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संत पापा की यात्रा से पहले कांगो की राजधानी में सफाई का प्रयास संत पापा की यात्रा से पहले कांगो की राजधानी में सफाई का प्रयास 

संत पापा डीआरसी और दक्षिण सूडान की यात्रा की तैयारी में

संत पापा फ्राँसिस महीने के अंत में कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य और दक्षिण सूडान की यात्रा करने के लिए तैयार हैं। दोनों देश हिंसा, विभाजन और उपनिवेशवाद के तीखे घावों से अपंग हो गये हैं।

माग्रेट सुनीता मिंज-वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, बुधवार 25 जनवरी 2023 (वाटिकन न्यूज) : संत पापा फ्राँसिस जिन दो अफ्रीकी देशों की यात्रा पर जा रहे हैं, वहां सुरक्षा के संबंध में पत्रकारों द्वारा पूछे गए सवालों का जवाब देते हुए, वाटिकन प्रेस कार्यालय के निदेशक ने कहा कि दोनों देशों में "कोई विशेष खतरा नहीं है।"

निदेशक मत्तेओ ब्रूनी ने यह भी पुष्टि की कि स्थानीय अधिकारियों ने सभी की सुरक्षा की गारंटी के लिए सभी सुरक्षा उपाय किए हैं।

निदेशक ब्रूनी मंगलवार की सुबह एक पूर्व-अपोस्टोलिक यात्रा ब्रीफिंग के दौरान बोल रहे थे, जिसके दौरान उन्होंने संत पापा की कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य और दक्षिण सूडान की यात्रा का विस्तृत विवरण दिया, एक यात्रा जिसे स्वास्थ्य समस्याओं के कारण पिछले जुलाई में स्थगित कर दिया गया था।

उन्होंने कहा कि संत पापा 31 जनवरी से 3 फरवरी तक डीआरसी का दौरा करेंगे और फिर कैंटरबरी के महाधर्माध्यक्ष और चर्च ऑफ स्कॉटलैंड की महासभा के मॉडरेटर के साथ दक्षिण सूडान में शांति के लिए एक विश्वव्यापी तीर्थयात्रा पर दो दिन बिताएंगे।

40वीं प्रेरितिक विदेश यात्रा

ब्रूनी ने कहा कि यह यात्रा संत पापा फ्राँसिस की विदेश में 40वीं प्रेरितिक यात्रा होगी। इसके समापन पर, वे 60 देशों का दौरा कर चुके होंगे।

संत पापा फ्राँसिस पूर्ववर्ती संत पापा जॉन पॉल द्वितीय के नक्शेकदम पर कांगो जाने वाले है, जिन्होंने 1980 और 1985 में राष्ट्र का दौरा किया था। ब्रूनी ने बताया कि यह एक बहुत अलग देश था, ज़ाइरे नामक एक पूर्व बेल्जियम उपनिवेश था। उन्होंने यह भी कहा कि 1969 में संत पापा पॉल षष्टम की युगांडा प्रेरितिक यात्रा के बाद से पोलिश पापा की अफ्रीकी महाद्वीप में पहली प्रेरितिक यात्रा थी।

उन्होंने कहा, इसलिए, यह अफ्रीका की 20 वीं प्रेरितिक यात्रा है, संत पापा फ्राँसिस की चौथी प्रेरितिक यात्रा है वे 2015 में केन्या, युगांडा और मध्य अफ्रीकी गणराज्य, मार्च 2019 में मोरक्को और बाद में उसी वर्ष मोजाम्बिक, मेडागास्कर और मॉरीशस गए थे।

ब्रूनी ने आगे कहा कि, अफ्रीका वह जगह है जहाँ दुनिया के लगभग 20% काथोलिक रहते हैं और यह प्रतिशत बढ़ता जा रहा है।

उन्होंने अफ्रीका में काथलिक कलीसिया, बड़ी संख्या में युवा काथलिकों की जीवन शक्ति का वर्णन किया और उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि कैसे संत पापा फ्राँसिस अफ्रीका के लिए बहुत से विचार और प्रार्थनाएँ समर्पित करते हैं जैसा कि उनके संदेशों और अपीलों के माध्यम से देखा जा सकता है।

पहले के कार्यक्रम में परिवर्तन

परमधर्मपीठ प्रेस कार्यालय के निदेशक ने बताया कि डीआरसी में संत पापा के मूल रूप से नियोजित यात्रा कार्यक्रम में परिवर्तन किए गए हैं, जहाँ उन्हें विशेष रूप से अस्थिर क्षेत्र उत्तरी किवु में गोमा का दौरा करना था। जैसा कि प्रांत के कुछ हिस्सों में हिंसा जारी है, उस पड़ाव को स्थगित कर दिया गया।

ब्रूनी ने कहा, "इसलिए नहीं कि वह खुद के लिए भयभीत थे, बल्कि इसलिए कि वह निश्चित होना चाहते थे कि उन्हें देखने आने वालों या उनके साथ ख्रीस्तयाग समारोह के दौरान किसी पर हमले का खतरा नहीं हो।

संत पापा फ्राँसिस लंबे समय से ख्रीस्तीय बहुल देश दक्षिण सूडान की यात्रा करना चाहते थे, लेकिन देश में अस्थिर स्थिति के कारण यात्रा योजना बनाने में जटिलता आई।

निदेशक ब्रूनी ने अप्रैल 2019 में वाटिकन में दक्षिण सूडान के नेताओं और दक्षिण सूडान के कलीसियाई अधिकारियों के लिए आयोजित आध्यात्मिक साधना को याद किया, जिसके दौरान संत पापा ने उनके चरणों में घुटने टेक दिए और उनसे शांति का मौका देने और राष्ट्र के योग्य पिता बनने की याचना की।

2018 में दुनिया के सबसे युवा राष्ट्र देश में एक लड़खड़ाते हुए शांति समझौते पर हस्ताक्षर किए गए, जिससे पांच साल के गृहयुद्ध का अंत हो गया, जिसमें 400,000 लोग मारे गए। लेकिन राजनीतिक संघर्ष, गरीबी, जातीय शत्रुता और जलवायु परिवर्तन ने भूख, हिंसा और शासन की कमी से जूझ रहे लोगों को तबाह करना जारी रखा है।

 

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25 January 2023, 16:46