स्वदेशी लोगों पर हरित वित्त के दुष्प्रभावों की चेतावनी
वाटिकन सिटी
जिनिवा, शुक्रवार, 29 सितम्बर 2023 (रेई, वाटिकन रेडियो): जिनिवा स्थित संयुक्त राष्ट्र संघीय मुख्यालय में परमधर्मपीठ के स्थायी पर्यवेक्षक महाधर्माध्यक्ष हेक्टर बालेस्त्रेरो ने गुरुवार 27 सितम्बर को राष्ट्र संघीय मानवाधिकार समिति के 54 वें सत्र में राष्ट्रों के प्रतिनिधियों को सबोधित करते हुए हरित वित्त से स्वदेशी लोगों पर पड़नेवाले दुष्प्रभावों के प्रति सचेत कराया।
स्वदेशी अधिकारों का सम्मान अनिवार्य
सम्पूर्ण विश्व में स्वदेशी या देशज लोगों के अधिकारों की पैरवी करते हुए महाधर्माध्यक्ष बालेस्त्रेरो ने कहा कि ग्रीन फऱाईनेन्स अथवा हरित वित्तीय व्यवस्था के कारण दुनिया के कई हिस्सों में स्वदेशी लोग भेदभाव और हिंसा का शिकार बन रहे हैं। इसके अतिरिक्त, उनकी भूमि और संसाधनों के शोषण से उनकी उत्तरजाविता और पहचान बनाए रखने की उनकी क्षमता पर ख़तरा उत्पन्न हो रहा है।
महाधर्माध्यक्ष महोदय ने कहा कि सदियों से चली आ रही उपनिवेशवादी प्रथाओं के बाद, जिसने दुनिया भर में स्वदेशी लोगों को व्यवस्थित रूप से हाशिए पर धकेल दिया है, उन कुनीतियों और कुप्रथाओं के निरंतर कार्यान्वयन को संबोधित करना आवश्यक है जो स्वदेशी लोगों की विशिष्ट संस्कृतियों का सम्मान नहीं करती तथा उनकी सुरक्षा को अपना दायित्व नहीं मानती हैं।
आम भलाई का सोच आवश्यक
उन्होंने कहा कि यही कारण है कि विकास के लिए स्थायी दृष्टिकोण खोजने के महत्व को दोहराते हुए, परमधर्मपीठ इस बात पर ज़ोर देना चाहती है कि "हरित परिवर्तनकाल" को लागू करने में उपयोग की जाने वाली प्रत्येक नीति और अभ्यास को सामान्य जनकल्याण के निर्देशों के अधीन किया जाना चाहिए।
महाधर्माध्यक्ष बाल्स्त्रेरो ने कहा कि इसीलिये, नीतियों, कानूनों और सरकारी कार्यक्रमों को एक ऐसा परिप्रेक्ष्य बनाए रखना चाहिए जो लोगों के बीच एकजुटता की भावना के साथ मानवीय गरिमा के सम्मान और प्रचार पर केंद्रित हो। इसका तात्पर्य यह है कि पर्यावरण की रक्षा के मूल्य पर ज़ोर देते हुए और जलवायु परिवर्तन के समाधान की खोज करते हुए, हमें अन्य बातों के साथ-साथ स्वदेशी लोगों को भी शामिल करना चाहिए, विशेष रूप से उन निर्णयों में जो उन्हें सीधे प्रभावित करते हैं।
महाधर्माध्यक्ष बालेस्त्रेरो ने कहा कि दरअसल, स्वदेशी लोगों का सामूहिक ज्ञान और मूल्य पूरे अंतरराष्ट्रीय समुदाय के लिए महत्वपूर्ण है, जो हमारे आम घर की देखभाल के लिए व्यवहार्य और टिकाऊ तरीके प्रदान करते हैं। स्वदेशी लोगों में "भूमि और पर्यावरण की रक्षा के लिए मेहनतीपन और निरंतर उत्कंठा है, उनमें एक खुली किताब के रूप में सृजन की सामंजस्यपूर्ण दृष्टि के प्रति निष्ठा है जो मनुष्यों को सृष्टिकर्त्ता प्रेम करना और अन्य जीवित प्राणियों के साथ सहजीवन में रहना सिखाती है"।
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