बच्चों के अधिकारों पर विश्व बैठक: पीड़ित बच्चों के चेहरे पर मुस्कान लाएं
वाटिकन न्यूज
वाटिकन सिटी, बुधवार 29 जनवरी 2025 : प्राथमिक विद्यालय की आयु के 64 मिलियन बच्चे कक्षाओं में उपस्थित नहीं हो पाते हैं। पाँच वर्ष से कम आयु के 3 में से 1 बच्चे को अत्यधिक खाद्य गरीबी का सामना करना पड़ता है। अकेले 2022 में 12 मिलियन लड़कियों को बाल विवाह के लिए मजबूर किया गया।
संत पापा फ्राँसिस ने घोषणा की कि चुप रहने के बजाय वे एक दिन को उन लाखों बच्चों की मदद करने और उनकी रक्षा करने के लिए समर्पित करेंगे, जो अभी भी अधिकारों से वंचित हैं, अनिश्चित परिस्थितियों में रहते हैं, जिनका शोषण और दुर्व्यवहार किया जाता है, और जो युद्धों के नाटकीय परिणामों को झेलते हैं।
पीड़ित बच्चों के चेहरे पर मुस्कान लाएँ
मंगलवार को, वाटिकन प्रेस कार्यालय ने बच्चों के अधिकारों पर पहली बार होने वाली विश्व बैठक का कार्यक्रम जारी किया। प्रेस कॉन्फ्रेंस में बोलते हुए, संत इजीदियो समुदाय के अध्यक्ष मार्को इम्पालियाज़ो ने इस बैठक को "आशा की घटना" कहा। उन्होंने कहा कि "बहुत सारे बच्चे युद्ध, हिंसा, यौन और श्रम शोषण से मर जाते हैं," और संत पापा इन पीड़ित बच्चों के चेहरे पर "मुस्कान लाना" चाहते हैं।
बच्चों को समर्पित एक दिन
बच्चों के अधिकारों पर विश्व बैठक 3 फरवरी को वाटिकन में आयोजित की जाएगी, जिसका विषय होगा, "उन्हें प्यार करें और उनकी रक्षा करें।" संत पापा फ्राँसिस विभिन्न देशों के 10 बच्चों का स्वागत करके कार्यक्रम की शुरुआत करेंगे, जो संत पापा के साथ एक संदेश साझा करने वाले हैं।
सात पैनल आयोजित किए जाएंगे, जिनमें से प्रत्येक में बच्चों के अधिकारों पर ध्यान केंद्रित करने वाला एक विशिष्ट विषय होगा, जिसमें शिक्षा तक पहुँच, परिवार के अधिकार, हिंसा से सुरक्षा और संसाधनों तक पहुँच शामिल है। दुनिया भर से अधिवक्ता और जीवन के विभिन्न क्षेत्रों से लोग रोम आएंगे। सूची में जॉर्डन की रानी रानिया अल-अब्दुल्ला; मेरीज़ मील्स के सीईओ मैग्नस मैकफ़ारलेन-बैरो; नोबेल शांति पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी और पूर्व अमेरिकी उपराष्ट्रपति अल गोर शामिल हैं।
संकट का एक नया युग
बच्चों के अधिकारों पर यह विश्व बैठक उन बढ़ती चुनौतियों का जवाब देती है जिनका सामना लाखों बच्चे हर दिन करते हैं। संयुक्त राष्ट्र बाल कोष के एक अध्ययन में बताया गया है कि "दुनिया बच्चों के लिए संकट के एक नए युग में प्रवेश कर रही है; जलवायु परिवर्तन, असमानता और संघर्ष उनके जीवन को बाधित कर रहे हैं और उनके भविष्य को सीमित कर रहे हैं।"
संत पापा फ्राँसिस ने जनवरी के महीने के लिए अपने प्रार्थना के मतलब में इस खतरनाक कथन को दोहराया: "आज, हम एक शैक्षिक तबाही का सामना कर रहे हैं।" उनका तर्क है कि सभी बच्चों और युवाओं को शिक्षा का अधिकार है, फिर भी लगभग 250 मिलियन बच्चे "युद्ध, प्रवास और गरीबी के कारण" स्कूल तक पहुँच से वंचित हैं।
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