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वाटिकन बैंक इयोर वाटिकन बैंक इयोर  (© Vatican Media)

पोप के दस्तावेज में इयोर के लिए जारी किए गए नए कानून

इयोर (धर्मसमाजियों के कार्य के लिए वाटिकन संस्था) को एक नया नियम मिला है जो नये प्रेरितिक संविधान प्रेदिकाते एवंजेलियुम के संदर्भ में है। टकराव से बचने के लिए विभिन्न प्रबंधन कार्यालयों हेतु स्पष्ट रूप से परिभाषित नई भूमिकाओं के साथ संचालन व्यवस्था को सरल बनाया गया है, और हितों को ध्यान में रखते हुए नए मानदंड जारी किए गए हैं।

उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी

इयोर को निर्देशित करनेवाले नियमों में चार वर्षों बाद नवीनीकरण किया गया है। परिवर्तनों का उद्देश्य नियमों को नए प्रेरितिक संविधान प्रेदिकाते इवंजेलियुम के अनुरूप करना है। उनमें केवल एक बार नवीकरण की संभावना के साथ पांच साल का शासनादेश शामिल है, और गतिविधियों के दोहराव से बचने के लिए भूमिकाओं के साथ एक सरल प्रशासनिक संरचना को विभिन्न कार्यालयों के बीच अधिक स्पष्ट रूप से परिभाषित किया गया है।

यह बदलाव संत पापा के एक प्रलेख में 7 मार्च को प्रकाशित एक नये नियम के साथ आया है जिसने इयोर को नवीनीकरण प्रदान किया है। इयोर का उद्देश्य है चल और अचल सम्पति की देखभाल एवं प्रबंध, चाहे इसे किसी व्यक्ति को या धार्मिक अथवा परोपकारी मकसद से वैध लोगों को समर्पित किया गया हो।"

दो प्रलेखों में निहित प्राथमिक परिवर्तन पांच साल के शासनादेश के संदर्भ में है और विभिन्न कार्यालयों के लिए इसका नवीनीकरण जो केवल एक बार संभव होगा, अधिकतम जनादेश दस साल के लिए होगा।

कार्डिनलों के आयोग और पर्यवेक्षी आयोग के सदस्यों के जनादेश का गैर-समवर्ती स्वरूप, और हितों के टकराव से संबंधित एक विशिष्ट प्रावधान के अलावा, यह निर्धारित करता है कि "पर्यवेक्षी आयोग का प्रत्येक सदस्य उन उपायों पर मतदान में भाग लेने से दूर रहेगा, जहाँ तीसरे पक्ष या उनके व्यक्तिगत खाते के लिए, वर्तमान या संभावतः, फायदे की बात हो।"

एक अन्य बदलाव है इयोर कार्यालयों की संबंधित भूमिकाओं और जिम्मेदारियों की स्पष्ट परिभाषा और अंतर के संबंध में। पर्यवेक्षी आयोग सामरिक दिशानिर्देशों, सामान्य नीतियों और इयोर की गतिविधियों की निगरानी के विकास को संभालेगा। महानिदेशक के पास इयोर प्रबंधन और प्रशासन की जिम्मेदारी होगी। अंत में, प्रबंधन एक दल के निकाय से, एक उप-निदेशक के साथ एक निदेशक के रूप में बदल जाएगा, इस तरह यह केवल महानिदेशक द्वारा निर्देशित इकाई बन जाएगा। इसका मतलब यह है कि उप-निदेशक की भूमिका एक प्रशासी कार्य के लिए समाप्त हो जायेगी और एक "कार्यात्मक" भूमिका के रूप में कार्य करेगी, जिसे महानिदेशक निदेशकों में से एक को सौंप सकते हैं। महानिदेशक की नियुक्ति पर्यवेक्षी आयोग द्वारा किया जाता था तथा कार्डिनलों के आयोग द्वारा अनुमोदित होता था लेकिन अब से "कम से कम तीन उपयुक्त उम्मीदवारों की शॉर्टलिस्ट के आधार पर" चुना जाएगा। महानिदेशक को अनिश्चित काल या निश्चित अवधि के लिए नियुक्त किया जा सकता है।

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07 March 2023, 16:57