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दिव्य भक्ति और संस्कारों के अनुशासन के लिए बने परमधर्मपीठीय विभाग के प्रीफेक्ट कार्डिनल आर्थर रोशे दिव्य भक्ति और संस्कारों के अनुशासन के लिए बने परमधर्मपीठीय विभाग के प्रीफेक्ट कार्डिनल आर्थर रोशे 

"एड पोस्टुलांडम कॉन्टिनेंटियम" मिस्सा के लिए पाठों का संकेत

वाटिकन में दिव्य भक्ति और संस्कारों के अनुशासन के लिए बने विभाग ने "एड पोस्टुलांडम कॉन्टिनियम" या आत्म-संयम के लिए प्रार्थना के इरादे से मनाए जाने वाले पवित्र मिस्सा में उपयोग के लिए बाइबिल पाठों को निर्दिष्ट किया है।

माग्रेट सनीता मिंज-वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, सोमवार 26 जून 2023 (वाटिकन न्यूज) : दिव्य भक्ति और संस्कारों के अनुशासन के लिए बने परमधर्मपीठीय विभाग ने एक डिक्री जारी की है जिसमें "एड पोस्टुलांडम कॉन्टिनेंटियम" (आत्म-संयम के लिए प्रार्थना) पवित्र मिस्सा के लिए बाइबिल पाठ का संकेत दिया गया है, जो रोमन मिस्सल में विभिन्न आवश्यकताओं के लिए यूखारीस्तीय समारोहों के खंडों में पाया जाता है।

पाठों की सूची वाले डिक्री पर विभाग के प्रीफेक्ट कार्डिनल आर्थर रोशे और उसी विभाग के सचिव महाधर्माध्यक्ष विटोरियो फ्रांचेस्को वियोला द्वारा हस्ताक्षर किए गए थे। इसे दुनिया भर के विभिन्न राष्ट्रीय धर्माध्यक्षों के सम्मेलनों में भेजा गया था।

दिव्य उपासना विभाग ने 22 जून के डिक्री को समझाने के लिए एक विज्ञप्ति भी जारी की।

विज्ञप्ति में कहा गया है, "रोमन मिस्सल में, 'कॉन्टिनेंटिया' शब्द का उपयोग सामान्य तरीके से उन सभी चीजों को इंगित करने के लिए किया जाता है, जो प्रत्येक बपतिस्मा प्राप्त व्यक्ति को मसीह को धारण करने के लिए करने के लिए कहा जाता है (सीएफ गला. 3:27) ), हर प्रकार की बुराई के खिलाफ लड़ना, यह जानते हुए कि किसी का शरीर पवित्र आत्मा का मंदिर है, ईश्वर की महिमा करने का एक साधन है (सीएफ. 1 कुरिं 6:19), जीवन के पथ पर चलते हुए, पवित्र आत्मा के साथ कदम से कदम मिलाते हुए (सीएफ गलातियों 5:25),  ईश्वरीय आज्ञाओं के पालन में (सीएफ. प्रवक्ता 2:20, 21 और एजेकिएल 36:27), और शरीर की इच्छाओं और कार्यों से चिपके रहकर उसे अपमानित करने का साधन नहीं। (सीएफ. गलातियों 5: 19)”

विज्ञप्ति इस बात पर जोर देती है कि यह प्रयास पूरी तरह से मानवीय प्रयास पर निर्भर नहीं है, क्योंकि ख्रीस्तियों को "पवित्र आत्मा द्वारा जीने के लिए (सीएफ गलातियों 5:25), एक नया दिल और एक नई आत्मा प्राप्त करने के लिए (सीएफ. एजेकिएल 36:26) अनुग्रह मांगना और प्राप्त करना चाहिए।"

विज्ञप्ति में कहा गया है, "बाइबिल के इन पाठों का उद्देश्य एक पवित्र हृदय की कृपा मांगने के लिए जो हावी होने की इच्छा से मुक्त, किसी की महत्वाकांक्षाओं को समझने, बेलगाम तरीके से और अक्सर सबसे कमजोर लोगों की कीमत पर अपनी इच्छाओं को जीतने के लिए, एक पवित्र मिस्सा की पेशकश करना है।”

इसलिए, पवित्र मिस्सा "एड पोस्टुलांडम कॉन्टिनियम" प्रत्येक बपतिस्मा प्राप्त व्यक्ति के इरादों के लिए मनाया जा सकता है, चाहे उनकी स्थिति कुछ भी हो।

बाइबिल पाठ

संकेतिक पाठों में संत मत्ती का एक सुसमाचार अंश ("आप पृथ्वी के नमक हैं," मत्ती 5:13-16) और संत योहन के सुसमाचार का एक अंश शामिल है ("यह मेरी आज्ञा है: कि तुम एक दूसरे से प्रेम करो, जैसा मैंने तुमसे प्रेम किया है, " योहन 15:12-17).

पुराने नियम के पाठ नबी एजेकिएल की ग्रंथ से लिए गए हैं। "मैं तुम्हें एक नया हृदय दूंगा, मैं तुम्हारे भीतर एक नई आत्मा डालूंगा, मैं तुम्हारे अंदर से पत्थर का दिल निकाल दूंगा और तुम्हें मांस का दिल दूंगा।" एजेकिएल 36:24-29ए और प्रवक्ता ग्रंथ 2:18-23 से "जो लोग प्रभु से डरते हैं वे अपना दिल तैयार करते हैं।"

नये नियम के पाठ रोमियों के नाम संत पौलुस का पत्र 12:1-2, 9-18 (दान में कोई दिखावा न हो।"), कुरिंथियों के नाम संत पौलुस का पहला पत्र 6:12-15ए, 17-20 (सभी चीजें मेरे लिए वैध हैं! लेकिन सभी चीज़ों से लाभ नहीं होता है) और गलातियों के नाम संत पौलुस का पत्र 5:16-25 ("दूसरी ओर, आत्मा का फल प्रेम, आनंद, शांति, धैर्य, दया, भलाई, विश्वासयोग्यता, नम्रता आत्म-संयम है, आत्म-नियंत्रण; इन चीज़ों के ख़िलाफ़ कोई कानून नहीं है।") से ली गई हैं।"

अंतरभजन स्तोत्र 86 और 112 से लिया गया है।

 

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26 June 2023, 15:56