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भावी-कार्डिनल अगोस्तिनो मारकेत्तो भावी-कार्डिनल अगोस्तिनो मारकेत्तो   (Medol)

भावी-कार्डिनल मारकेत्तो आप्रवासियों एवं शरणार्थियों की सेवा में

भावी-कार्डिनल अगोस्तिनो मारकेत्तो कलीसिया और परमधर्मपीठ की सेवा में विगत दशकों में कई उपाधि पा चुके हैं। वाटिकन न्यूज के साथ एक साक्षात्कार में उन्होंने अपना विचार साझा करते हुए कहा कि पोप फ्राँसिस ने उन्हें परमधर्मपीठ में कई वर्षों की सेवा के लिए लाल टोपी देने हेतु चुना है, खासकर, आप्रवासी और खानाबदोश लोगों की प्रेरितिक देखभाल के लिए गठित परमधर्मपीठीय परिषद में।

वाटिकन न्यूज

वाटिकन सिटी, शनिवार, 15 जुलाई 2023 (रेई) : संत पापा फ्राँसिस ने पिछले रविवार को 21 भावी कार्डिनलों की घोषणा की जिन्हें सितम्बर माह के अंत में आयोजित एक कार्डिनल मंडल की सभा में कार्डिनल बनाया जाएगा।  

उनमें से एक हैं 83 वर्षीय महाधर्माध्यक्ष अगोस्तिनो मारकेत्तो, जिन्होंने जीवन भर परमधर्मपीठ के राजनयिक के रूप में काम किया है, वे वाटिकन द्वितीय महासभा में विश्लेषक रहे हैं और आप्रवासियों एवं खानाबदोश लोगों के लिए प्रेरितिक देखभाल हेतु गठित परमधर्मपीठीय समिति के पूर्व सचिव भी रहे हैं।

नामित-कार्डिनल मारकेत्तो ने वाटिकन रेडियो को बताया कि उन्हें लगता है कि उन्हें नामांकित करके पोप, कलीसिया की देखभाल और कमजोर लोगों के प्रति निकटता को उजागर करना चाहते हैं।

महाधर्माध्यक्ष मारकेत्तो ने कहा, पोप फ्राँसिस के लिए एक प्रमुख चिंता के विषय हैं आप्रवासी और शरणार्थी, जिन्हें उन्होंने गौर किया कि जब वे कष्ट झेल रहे स्थानों से पलायन करते हैं तो उनके साथ अक्सर बुरा वर्ताव किया जाता है।

उन्होंने कहा, “यह नियुक्ति शायद लोगों को यह समझने में मदद करने के लिए है कि यह एक बहुत ही महत्वपूर्ण मुद्दा है”, उन्होंने प्रवासियों और खानाबदोश लोगों की प्रेरितिक देखभाल के लिए परमधर्मपीठीय समिति को पिछली शताब्दी की बड़ी सफलताओं में से एक बताया।

महाधर्माध्यक्ष ने इस बात पर गौर करते हुए कि वर्तमान में आप्रवासन एक बड़ा मुद्दा है, कहा, “हमें स्त्रियों और पुरूषों पर ध्यान देना चाहिए न केवल उस समय जब वे भ्रमण नहीं कर रहें हो, बल्कि कलीसिया को उस समय भी साथ देना चाहिए जब वे एक जगह से दूसरे जगह पर जाते हैं।”

उन्होंने कहा कि यह एक मौलिक मुद्दा है जिसका हमें जितना जल्दी हो सके हल करना चाहिए अन्यथा हमें कई सवालों का सामना करना पड़ेगा।  

विशेष रूप से, उन्होंने कहा, जलवायु शरणार्थियों की संख्या में वृद्धि होना तय है, इसलिए यह महत्वपूर्ण है कि नियमों, विनियमों और नीतियों को लागू किया जाना चाहिए ताकि भाईचारापूर्व वर्ताव के साथ उनका स्वागत किया जा सके।

द्वितीय वाटिकन महासभा एवं सिनॉड

नामित-कार्डिनल ने जिस दूसरे मुद्दे पर ध्यान केंद्रित करने के लिए चुना है, वह द्वितीय वाटिकन महासभा का अध्ययन और व्याख्या करने की आवश्यकता से संबंधित है, जिसके बारे में उन्होंने कहा, यह "मेरे पूरे जीवन का मूलमंत्र" रहा है।

उन्होंने कहा, “पहली शताब्दी की महासभा से ही विशेषकर, पोप एवं धर्माध्यक्ष के बीच संबंध और पोप प्रधानता और एक साथ जिम्मेदारी निभाने के विषय का विकास हुआ है।" भावी-कार्डिनल ने कहा, चल रही धर्माध्यक्षीय धर्मसभा यात्रा, कलीसिया के भीतर मौजूद निरंतरता को रेखांकित करती है, एक ऐसी कलीसिया की जो वैध विकास के बावजूद येसु का, सुसमाचार का और धर्मशिक्षा का साक्ष्य देती है।

 

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15 July 2023, 15:18