खोज

सभागृह में गोलीबारी के शिकार लोगों के लिए जागरण प्रार्थना सभागृह में गोलीबारी के शिकार लोगों के लिए जागरण प्रार्थना 

यहूदी नेताओं ने मृत्यु-दण्ड का विरोध किया

अमरीका में यहूदी विरोधी हमला के शिकार समुदाय के सदस्यों ने गोली चलाने वाले को मृत्यु-दण्ड नहीं दिये जाने, बल्कि आजीवन कारावास दिये जाने की मांग की है।

उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी

अमरीका, बुधवार, 28 अगस्त 2019 (रेई)˸ पिटीसबर्ग में 2018 में "द ट्री ऑफ लाईफ समुदाय" के 11 लोग हमले में मारे गये थे तथा गोली चलाने वाला रॉबर्ट डी बोवर्स जो 46 साल का है उसे अब मृत्यु-दण्ड की सजा मिल सकती है। यहूदी धार्मिक पूजा में भाग लेने वाले पुरुषों और महिलाओं को निशाना बनाने के लिए संघीय अभियोजकों ने रॉबर्ट डी बोवर्स के "पश्चाताप की कमी" का हवाला दिया है।

न्याय का क्या रूप हो

अमरीका के न्याय विभाग ने दावा किया है कि अमेरिका में सबसे बड़ी और सबसे पुरानी शहरी यहूदी आबादी में से एक, सिनागॉग पर हमला करने का चुनाव, "अधिक से अधिक तबाही करने, अपने अपराध से नुकसान को बढ़ाने और स्थानीय लोगों तथा राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय यहूदी समुदाय के भीतर डर पैदा करने की मंशा को दिखलाता है इसलिए, मौत की सजा उचित है।"

किन्तु सभी लोग इस बात से सहमत नहीं है कि 27 अक्टूबर की सुबह पूजा करने के लिए एकत्रित 3 विश्वासी समुदाय पर गोली चलाने वाले को मृत्यु-दण्ड देना ही सबसे अच्छा न्याय होगा।

अटॉर्नी जनरल विलियम बर्र ने एक माह पहले घोषित किया था कि संघीय कैदियों के लिए मृत्यु-दण्ड की बहाली के कई पत्र प्राप्त हुए हैं जब से न्याय विभाग ने बोवर्स पर मृत्यु-दण्ड के अनुरोध की घोषणा की है।

दोनों धर्म एक साथ

इनमें रबी जोनाथन पर्लमैन भी शामिल हैं, जो हमलों में जीवित बचे हैं जिसने श्री बर्र के काथलिक विश्वास को याद दिलाकर उनसे अपील की है कि संत पापा एवं धर्माध्यक्षों ने हाल में मृत्यु-दण्ड का विरोध किया है। इस पत्र में उन्होंने जिक्र किया है कि मौत की सजा क्रूरतापूर्ण न्याय है। उन्होंने कहा है कि उनके धर्म एवं गोली चलाने वाले दोनों के धर्मों में मृत्यु-दण्ड की सजा का दृढ़ता से विरोध किया जाता है। डोर हडश मण्डली के अध्यक्ष डोना कौफल ने श्री बर्र को लिखा कि हत्यारे को मौत की सजा के बजाय आजीवन कारावास की सजा दी जाये।

न्याय का क्रूर विचार

मिरी राबिनोविट्ज़ जिनके पति हमला में 11 मरने वालों में से एक थे, उन्होंने कहा, "यह मेरे लिए कोई मायने नहीं रखता।" उनके लिए अपने पति के हत्यारे को मौत की सजा दिया जाना एक क्रूर और कड़वा व्यंग्य होगा क्योंकि वे स्वयं मृत्यु-दण्ड का दृढ़ता से विरोध करते थे।

Thank you for reading our article. You can keep up-to-date by subscribing to our daily newsletter. Just click here

28 August 2019, 17:01