मिशन का सच्चा नायक पवित्र आत्मा है, हम उसके रास्ते पर चलते हैं, संत पापा
माग्रेट सुनीता मिंज-वाटिकन सिटी
वाटिकन सिटी, बुधवार 28 जून 2023 (वाटिकन न्यूज) : संत पापा फ्राँसिस ने आज सुबह वाटिकन के संत पापा पॉल षष्टम सभागार के एक कमरे में संयुक्त राज्य अमेरिका और कनाडा में निहित काथलिक कलीसिया, एक प्रोटेस्टेंट कलीसिया और ईसा मसीह के शिष्यों के बीच संवाद के लिए अंतर्राष्ट्रीय आयोग के सदस्यों से मुलाकात की। उनका स्वागत करते हुए कहा कि पवित्र आत्मा "स्मृति और मार्गदर्शक है जो नए और अप्रत्याशित रास्ते खोलता है, जहां हमने सोचा था कि रास्ते वर्जित या अवरुद्ध थे।" एक संवाद जो 1977 से चल रहा है और काम का छठा चरण 2027 तक चलेगा - इसका विषय वास्तव में "आत्मा का कार्य" है। विश्वास के लिए इस कठिन समय में, हम उसी विश्वास में एकजुट हैं जिसे प्रेरित संत पेत्रुस सांत्वना के ईश्वर पर हमारी आशा रखने की बात बताना चाहते थे।
ख्रीस्तीय समुदाय को युवा बनाये रखें
संत पापा ने रेखांकित किया, "जब हम प्रार्थना में और खुले दिल से आत्मा से प्रेरित धर्मग्रंथों को पढ़ते हैं, उसे हमसे बात करने और हम में कार्य करने देते हैं, तो यह उनकी "लाभकारी स्मृति है, जो हमें याद दिलाती है कि जीवन में क्या मायने रखता है और याद रखें कि "ईशअवर के लिए कुछ भी असंभव नहीं है।" जैसा कि द्वितीय वाटिकन काउंसिल द्वारा कहा गया है, आत्मा एक "मार्गदर्शक" भी है और "ख्रीस्तीय समुदाय को युवा रखता है"। उनमें "येसु को प्रभु और उद्धारकर्ता घोषित करने का आनंद है और हम उनके नाम की प्रशंसा, महिमा और स्तूति में आगे बढ़ने की ताकत पाते हैं," जबकि वे "हमारी आत्मा को दुःख, स्वयं-संदर्भात्मकता और सांसारिकता के प्रलोभनों से बचाते हैं।"
सद्भावना "संतुलन की बातचीत" से आगे निकल जाती है
संत पापा फ्राँसिस ने कहा कि आत्मा "मिशन का सच्चा नायक है" और विश्वास की दृष्टि से, उनके काम को "हमारे समुदायों की सीमाओं से परे भी" देखा जा सकता है और "यदि हम उनके प्रति विनम्र हैं", तो वो सामंजस्य स्थापित करने में सक्षम होंगे, भले ही हमारे लिए सामंजस्य बिठाना कठिन लगता हो।
संत पापा ने आगे कहा कि आत्मा सद्भाव है: आइए, इसे न भूलें। वे "विभाजन" की अनुमति देते हैं: आइए, पेंतेकोस्त की सुबह के बारे में सोचें, जब विभिन्न करिश्माओं का एक बड़ा "विभाजन" हुआ था... लेकिन फिर उसने सद्भाव बनाया, जो "संतुलन की बातचीत" नहीं है : सद्भाव आगे बढ़ता है और यह आत्मा का मार्ग है।
साथ चलें और प्रार्थना करें
1964 में येरूसालम में संत पापा पॉल षष्टम और कॉन्स्टेंटिनोपल के परमाध्यक्ष एथनागोरस के बीच ऐतिहासिक मुलाकात को याद करते हुए संत पापा फ्राँसिस ने कहा, "आइए हम आत्मा द्वारा बताए गए सद्भाव के रास्ते पर चलने से न डरें।"
संत पापा ने कहा, कलीसियाई सहभागिता के मार्ग पर, साथ ही अन्य कलीसियाओं और ख्रीस्तीय समुदायों के साथ बातचीत में भी, एक बात है जो मुझे हमेशा सोचने पर मजबूर करती है: प्राधिधर्माध्यक्ष एथनागोरस ने, कुछ हद तक मजाक में, संत पापा पॉल षष्टम को कहा: “आइए हम सभी धर्मशास्त्रियों को एक द्वीप पर भेजें और हम साथ चलते हैं. एक साथ चलने से ख्रीस्तीय एकता हासिल होती है।” निश्चित रूप से यह आवश्यक हैं: कि धर्मशास्त्री अध्ययन करें, वे बोलें, वे चर्चा करें, लेकिन इस बीच, हम एक साथ प्रार्थना करते हुए और उदारता के कार्यों को करते हुए साथ-साथ चलते हैं। मेरे लिए यही वह रास्ता है जो निराश नहीं करता।
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