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महाधर्माध्यक्ष गलाघेर दक्षिण कोरिया में (बीच में) महाधर्माध्यक्ष गलाघेर दक्षिण कोरिया में (बीच में)  (ANSA)

राजनयिक संबंधों के 60 वर्ष पूरे होने पर वाटिकन विदेश सचिव महाधर्माध्यक्ष गलाघेर दक्षिण कोरिया में

परमधर्मपीठ और दक्षिण कोरिया के बीच राजनयिक संबंधों की 60वीं वर्षगांठ के अवसर पर वाटिकन के राज्यों और अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के साथ संबंधों के सचिव महाधर्माध्यक्ष गलाघेर 20 से 23 नवंबर तक दक्षिण कोरिया का दौरा कर रहे हैं।

वाटिकन न्यूज़

सियॉल, मंगलवार 21 नवम्बर 2023 : परमधर्मपीठ और दक्षिण कोरिया के बीच राजनयिक संबंधों के 60 साल पूरे होने के अवसर पर, राज्यों और अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के साथ संबंधों के सचिव, महाधर्माध्यक्ष पॉल रिचर्ड गलाघेर 20 से 23 नवंबर तक दक्षिण कोरिया का दौरा कर रहे हैं। इस खबर की घोषणा राज्य सचिवालय द्वारा एक्स पर एक पोस्ट में की गई थी।

यह यात्रा एक बार फिर एशियाई महाद्वीप पर कलीसिया के ध्यान को उजागर करती है, जो भाईचारे के युद्धों से टूटे हुए विश्व में शांति के नए रास्ते खोजने के लिए महत्वपूर्ण है।

कोरियाई प्रधान मंत्री और विदेश मामलों के उप-मंत्री के साथ संस्थागत बैठकों के अलावा, महाधर्माध्यक्ष गलाघेर को वर्षगांठ के अवसर पर आयोजित एक संगोष्ठी को संबोधित करना है। अगस्त 2014 में सियोल की अपनी यात्रा के दौरान संत पापा फ्राँसिस द्वारा संगोष्ठी का विषय इंगित किया गया था: "स्मृति के संरक्षक और आशा के संरक्षक बनना"। धर्माध्यक्ष गलाघेर राजनयिक कोर के कुछ सदस्यों के साथ अनौपचारिक रूप से मुलाकात करेंगे।

विभिन्न धार्मिक नियुक्तियों के बीच, महाधर्माध्यक्ष सियोसोमुन तीर्थालय में शुरुआती कोरियाई शहीदों की याद में पवित्र मिस्सा समारोह मनाएंगे। 6 मई 1984 को इस स्थल पर संत पापा जॉन पॉल द्वितीय ने एक सौ तीन कोरियाई शहीदों को संत घोषित किया था।

इस यात्रा का उद्देश्य शांति के नए रास्ते खोजने के साथ 60 वर्षों के राजनयिक संबंधों के रास्ते को जारी रखने के लिए एक ठोस संकेत होना है, जैसा कि संत पापा फ्राँसिस ने 16 सितंबर को अनुरोध किया था जब वे कोरियाई विश्वासियों के एक समूह से मिले थे। उस अवसर पर, संत पापा ने कहा, "मैं आपको जीवन के हर क्षेत्र में 'शांति के दूत' के रूप में अपने बुलाहट को फिर से खोजने के लिए आमंत्रित करना चाहता हूँ... यह मार्ग पर साथी बनने और मेल-मिलाप के गवाह बनने हेतु प्रेरणा है; यह इस बात का विश्वसनीय प्रमाण है कि भविष्य का निर्माण हथियारों की हिंसक शक्ति से नहीं, बल्कि निकटता की सौम्य शक्ति से होता है।''

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21 November 2023, 10:33