विभाजन करने और भय एवं घृणा फैलाने के लिए इस्तेमाल करते हैं।" उन्होंने जोर देकर कहा, "विविधता में समृद्धि और शक्ति है; यह कभी भी खतरा नहीं हो सकता।”

गुटेर्रेस ने कहा कि धर्म और आस्था के नाम पर हिंसा पर काबू पाना का उत्तम तरीका है। हमें अच्छाई के लिए एक आवाज बनना, घृणा के संदेशों का विरोध शांति के संदेश से करना, विविधताओं को स्वीकार करना तथा मानव अधिकारों की रक्षा करने की जरुरत है।  

उन्होंने अपील की कि एक मानव परिवार के सदस्य होने के नाते सभी लोग आपसी समझदारी को तालीम दें, हम सभी की एक जिम्मेदारी है कि हम एक-दूसरे की आवश्यकताओं पर ध्यान दें, पृथकता का सम्मान करें और शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व को प्रोत्साहन दें।

Thank you for reading our article. You can keep up-to-date by subscribing to our daily newsletter. Just click here

24 August 2019, 17:19