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सिनॉड के महासचिव कार्डिनल मारियो ग्रेच सिनॉड के महासचिव कार्डिनल मारियो ग्रेच 

सिनॉड : आमसभा में वोट करने के लिए लोकधर्मी भी सक्षम

सिनॉड या धर्माध्यक्षीय धर्मसभा के सचिवालय ने घोषणा की है कि पोप द्वारा नियुक्त 70 "गैर-बिशप सदस्य" - जिनमें से आधी महिलाएँ होंगी - अक्टूबर में सिनॉड महासभा में मतदान करने में सक्षम होंगी।

उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी

अक्टूबर 2023 में वाटिकन में सिनॉडालिटी विषय पर होनेवाली महासभा में न तो स्वभाव और न ही नाम बदल रहा है - जो धर्माध्यक्षों की धर्मसभा है - लेकिन प्रतिभागियों की संरचना बदलनेवाली है, जिसमें धर्माध्यक्षों के अलावा कलीसिया के अन्य सदस्य (जो धर्माध्यक्ष नहीं हैं) बड़ी संख्या में भाग लेंगे।

इन 70 व्यक्तियों में पोप द्वारा सीधे नियुक्त लोकधर्मी शामिल होंगे, जिनमें से 50 प्रतिशत महिलाएँ होंगी और जिनमें कई युवा शामिल होंगे। सभी 70 लोगों को सभा में मतदान का अधिकार प्राप्त होगा, जिसमें कुल 400 से अधिक प्रतिभागियों में से लगभग 370 मतदान करने वाले सदस्य शामिल होंगे।

“एक क्रांति नहीं”

यह संत पापा फ्राँसिस द्वारा  2021 में जारी सिनॉड महासभा का एक मुख्य बदलाव है। सिनॉड के सचिवालय के महासचिव कार्डिनल मारियो ग्रेच तथा कार्डिनल जॉ क्लौदे होलेरिक ने बदलाव को प्रस्तुत किया।  

वाटिकन प्रेस कार्यालय ने बुधवार को संवाददाता सम्मेलन में निर्दिष्ट किया कि “यह कोई क्रांति नहीं है लेकिन एक महत्वूर्ण बदलाव है।”

“गैर-धर्माध्यक्ष” सदस्य

अफ्रीका, एशिया, मध्य पूर्व और ओशिनिया में हाल ही में आयोजित महाद्वीपीय विधानसभाओं के प्रमुखों को एक पत्र में नई व्यवस्था की सूचना दी गई थी।

पत्र में कहा गया है कि किसी भी मौजूदा नियम को निरस्त नहीं किया गया है, और 2018 प्रेरितिक संविधान एपिस्कोपलिस कम्युनियो ने पहले से ही धर्मसभा में "गैर-बिशप" सदस्यों की उपस्थिति को स्वीकृति दी है।

70 गैर-बिशप सदस्यों को पोप द्वारा धर्माध्यक्षीय सम्मेलनों के 7 अंतर्राष्ट्रीय सभाओं और पूर्वी काथलिक कलीसियाओं के प्राधिधर्माध्यक्षों की सभा द्वारा तैयार की गई 140 की सूची से चुना जाएगा।

पत्र के अनुसार, वे "ईश प्रजा (पुरोहितों, धर्मबहनों, उपयाजकों, लोकधर्मियों) के विभिन्न समूहों" का प्रतिनिधित्व करेंगे। सिनॉड सभा में अब "लेखा परीक्षक" शामिल नहीं होंगे।

धर्माध्यक्षों की एक आमसभा

धर्मसभा के महासचिव ने पत्र में जोर दिया गया है कि "इस तरह, विशेषकर धर्माध्यक्षीय सभा की प्रकृति प्रभावित नहीं होती है, बल्कि यह पुष्ट होती है।”

कार्डिनल होलरिक ने कहा कि "हम 21 प्रतिशत विधानसभा के बारे में बात कर रहे हैं, जो गैर-बिशपों की एक बड़ी भागीदारी के साथ धर्माध्यक्षों की महासभा है। उनकी उपस्थिति ईशप्रजा की भविष्यवाणी और पुरोहितों के विवेक के बीच संवाद सुनिश्चित करती है।"

चुनाव और नियुक्ति

70 में से आधी महिलाओं की आवश्यकता और युवा लोगों की उपस्थिति के बारे में बोलते हुए, कार्डिनल ने कहा कि ऐसा इसलिए है "क्योंकि हमारी दुनिया ऐसी ही है।"

उन्होंने कहा कि 140 उम्मीदवारों का चयन, प्रत्येक व्यक्ति की सामान्य संस्कृति, विवेक, और ज्ञान एवं सिनॉडल प्रक्रिया में भागीदारी को ध्यान में रखकर किया जाएगा। सदस्य के रूप में उन्हें वोट देने का अधिकार है।

कार्डिनल ग्रेच ने कहा कि यह पहलू महत्वपूर्ण है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि किसी दिन "हम वोट के बिना काम चलायेंगे, क्योंकि धर्मसभा एक आत्मनिरीक्षण है, एक प्रार्थना है।"

पाँच धर्मसमाजी महिलाएँ और पाँच धर्मसमाजी पुरूष

सुपीरियर जनरलों के संघ (यूआईएसजी) द्वारा चुने गये पाँच सदस्य और सुपीरियर जेनेरलों के पुरूष संघ (यू एस जी) द्वारा पांच सदस्यों का चयन किया जाएगा जो वोट देने के लिए सक्षम होंगे।

ये 10 धर्मसमाजी, पिछले सिनॉड सभाओं में भाग लेनेवाले धर्मसमाजी संस्थाओं के पुरोहितों का स्थान लेंगे।

सभी चुनाव सभा के दौरान और सिनॉड की समिति के सदस्यों एवं धर्माध्यक्षीय सम्मेलनों के गुप्त मतदान द्वारा किये जायेंगे। और उनके नाम तब तक सार्वजनिक नहीं किए जाएंगे जब तक कि पोप उनके चुनाव की पुष्टि नहीं कर देते।

सहायक

यह पहली बार है जब धर्मसभा में कई "सहायक" शामिल होंगे। कार्डिनल ग्रेच ने समझाया कि यह विकल्प धर्मसभा का अवलोकन करनेवालों के अनुभव से उत्पन्न हुआ है, "जिसने हमें दिखाया कि विशेषज्ञों की उपस्थिति एक उपयोगी गतिशीलता प्रदान कर सकती है।

कार्डिनल होलेरिक ने कहा कि “कुछ धर्माध्यक्ष ऐसे हैं जिन्होंने कभी सिनॉड में भाग नहीं लिया है अतः हमें आध्यात्मिक आयाम को बढ़ावा देने की जरूरत है।”

उन्होंने यह भी कहा कि पहली बार ऐसे देशों के धर्माध्यक्ष भी शामिल होंगे जिनके पास सभा में प्रतिनिधित्व करनेवाले धर्माध्यक्षीय सम्मेलन नहीं हैं। लक्समबर्ग महाधर्मप्रांत, एस्टोनिया और मोल्दोवा उनमें से एक है।

अंत में, दोनों कार्डिनल इस बात पर सहमत हुए कि "कलीसिया और अधिक पूर्ण होगी, और यह खुशी की बात होगी कि रोम में उसका प्रतिनिधित्व उसकी संपूर्णता में हो।"

 

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27 April 2023, 15:52