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वाटिकन के विदेश सचिव महाधर्माध्यक्ष पॉल गालाघेर वाटिकन के विदेश सचिव महाधर्माध्यक्ष पॉल गालाघेर  (ANSA)

महाधर्माध्यक्ष गालाघेर: कारितास का मानवीय मिशन "पहले से कहीं अधिक आवश्यक"

वाटिकन के विदेश सचिव ने कारितास इंटरनेशनल महासभा को संबोधित किया और परिसंघ की मानवीय पहुंच की प्रशंसा करते हुए शांति के लिए काम करना जारी रखने का आग्रह किया। रोम में 11 से 16 मई तक कारितास इन्टरनेशनल की महासभा जारी है।

माग्रेट सुनीता मिंज-वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, शनिवार 13 मई 2023 (वाटिकन न्यूज) : महाधर्माध्यक्ष पॉल गालाघेर ने शुक्रवार को कारितास इंटरनेशनल महासभा को संबोधित करते हुए कहा कि कारितास इंटरनेशनल का मानवीय मिशन कलीसिया के लिए "अत्यंत महत्वपूर्ण" है।

महाधर्माध्यक्ष पॉल गालाघेर जो राज्यों के साथ संबंधों और अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के लिए परमधर्मपीठ के सचिव हैं, कारितास इंटरनेशनल महासभा को संबोधित कर रहे थे, जो कि 160 से अधिक विभिन्न कलीसिया-संचालित गैर लाभकारी संगठनों का एक संघ है।

कारितास का मिशन

महाधर्माध्यक्ष गालाघेर ने कलीसिया के लिए कारितास के काम की केंद्रीयता पर विचार करते हुए अपने संदेश की शुरु किया, "दान वास्तव में कलीसिया के जीवन का सार है।" उन्होंने इसी विषय पर संत पापा फ्राँसिस के शब्दों को उद्धृत किया: 2016 में संत पापा ने कहा कि कारितास का मिशन "अत्यधिक महत्वपूर्ण है क्योंकि यह हर व्यक्ति को पिता ईश्वर द्वारा प्यार किए जाने का एहसास करा सकता है, शब्दों से नहीं बल्कि ठोस प्रेम से।"

 इसके बाद महाधर्माध्यक्ष ने इस धर्मार्थ कार्य की दो महत्वपूर्ण विशेषताओं पर ध्यान दिया। उन्होंने कहा, “सबसे पहले, यह भौतिक और सामाजिक सहायता से परे है, इसका संबंध पूरे व्यक्ति से है। यह लोगों को वापस अपने पैरों पर खड़ा करने का प्रयास करता है" और, दूसरी बात, यह एकतरफ़ा नहीं है, बल्कि सहायता प्राप्त लोगों के साथ एक भ्रातृत्वपूर्ण मुलाकात है।"

अंधेरे समय में प्रकाश

महाधर्माध्यक्ष गालाघेर ने कहा, "इस महत्वपूर्ण सभा को मेरे अंतिम संबोधन के बाद से दुनिया अभूतपूर्व संकटों से बुरी तरह प्रभावित हुई है: महामारी, जलवायु परिवर्तन के कारण प्राकृतिक आपदा, बढ़ती खाद्य असुरक्षा और भूख, नए संघर्ष, साथ ही राजनीतिक अस्थिरता और हिंसा।

इस गंभीर संदर्भ को देखते हुए, "भाईचारे की श्रृंखला" कारितास द्वारा प्रतिनिधित्व - 200 से अधिक देशों में स्थित संगठनों का एक संघ - "पहले से कहीं अधिक आवश्यक है।"

महाधर्माध्यक्ष गालाघेर ने कहा कि शांति के लिए संगठन के कार्य के बारे में भी यही सच है, जिसके प्रचार को उन्होंने कलीसिया के प्राथमिक कार्य के रूप में पहचाना। उन्होंने कहा कि दुनिया में बढ़ते संघर्ष को देखते हुए - यूक्रेन, हैती, सूडान, मध्य पूर्व और अन्य जगहों पर - "लोगों के बीच शांति और समझ" को बढ़ावा देने के लिए कारितास का काम "एक बुनियादी पहलू" बनी रहनी चाहिए।

काथलिक पहचान

महाधर्माध्यक्ष गालाघेर के संबोधन का एक अंतिम विषय कारितास का विशिष्ट काथलिक पहचान था, जो इसे "अन्य सभी योग्य गैर-लाभकारी या परोपकारी संगठनों से अलग करता है।"

महाधर्माध्यक्ष ने स्पष्ट किया कि कारितास इंटरनेशनल दूसरी वाटिकन परिषद के बाद आया, जब दान और विकास कार्यों के लिए एक व्यापक संरचना देने का निर्णय लिया गया था जो स्थानीय कलीसिया पहले से ही कर रहे थे। इसलिए, यह वास्तव में, काथलिक कलीसिया की धर्मार्थ शाखा के रूप में कार्य करता है, जो "ख्रीस्तीय समुदाय के दान की अभिव्यक्ति" के रूप में कार्य करता है।

महाधर्माध्य ने कारितास की काथलिक पहचान की केंद्रीयता पर जोर देते हुए कहा कि "इस धार्मिक प्रेरणा में इसे अपनी ताकत और पहचान मिलनी चाहिए।"

महाधर्माध्यक्ष गालाधेर ने दो तरीकों पर ध्यान दिया जिसमें ईशशास्त्रीय पहचान व्यक्त की जाती है। उन्होंने कहा कि सबसे पहले, कारितास का काथलिक पहचान अपनी धर्मार्थ गतिविधि के माध्यम से जीवित है, जो "मसीह के दान की अभिव्यक्ति" है। दूसरा, यह दुनिया में अपनी गवाही के माध्यम से प्रदर्शित होता है, जहां कारितास "अंतर्राष्ट्रीय समुदाय का प्रवक्ता और एक स्वस्थ मानवशास्त्रीय दृष्टि का हिमायती है, जो काथलिक सिद्धांत में निहित है और मानव गरिमा की अभिन्न रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है।"

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13 May 2023, 17:10