संत पापाः अस्ती की यात्रा, अतीत की यादें और भविष्य
दिलीप संजय एक्का-वाटिकन सिटी
वाटिकन सिटी, शुक्रवार, 18 नवम्बर 2022 (रेई) संत पापा द्वारा रविवार को अस्ती की यात्रा युवावर्ग और बुजर्गावस्था से वार्ता के क्षण होंगे।
संत पापा फ्रांसिस का 19 नवम्बर को अस्ती की यात्रा “नबी योएल की भविष्यवाणी” को पूर्णतः प्रदान करेगी जो युवा और बुजुर्गावस्था के बीच के संबंध को प्रकट करती है। इस यात्रा के दौरान अपने परिवार के सदस्यों से उनकी व्यक्तिगत भेंट यादगारी के एक आयाम को प्रकट करता है, जहाँ वे रविवार को अस्ती से गिरजाघर में ख्रीस्तीयाग अर्पित करते हुए धर्मप्रांत से युवाओं से मुलाकात करेंगे जो आगामी विश्व युवा दिवा में सहभागी होने हेतु अपने को तैयार कर रहे हैं।
रोम के उत्तरी प्रांत में अवस्थित अस्ती की यात्रा जहाँ संत पापा फ्रांसिस अपनी एक चचेरी बहन से मुलाकात करेंगे जो अपनी 90वीं सालगिराह बनायेंगी। यह यात्रा पारिवारिक आयमों की सुरक्षा को व्यक्त करती है जहाँ मानव के रुप में हम विश्वास को अपनों से पाते और उसमें विकास करते हैं।
वाटिकन रेडियो के आलेज्द्रों जिसोत्ती ने इस यात्रा के संबंध में लिखा कि विश्वास पारिवारिक भाषा के रुप में हमारे जीवन प्रसारित होती है, जहाँ पारिवारिक संदर्भ में सुसमाचार की वायु को हम सांसों के रुप में लेते हैं। संत पापा फ्रांसिस, पीयेडमोंटेसे ब्यूनस आयर्स की एक स्थानीय भाषा को अपने हृदय के करीब रखते हैं, जिसे उन्होंने अपने मातृभूमि में सीखा था। अपने धर्माध्यक्षीय काल में उन्होंने इस तथ्य को यह कहते हुए कई बार दुहराया है, “हमें अपनी जड़ों की ओर लौटने की आवश्यकता है”।
यादों के बारे में संत पापा ने कई बार कहा है कि यह राखों की आराधना करना नहीं वरन आग को बनाये रखना है। समय के ज्ञान को आने वाले भविष्य की गति से पृथ्क नहीं किया जा सकता है। यह रविवार को अस्ती धर्मप्रांत के युवाओं से मिलन में ठोस रुप में व्यक्त होगा जहाँ संत पापा ख्रीस्त राजा के त्योहार का यूख्रारिस्तीय बलिदान अर्पित करेंगे। इस समारोह में प्रांत के बहुत से युवाजन सहभागी होंगे जो विश्व युवा सम्मेलन में भाग लेने की तैयारी कर रहे हैं।
संत पापा ने फ्रांसिस ने ब्राजील के रियो दे जेनियरो, अपने प्रथम युवा विश्व सम्मेलन में “पीढ़ियों के मध्य संबंध, विशेष कर परिवारों में” पर जोर दिया था। उन्होंने कहा था,“बच्चों और बुजुर्ग भविष्य के लोगों को तैयार करते हैं।” यह हमारा ध्यान नबी योएल की भविष्यवाणी की ओर इंगित कराता है,“बुजुर्गजन सपने देखेंगे, और युवाजनों को दिव्य दर्शन होंगे।” यह हमारा ध्यान इस ओर कराता है कि हमारा भविष्य युवाओं पर निर्भर करता है जैसे हम उनकी देख-रेख करते हैं। जिसोत्ती ने लिखा कि यह व्यक्तिगत भेंट अपने में एक वैश्विक अर्थ को व्यक्त करती है क्योंकि यह युवाओं और बुजुर्गों के मध्य वार्ता को दिखलाती है। यह हमारे लिए उस नानी की कहानी को व्यक्त करती है जिन्होंने येसु ख्रीस्त पर विश्वास किया और परिवार के लिए कार्य करते हुए “अपने सपनों” को अपने नाती के लिए बनाये रखा जो एक दिन कलीसिया के अगुवे बने।