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60 साल पहले द्वितीय वाटिकन महासभा का उद्घाटन 60 साल पहले द्वितीय वाटिकन महासभा का उद्घाटन  

द्वितीय वाटिकन महासभा की 60वीं वर्षगाँठ पर सिनॉड सचिव का संदेश

द्वितीय वाटिकन महासभा के उद्घाटन के 60 सालों बाद, धर्मसभा (सिनॉड) के महासचिव का कहना है कि वर्षगांठ धर्मसभा और कलीसिया के लिए "विशेष कृपा" का क्षण है।

उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, मंगलवार, 11 अक्टूबर 2022 (रेई) ˸ द्वितीय वाटिकन महासभा के उद्घाटन की 60वीं वर्षगाँठ के लिए अपने संदेश में सिनॉड के महासचिव ने गौर किया है कि सिनॉड भी "महासभा का ही परिणाम" है और वास्तव में, इसकी 'सबसे कीमती विरासतों' में से एक" है। (पोप फ्रांसिस के हवाले से)

महासचिव ने संदेश में याद दिलाया है कि सिनॉड का मकसद, कलीसिया के जीवन और मिशन में द्वितीय वाटिकन महासभा की भावना में बढ़ना है तथा ईश प्रजा में उसकी शिक्षा के जीवित समायोजन को बढ़ावा देना है।"  

वर्तमान में जारी सिनॉडल प्रक्रिया, कलीसिया के जीवन और मिशन में सिनॉडालिटी (एक साथ चलने) के लिए समर्पित है। यह महासभा का अनुकरण है एवं द्वितीय वाटिकन महासभा के ईशशास्त्र, ईश प्रजा पर आधारित है। यद्यपि द्वितीय वाटिकन महासभा के दस्तावेजों में सिनॉडालिटी शब्द कहीं नजर नहीं आता किन्तु इसका विचार पूरी महासभा में दिखाई पड़ता है, तीन शब्दों के रूप में, "समन्वय, सहभागिता और मिशन।"

"कलीसिया, जिसका सपना देखने और जिसका निर्माण करने के लिए हम सभी बुलाये गये हैं, महिलाओं और पुरूषों का एक ऐसा समुदाय है जो पवित्र तृत्वमय ईश्वर की छवि में, एक विश्वास, एक समान बपतिस्मा और एक ही यूखरिस्त द्वारा एक होकर बनी है।"  

अंततः संदेश में आगे बढ़ रही कलीसिया में सिनॉडालिटी के महत्व पर जोर दिया गया है, संत पापा बेनेडिक्ट 16वें और संत पापा फ्राँसिस के शब्दों को याद करते हुए जिन्होंने सिनॉडालिटी को कलीसिया का एक "संवैधानिक आयाम" कहा है जो एक ऐसा रास्ता है जिसपर चलने की अपेक्षा ईश्वर तीसरी सहस्राब्दी की कलीसिया से करते हैं।"

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11 October 2022, 16:24