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वाटिकन राज्य सचिव कार्डिनल पियेत्रो पारोलीन वाटिकन राज्य सचिव कार्डिनल पियेत्रो पारोलीन  

मानव तस्करी के खिलाफ पारोलिन ने किया एक प्रतिमा का उद्घाटन

इटली के विचेन्सा प्रान्त स्थित स्कियो नगर में वाटिकन राज्य सचिव कार्डिनल पियेत्रो पारोलीन ने गुरुवार को सन्त जोसफीन बखिता को समर्पित मानव तस्करी के खिलाफ एक प्रतिमा का उदघाटन किया।

वाटिकन सिटी

विचेन्सा, इटली, शुक्रवार, 30 जून 2023 (रेई, वाटिकन रेडियो): इटली के विचेन्सा प्रान्त स्थित स्कियो नगर में वाटिकन राज्य सचिव कार्डिनल पियेत्रो पारोलीन ने गुरुवार को सन्त जोसफीन बखिता को समर्पित मानव तस्करी के खिलाफ एक प्रतिमा का उदघाटन किया।

उदासीनता से मुक्ति

"उत्पीड़ितों को आज़ाद होने दो" शीर्षक के अन्तर्गत कनाडा के कलाकार तिमोथी श्माल्स द्वारा रची गई, मानव तस्करी के विरुद्ध, प्रतिमा का उदघाटन करते हुए कार्डिनल पारोलीन ने कहा, "अपने आप में बन्द हो जाना हमें दूसरे के प्रति अपनी आँखें खोलने से रोकता है। हमें खुद को उस उदासीनता से मुक्त करना होगा जिसके साथ हम अपने दुख, पीड़ा और असुरक्षा के दिनों की वास्तविकता को देखते हैं।"   

इस अवसर पर कार्डिनल महोदय ने अफ्रीका की सन्त जोसफीन बखिता को याद किया और कहा, "गुलामों की मुक्ति के प्रयासों में संलग्न और तस्करी के पीड़ितों की संरक्षिका, अफ्रीकी धर्मबहन जोसफीन बखिता का आह्वान करना इसलिये आवश्यक है कि हममें से प्रत्येक व्यक्तिवाद की "गुलामी" से मुक्त हो सके तथा दूसरों के लिए कुछ करने के लिए  प्रेरणा पा सके।"

ग़ौरतलब है कि कनाडा के कलाकार तिमोथी श्माल्स पहले से ही "एंजेल अनवेयर्स" स्मारक का भी तक्षण किया था,  जो वर्तमान एवं अतीत के आप्रवासियों की स्थिति को दर्शाता है और जिसे सन्त पापा फ्राँसिस ने स्थायी रूप से सन्त पेत्रुस महागिरजाघर के प्राँगण में प्रतिष्ठापित कर दिया है।  

विश्व में व्याप्त मानव तस्करी

कार्डिनल द्वारा आशीर्वादित प्रतिमा सन्त बखिता को एक दरवाज़ा खोलते हुए चित्रित करती है, जिसमें से निकलने वाले लोग तमाम विश्व में मौजूद तस्करी के विभिन्न रूपों का प्रतिनिधित्व करते हैं। छः मीटर लम्बी "उत्पीड़ितों को आज़ाद होने दो" काँस्य की प्रतिमा उत्तरी इटली से कनाडा में जाकर बसे आप्रवासियों द्वारा दिये गये अनुदान से बनाई गई है।  

व्यक्तिवाद की "गुलामी" से मुक्त होने के सन्दर्भ में कार्डिनल पारोलीन ने कहा, "मेरा मानना ​​है कि केवल अगर हम इस गुलामी से मुक्त हो सकें, जिसके अधीन हम सभी हैं, तब ही हम अपनी आंखें खोल पाएंगे, दुनिया में मौजूद और हमारे करीब की स्थितियों से अवगत हो पाएंगे, हमारी अपनी वास्तविकता को पहचान सकेंगे, अन्यों की देखभाल कर सकेंगे और वह सबकुछ कर सकेंगे जो हम कर सकते हैं। हम सब कुछ नहीं कर सकते तथापि मेरा मानना ​​है कि हम में से प्रत्येक कुछ न कुछ कर सकता है।" अस्तु, कार्डिनल पारोलीन की आशा है कि "हर कोई इस पर काम को करने के लिए स्वतः को प्रतिबद्ध महसूस करे"।

 

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30 June 2023, 11:48