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कुरान के अपवित्रीकरण पर भड़का लोगों का रोष, 10.07.2023 कुरान के अपवित्रीकरण पर भड़का लोगों का रोष, 10.07.2023  (ANSA)

धर्म सम्बन्धी प्रतीकों एवं स्थलों के अपवित्रीकरण की निन्दा

जिनिवा स्थित संयुक्त राष्ट्र संघीय मुख्यालय में मानवाधिकार सम्बन्धी समिति के 53 वें सत्र में परमधर्मपीठ के स्थायी पर्यवेक्षक वाटिकन के वरिष्ठ महाधर्माध्यक्ष डेविड पुट्सर ने धर्म सम्बन्धी प्रतीकों एवं आराधना स्थलों के अपवित्रीकरण की कड़ी निन्दा की।

वाटिकन सिटी, 

जिनिवा, शुक्रवार, 14 जुलाई 2023 (रेई, वाटिकन  रेडियो): जिनिवा स्थित संयुक्त राष्ट्र संघीय मुख्यालय में मानवाधिकार सम्बन्धी समिति के 53 वें सत्र में परमधर्मपीठ के स्थायी पर्यवेक्षक वाटिकन के वरिष्ठ महाधर्माध्यक्ष डेविड पुट्सर ने धर्म सम्बन्धी प्रतीकों एवं आराधना स्थलों के अपवित्रीकरण की कड़ी निन्दा की।

कुछेक यूरोपीय और अन्य देशों में पवित्र कुरान के बार-बार अपमान से प्रकट धार्मिक घृणा के पूर्व-निर्धारित दुष्कर्म और आरधना स्थलों पर घृणा के कृत्यों में चिंताजनक वृद्धि आने के परिणामस्वरूप 11 जुलाई को तत्काल विचार-विमर्श का आयोजन किया गया।  

सम्मान अनिवार्य

महाधर्माध्यक्ष डेविड पुट्सर ने कहा, परमधर्मपीठ धार्मिक वस्तुओं, प्रतीकों और आराधना स्थलों के अपमान, विनाश या अनादर की कड़े शब्दों में निंदा करती है। उन्होंने कहा, हाल ही में ईद अल-अधा मुस्लिम पर्व के पहले दिन कुरान को जलाना विशेष रूप से परेशान करने वाला था, क्योंकि घृणा के इस कृत्य से उस पवित्र दिन के महत्व को भी कलंकित  किया गया।

महाधर्माध्यक्ष ने उस भयावह कृत्य के जवाब में सन्त पापा फ्राँसिस के शब्दों की ओर ध्यान आकर्षित कराया कि "किसी भी धर्म के लोगों द्वारा पवित्र समझी जाने वाली किसी भी पुस्तक का सम्मान किया जाना चाहिये और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को कभी भी दूसरों का तिरस्कार करने के बहाने के रूप में इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए, और न ही इसकी अनुमति ही दी जानी चाहिये।"

ज़रूरत है शांति निर्माताओं की

महाधर्माध्यक्ष पुट्सर ने कहा, "दरअसल, धार्मिक विश्वास मानव व्यक्ति के जीवन में सत्य, अर्थ और उद्देश्य की खोज की अभिव्यक्ति है। इस प्रकार, धार्मिक मान्यताओं, परंपराओं या पवित्र वस्तुओं का जानबूझकर अपमान करना विश्वासी व्यक्ति की मानवीय गरिमा पर हमला है। दूसरी ओर, हमें इस बात के प्रति भी सचेत रहना चाहिए कि दुष्ट व्यक्ति अक्सर असंगत प्रतिक्रिया भड़काने के लिए, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के अनमोल उपहार का दुरुपयोग करते हुए, धार्मिक असहिष्णुता के कृत्यों में लगते हैं।"

उन्होंने कहा, "वे नफरत और असहिष्णुता को प्रश्रय देते और समाज में अधिक ध्रुवीकरण पैदा करते हैं, जबकि गहन सत्य पर आधारित सच्चा विश्वास, विश्वासियों को अपराध सहने और यहां तक कि माफ करने में सक्षम बनाता है। वस्तुतः, आस्थावान लोग एक ऐसी दुनिया के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं जो मानवीय गरिमा को कायम रखती, मानवाधिकारों की रक्षा करती और आम भलाई को बढ़ावा देती है।"

अन्त में सन्त पापा फ्राँसिस की अपील को दुहराते हुए उन्होंने कहा, "आज हमें शांति निर्माताओं की ज़रूरत है, न कि संघर्ष भड़काने वालों की, आज हमें अग्निशामकों की जरूरत है, आगजनी करने वालों की नहीं; हमें मेल-मिलाप के पैरोकारों की ज़रूरत है, विनाश की धमकी देने वाले लोगों की नहीं।"

 

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14 July 2023, 11:09