क्रिसमस भोज में कार्डिनल पारोलिन: 'हमें एकता और प्रेम की आवश्यकता है'
माग्रेट सुनीता मिंज-वाटिकन सिटी
वाटिकन सिटी, सोमवार 26 दिसंबर 2022 (वाटिकन न्यूज) : रोम के लगभग 300 गरीब, बेघर और बुजुर्गों, साथ ही कई यूक्रेनी शरणार्थियों ने रोम के माता मरियम को समर्पित त्रासतेवेरे के गिरजाघर में संत इजीदियो समुदाय द्वारा आयोजित पारंपरिक क्रिसमस लंच में भाग लिया।
25 दिसंबर 1982 को लॉन्च होने के बाद से इस कार्यक्रम ने 40 वीं वर्षगांठ मनाई। वर्षों से, संत इजीदियो संगठन के स्वयंसेवकों और कार्यकर्ताओं ने इटली में 80,000 से अधिक गरीब लोगों और दुनिया भर में 250,000 लोगों को दोपहर का भोजन परोसा है।
कार्डिनल पारोलिन का अभिवादन
इस वर्ष के मध्याहन भोज में सम्मानित अतिथि वाटिकन के राज्य सचिव कार्डिनल पिएत्रो परोलिन थे, जो "संत पापा फ्राँसिस की बधाई और शुभकामनाएं" लेकर आए थे।
अतिथियों से बात करते हुए, कार्डिनल ने 2015 में समुदाय के दोपहर के भोजन के लिए अपनी पहली यात्रा को याद किया। "इन सभी लोगों को एक साथ क्रिसमस मनाते हुए देखना हमेशा एक अद्भुत और प्रेरक अनुभव होता है, जो दिल को छू देता है।"
कार्डिनल पारोलिन ने "इच्छा व्यक्त की कि इन अनुभवों को दोहराया जा सकता है," क्योंकि "हमें अपनी दुनिया में एकजुटता और प्रेम की बहुत आवश्यकता है।"
उन्होंने यह भी समझाया कि "क्रिसमस हमें इसके लिए बुलाता है: हमारी समस्याओं का एकमात्र समाधान दूसरों के करीब और चौकस होना है, विशेष रूप से जो पीड़ित हैं और कठिनाई में हैं।"
उन्होंने कहा, "संत पापा प्रतिदिन हमें यह उदाहरण देते हैं।" "हम कई तरह से उनका अनुसरण करने की कोशिश करते हैं, हम अपनी इस दुनिया को थोड़ा बेहतर बनाने की कोशिश करते हैं।"
संत इजीदियो ने हमें बचाया
कार्डिनल पारोलिन की बगल में अलेप्पो, सीरिया से माँ-बेटी अन्ना और पामेला बैठी थी। वे इताली धर्माध्यक्षीय सम्मेलन एवं इवांजेलिकल कलीसिया और संत इजीदियो समुदाय द्वारा आयोजित मानवीय गलियारों के माध्यम से इटली आयी।
“युद्ध बहुत बुरी चीज है। हम आशा करते हैं कि यह जल्दी ही समाप्त होगा। संत इजीदियो ने हमें बचाया। हमारा सपना शांति में जीवन बिताना था।”
दोपहर के भोजन में समुदाय के अध्यक्ष, मार्को इम्पालियाज़ो भी उपस्थिति थे, जिन्होंने "इटली और दुनिया भर में, हजारों लोगों की मेजबानी करने और उनके साथ मेज पर बैठने की खुशी व्यक्त की, क्योंकि ये लंच हैं जिसमें हम यह बताने में असमर्थ हैं कि कौन सेवा देता है और कौन सेवा पाता है।"
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