संत पापा ने कलाब्रिया के तंबू शहरों में "गरीब" लोगों को सहायता प्रदान की
वाटिकन समाचार
वाटिकन सिटी, बुधवार 27 नवम्बर 2024 : साफ कपड़े और कंबल से भी ज्यादा, यह गरिमा का मामला है। तम्बू शहरों में - या यूं कहें कि संत फर्दीनंद के "झुग्गी-झोपड़ी" में, लगभग 175,000 निवासियों वाला कलाब्रियन शहर - सैकड़ों अफ्रीकी अप्रवासी गरीबी और गंदगी में रहते हैं, अपने निवास परमिट का इंतजार करते हैं। कई लोग खेतों में काम करते हैं, अक्सर बिना काम के अनुबंध के। 27 नवंबर को संत पापा का उदार कार्य रेज्जियो कलाब्रिया के इस औद्योगिक क्षेत्र में सातवां "संत पापा फ्राँसिस लॉन्ड्री" उद्घाटन के साथ पहुंचा। इससे पहले रोम, जेनोवा, टूरिन, नेपल्स और कतानिया आदि शहरों में खोले गए हैं।
प्रॉक्टर एंड गैंबल इटली द्वारा हायर यूरोप के सहयोग से विकसित और प्रचारित यह पहल, प्रेरितिक दानदाता और ओपिदो मामेर्टिना-पाल्मी धर्मप्रांतीय के कारितास द्वारा समर्थित है, जो प्रवासियों, गरीबों और बेघरों की सेवा करती है, जिससे उन्हें अपने कपड़े और कंबल धोने और व्यक्तिगत स्वच्छता बनाए रखने में मदद मिलती है। जैसा कि अपेक्षित है, सभी सेवाएँ पूरी तरह से निःशुल्क हैं।
"मोपेड पर लाइसेंस प्लेट होती है, हमारे पास कुछ भी नहीं है"
"यह उन लोगों के सम्मान को वापस दिलाने का एक तरीका है जो भूख से नहीं मर रहे हैं, बल्कि इसलिए मर रहे हैं क्योंकि वे खुद को अदृश्य महसूस करते हैं," कार्डिनल कोनराड क्रायेस्की, संत पापा के दानदाता ने वाटिकन मीडिया को बताया। संत फर्दीनंदो के निवासी, मुख्य रूप से सेनेगल, नाइजर, माली, बुर्किना फासो, आइवरी कोस्ट और अफ्रीका के अन्य हिस्सों से आए अप्रवासी, बिना पहचान पत्र के भी 15 साल से वहां रह रहे हैं। "जब मैं वहां गया, तो मैंने उनसे पूछा, 'आपको क्या चाहिए?' क्या आप जानते हैं कि उन्होंने मुझसे क्या कहा? 'हम दिखना चाहते हैं!'" कार्डिनल क्रायेस्की ने बताया। "एक युवक ने मेरी आँखों में देखा और कहा: 'हम यहाँ कई सालों से रह रहे हैं। हमें दस्तावेजों की ज़रूरत है। मोपेड पर लाइसेंस प्लेट भी होती है, लेकिन इंसानों के तौर पर हमारे पास कुछ भी नहीं है।'"
स्नान करने और कपड़े धोने की सेवाएँ
इस परियोजना में कई पहल शामिल हैं। यहाँ तक कि नाई की सेवाएँ भी जोड़ने की योजना है, जो सभी पुरुषों (आयु सीमा 18 से 60 वर्ष है) की सेवा के लिए आपस में जुड़ी हुई हैं, जिनके पास सबसे बुनियादी सेवाएँ भी नहीं हैं। ये प्रयास आशा और दया के भावों का हिस्सा हैं, जिन्हें संत पापा ने आगामी जयंती की तैयारी में दुनिया भर के धर्मप्रांतों को लागू करने के लिए कहा है।
धर्माध्यक्ष जुसेप्पे अल्बर्टी ने पूछा, "हम क्या संकेत दे सकते हैं?" मिशेल वोमेरा ने कहा, कई संगठन पहले से ही भोजन उपलब्ध कराते हैं, इसलिए भूख प्राथमिक मुद्दा नहीं है। स्वच्छता सबसे बड़ी ज़रूरत के रूप में उभरी," "इसलिए, कार्डिनल क्रायेस्की और विभिन्न संगठनों के बीच एक अद्भुत तालमेल के साथ, हमने इस परियोजना को शुरु किया।"
एक सहायक समुदाय
"हमारे समुदाय के लिए, यह एक अद्भुत संकेत है," कारितास निदेशक ने टिप्पणी की, जो इस क्षेत्र में जीवंत एकजुटता का वर्णन करने के लिए उत्सुक थे, जहाँ "अप्रवासियों की संख्या इटालियों से अधिक है।" एकीकरण "शांतिपूर्ण" है, और रिश्ते "सुंदर" हैं। विदेशी श्रमिकों के अलावा, कुछ अफ़गान परिवार सब्सिडी वाले किराए के साथ परित्यक्त घरों में बस गए हैं। वे शांति से रहते हैं, एक छोटी अर्थव्यवस्था बनाई है, और दो सुपरमार्केट का प्रबंधन करते हैं। यह कहा जा सकता है कि इन लोगों की बदौलत शहर फलता-फूलता है।"
इन सबके बीच, संत पापा के दानदाता संत फर्दीनंदो में सभी को यह याद दिलाने के लिए आये हैं कि "गरिमा का मतलब तंबू में रहना नहीं है, बल्कि एक घर, साफ कपड़े और पड़ोसी के साथ बातचीत करने की क्षमता है।" संक्षेप में, "दृश्यमान" होना।
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