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धर्मसभा में कार्डिनल चरनी धर्मसभा में कार्डिनल चरनी  (ANSA)

गुरुवार की धर्मसभा ब्रीफिंग प्रवासियों और शरणार्थियों पर केंद्रित थी

धर्मसभा के प्रतिभागी प्रवासियों और शरणार्थियों के लिए शाम की प्रार्थना में शामिल होंगे, अपने घरों से भागने को मजबूर लोगों की स्थिति के प्रति कलीसिया की प्रतिक्रिया धर्मसभा पर गुरुवार की प्रेस वार्ता के केंद्र थी।

वाटिकन न्यूज

वाटिकन सिटी, शुक्रवार 20 अक्टूबर 2023 : संत पापा फ्राँसिस के साथ धर्मसभा में भाग लेने वाले सभी लोग,  गुरुवार शाम तेरहवें आम महासभा के अंत में संत पेत्रुस महागिरजाघऱ के प्रांगण में, "एंजल्स अनअवेयर्स" (अनजान दूतगण) स्मारक के पास, इकट्ठा हुए और उन लोगों के लिए प्रार्थना की, जिन्होंने विभिन्न प्रवासी मार्गों पर अपनी जान गंवाई है। उन परिवारों के लिए, जो बच गए हैं और उन शरणार्थियों और प्रवासियों के लिए जो अभी भी अपने रास्ते पर हैं।

गुरुवार को प्रेस वार्ता के दौरान, संचार विभाग के प्रीफेक्ट और सूचना आयोग के अध्यक्ष डॉ. पावलो रुफीनी ने कहा कि बुधवार दोपहर और गुरुवार सुबह, छोटे समूह का दसवां और ग्यारहवां सत्र हुआ, जो "आत्मा में बातचीत" के लिए समर्पित थी। चर्चाएँ वर्तमान में इंस्ट्रुमेंटम लबोरिस के खंड बी3 पर केंद्रित हैं: 35 छोटे समूह सामान्य विषय के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा कर रहे हैं: "भागीदारी, जिम्मेदारी और अधिकार।" एक मिशनरी सिनॉडल कलीसिया में कैसी प्रक्रियाएँ, संरचनाएँ और संस्थाएँ हैं?”

कार्डिनल चरनी: सबसे कमज़ोर लोगों के साथ चलना

समग्र मानव विकास को बढ़ावा देने के लिए गठित परिषद के प्रीफेक्ट कार्डिनल माइकेल चरनी ने अपने हस्तक्षेप में 'एन्जिल्स अनअवेयर्स' (अनजान दूतगण) स्मारक के सामने प्रवासियों और शरणार्थियों के लिए प्रार्थना के क्षण का उल्लेख किया। उन्होंने समझाया, धर्मसभा सभा "एक कलीसिया के रूप में एक साथ चलना सीख रही है, प्रभावी रूप से हमारे ग्रह पर कुछ सबसे कमजोर लोगों के साथ मिलकर चलना, अर्थात् जोअपने धरों को छोड़ भाग रहे हैं, वे जो आगे बढ़ने के लिए मजबूर हैं, जिन्हें हम प्रवासी और शरणार्थी कहते हैं।”

उन्होंने कहा, धर्मसभा में कुछ अमूर्त विषयों पर चर्चा की गई। "हम इस दिन को जैसे बिता रहे हैं, इसके बीच एक आध्यात्मिक और यहां तक कि एक सौंदर्य, एक सांस्कृतिक सामंजस्य है" "और तिमोथी श्माल्ज़ द्वारा गढ़ी गई कांस्य जहाज द्वारा प्रस्तुत प्रवासन की घटना के साथ चलना, जो सभी उम्र और सभी स्थानों के उन सभी लोगों का प्रतिनिधित्व करती है जो किसी न किसी तरह से अपने घरों से भागने के लिए मजबूर हुए हैं।"

धर्माध्यक्ष फ़्लोरेस: एक सीमावर्ती धर्मप्रांत से

धर्माध्यक्ष दानियल अर्नेस्ट फ्लोरेस, असेंबली के अध्यक्ष प्रतिनिधि और तैयारी आयोग के सदस्य, मेक्सिको के साथ सीमा पर ब्राउन्सविले, टेक्सास के धर्माध्यक्ष हैं। उन्होंने अपने हस्तक्षेप की शुरुआत यह याद करते हुए की कि "दुनिया में प्रत्येक धर्मप्रांत अपने स्थानीय कलीसिया के उपहार और अनुभव लेकर [धर्मसभा में] आता है"।

अपने स्वयं के सीमावर्ती धर्मप्रांत के अनुभव को याद करते हुए, धर्माध्यक्ष फ्लोरेस ने कहा कि हाल के वर्षों में लटिन अमेरिका से ब्राउन्सविले के माध्यम से संयुक्त राज्य अमेरिका में आने वाले लोगों की संख्या में वृद्धि हुई है। लेकिन विश्वासियों की प्रतिक्रिया में कभी कमी नहीं रही: "मेरे धर्मप्रांत में लोगों, रेस्तरां मालिकों, डॉक्टरों, नर्सों से ऊर्जा का एक बड़ा प्रवाह आ रहा है, जो माताओं और बच्चों और परिवारों की देखभाल के लिए स्वेच्छा से अपना समय देते हैं। उन्हें देखकर अन्य ईसाई संप्रदायों, मुसलमानों और यहूदियों सहित अन्य समुदायों के सदस्य भी महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं।

मेरोनाइट अलवान: सीरियाई शरणार्थियों का जीवन

फादर खलील अलवान, लेबनानी मेरोनाइट मिशनरियों के पूर्व वरिष्ठ जनरल, ओरिएंट के काथलिक धर्माध्यक्षीय काउंसिल के महासचिव और बेरूत में लेबनानी विश्वविद्यालय में प्रोफेसर हैं। वे पूर्वी कलीसियाओं की ओर से  धर्मसभा गवाह और मध्य पूर्व के लिए सामान्य समन्वयक के रूप में महासभा में भाग ले रहे हैं।

एक फादर अलवान ने कहा कि उन्होंने चार धर्मसभाओं में भाग लिया है और मौजूदा धर्मसभा को इसके तरीकों और सामग्री में अलग मानते हैं: "यह प्रभु के साथ, कलीसिया के साथ, एक वास्तविक यात्रा है।" सभी वास्तविकताएँ यहाँ प्रस्तुत की गई हैं। इसमें भाग लेना एक महान अनुग्रह है जो हमें कलीसिया के सुखद भविष्य की आशा देता है।

मेरोनाइट पुरोहित ने लेबनान में सीरियाई शरणार्थियों की स्थिति के बारे में बात की: "2011 के बाद से, जब से वे यहां पहुंचे, वे अमानवीय परिस्थितियों में रह रहे हैं, बड़ी संख्या में सीमा पर शिविरों में हैं क्योंकि अंतर्राष्ट्रीय समुदाय लेबनान को उन्हें अपने क्षेत्र में रखने के लिए मजबूर कर रहा है, उन्हें यूरोप जाने से रोक रहा है।

फादर अलवान ने बताया कि ऐसे क्षेत्रों में "दो मिलियन से अधिक लोग रहते हैं", "हाल के वर्षों में कई जन्म पंजीकृत हुए हैं।"  उन्होंने आगे कहा, "अपनी पांच मिलियन की आबादी के साथ, लेबनान दुनिया में शरणार्थियों का सबसे अधिक प्रतिशत वाला देश है।" यह स्वीकार करते हुए कि नाटकीय स्थिति को कम करने के लिए कुछ मानवीय सहायता प्रदान की गई है, उन्होंने तर्क दिया कि शरणार्थियों को ऐसी जगह पर जाने की अनुमति दी जानी चाहिए जो उनकी मानवीय गरिमा के अनुरूप हो।

महाधर्माध्यक्ष मपाको: स्वागत करना, सुनना, सम्मान करना

प्रिटोरिया के महाधर्माध्यक्ष और दक्षिण अफ्रीकी धर्माध्यक्षीय सम्मेलन के उपाध्यक्ष महाधर्माध्यक्ष डाबुला एंथोनी मपाको ने अपने देश में प्रवासियों और शरणार्थियों की स्थिति को रेखांकित किया।

उन्होंने धर्मसभा प्रक्रिया की एक विधि के रूप में "आत्मा में बातचीत" में भाग लेने के अवसर की सराहना करते हुए शुरुआत की, महाधर्माध्यक्ष ने कहा कि श्रवण, सम्मान और स्वीकृति के साथ, लोग वास्तव में एक-दूसरे का स्वागत कर सकते हैं। उन्होंने कहा, "साथ ही, मैं जहां से आ रहा हूँ, वहां से पीछे मुड़कर देखने पर मुझे एहसास होता है कि कई अफ्रीकी देशों में, हमारे पास पहले से ही, इस धर्मसभा प्रक्रिया के लिए उपजाऊ जमीन है।"

महाधर्माध्यक्ष मपाको ने कहा कि उनका देश "प्रवासियों और शरणार्थियों को प्रेरितिक देखभाल देने की चुनौती का सामना कर रहा है", देश 2.9 मिलियन से अधिक शरणार्थियों की मेजबानी कर रहा है, जो कि अफ्रीका में सबसे अधिक है।

उन्होंने कहा, "इस प्रवासन का सबसे महत्वपूर्ण कारण गरीबी है", दक्षिण अफ्रीका आने वाले अधिकांश प्रवासी "आर्थिक प्रवासी" हैं।

महाधर्माध्यक्ष मपाको ने काथलिक प्रवासियों की जरूरतों के बारे में भी बात की, उन्होंने बताया कि उनकी स्थानीय कलीसिया उन्हें स्थानीय समुदाय में एकीकृत होने में मदद करने की कोशिश करती है, साथ ही उनकी स्थिति को समायोजित करने वाली प्रेरितिक देखभाल भी प्रदान करती है, जैसे कि उनकी अपनी भाषाओं में पूजन धर्मविधि प्रदान करना और उनकी सहायता के लिए अपने देश के मिशनरी पुरोहितों को नियुक्त करना।

कलीसिया में धर्मसभा और पदानुक्रम

इस सवाल का जवाब देते हुए कि क्या धर्मसभा के आधार पर संरचनाओं का नवीनीकरण धर्मसभा में धर्माध्यक्षों के अधिकार और विशेषाधिकारों को कमजोर कर सकता है,  धर्माध्यक्ष फ्लोरेस ने कहा कि यह मुद्दा नया नहीं है। उन्होंने कहा, कलीसिया द्वारा अधिकार या मंत्रालय का प्रयोग हृदय परिवर्तन पर आधारित होना चाहिए, क्योंकि किसी भी संरचना के लिए सकारात्मक लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए यह आवश्यक है।

इस मुद्दे को महाधर्माध्यक्ष मपाको ने  आगे बढ़ाते हुए कहा कि यह आमतौर पर सभी द्वारा स्वीकार किया जाता है कि दो संरचनाओं का सह-अस्तित्व होना चाहिए: कलीसिया में धर्मसभा और पदानुक्रम। "हालाँकि," उन्होंने कहा, "हम शायद यह देखना चाहते हैं कि दोनों इस तरह से कैसे काम कर सकते हैं कि धर्मसभा उस तरह से काम करना शुरू कर दे जिस तरह से कलीसिया की पदानुक्रमित संरचना संचालित होती है"।

साथ ही, उन्होंने कहा कि “काथलिक कलीसिया में, धर्मसभा का एक अद्वितीय स्थान होता है। यह एक धर्मसभा है जिसके केंद्र में परमाध्यक्ष संत पेत्रुस की कुर्सी है। दिन के अंत में, पदानुक्रम धर्मसभा के साथ-साथ चलता है।"

कार्डिनल चरनी ने कहा, “कलीसिया की पदानुक्रमित संरचनाओं को उस प्रक्रिया से डरने की कोई ज़रूरत नहीं है जो सुनने से शुरू होती है। यह असंभव है कि इससे कलीसिया की पदानुक्रमित प्रकृति को नुकसान पहुंचे।”

शरणार्थियों के बीच एलजीबीटी लोगों की मौजूदगी के बारे में एक सवाल के जवाब में, महाधर्माध्यक्ष मपाको ने जवाब दिया कि उनसे कैसे संपर्क किया जाए, इस पर कलीसिया की स्थिति स्पष्ट है: कलीसिया के समुदाय में "सबसे पहले करुणा और स्वीकृति दिखाएं, भेदभाव न करें, उन्हें बाहरी लोगों की तरह महसूस न कराएं।" और मुझे लगता है कि संत पापा ने इसका उदाहरण बहुत ही शानदार और सुंदर तरीके से दिया है।''

उन्होंने आगे कहा, “हालाँकि, हम जिस चीज़ से भी निपट रहे हैं वह पारंपरिक ईसाई मानवविज्ञान है, जिसे हम अभी भी यह देखने की कोशिश कर रहे हैं और मेरा मानना है कि यह जल्द ही हल होने वाला नहीं है क्योंकि हम एक ऐसी परंपरा से निपट रहे हैं जो लंबे समय से चली आ रही है।''

अपनी ओर से, धर्माध्यक्ष फ्लोरेस ने कहा कि वह अपने धर्मप्रांत में कठिन परिस्थितियों में परिवारों का स्वागत करना "कलीसिया की दारता का एक मिशन" मानते हैं। इसलिए, वे सभी स्वयंसेवकों को "जो पीड़ित है उनमें ईसा मसीह का चेहरा देखने" के लिए प्रोत्साहित करते हैं, उन्होंने आगे कहा, "हम उनसे यह नहीं पूछते कि क्या वे काथलिक हैं,  हम उनसे यह नहीं पूछते कि वे राजनीतिक रूप से कैसे विश्वास करते हैं, हम उनसे उनके यौन रुझान के बारे में नहीं पूछते हैं, हम बस उस मसीह की सेवा करना चाहते हैं जो पीड़ित है।”

कार्डिनल चरनी ने नियुक्त मंत्रालयों के संबंध में आदेश और कार्यालय के बीच संबंध के बारे में बात करते हुए कहा, "मुझे लगता है कि आदेश और कार्यालयों के बीच की पहचान एक ऐसी चीज़ है जिसे दूर किया जा रहा है। दूसरे शब्दों में, हम समझ रहे हैं कि हर कार्यालय के लिए पदानुक्रम आवश्यक नहीं हैं, जिसका नेतृत्व अब तक एक पुरोहित करता है और कुछ मामलों में एक कार्डिनल भी करता रहा है।

अंत में, समग्र मानव विकास की सेवा के लिए गठित विभाग के प्रीफेक्ट कार्डिनल चरनी ने प्रवासियों के लिए संत पेत्रुस महागिरजाघर के प्रांगण में रात के कार्यक्रम के बारे में कुछ विवरण देने के लिए मंच संभाला।

 

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20 October 2023, 16:17