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यूक्रेन में ज़ापोरिज्जिया परमाणु ऊर्जा संयंत्र यूक्रेन में ज़ापोरिज्जिया परमाणु ऊर्जा संयंत्र  

कार्डिनल परोलिन ˸ यूक्रेन में युद्ध के विस्तार से बचना चाहिए

कार्डिनल पीयेत्रो परोलिन ने बृहस्पतिवार को इताली टेलीविजन टीजी एक (तीजी उनो) के पत्रकार इग्नासियो इनग्राओ के साथ बातचीत में धन्य जॉन पौल प्रथम की शांति पर धर्मशिक्षा, यूक्रेन में जारी युद्ध और परमाणु की तबाही के खतरे पर चर्चा की।

उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी

वाटिकन राज्य सचिव कार्डिनल परोलिन के इताली पत्रकार इग्नासियो इनग्राओ के साथ साक्षात्कार को बृहस्पतिवार को प्रसारित किया गया, जिसमें उन्होंने यूक्रेन में युद्ध की वृद्धि के खिलाफ अपील की है, खासकर, परमाणु हथियार के प्रयोग के खिलाफ, जहाँ जारी युद्ध का अब छः महीने बीत चुके हैं। कार्डिनल ने धन्य घोषित होनेवाले संत पापा जॉन पौल प्रथम की धर्मशिक्षा की याद करते हुए, फरवरी से रूसी आक्रमण के बीच शांति का आह्वान किया है तथा हिंसा के अंत की अपील की है।     

पोप जॉन पौल प्रथम ˸ शांति के अग्रदूत

कार्डिनल ने गौर किया कि संत पापा जॉन पौल प्रथम ने अपने लघु कार्यकाल में शांति को लगातार बढ़ावा दिया, जो आज हमारी युद्ध-ग्रस्त दुनिया के लिए एक संदेश है।

अगस्त 1978 को अपने उर्बी एत ओरबी संदेश में संत पापा जॉन पौल प्रथम ने उन सभी प्रयासों के लिए अपना समर्थन व्यक्त किया था जो हमारे परेशान विश्व में शांति की रक्षा करते एवं उसे बढ़ाते हैं, खासकर, कैंप डेविड की घटनाओं और यहूदियों एवं फिलिस्तीनियों के बीच शांति की खोज के आलोक में। कार्डिनल परोलिन ने 10 सितम्बर 1978 के देवदूत प्रार्थना की भी याद की जब संत पापा जॉन पौल प्रथम ने शांति के लिए नेताओं की प्रतिबद्धता को प्रभु को सौंप दिया था।   

उन्होंने कहा कि अपने परमाध्यक्षीय काल में धन्य संत पापा जॉन पौल प्रथम ने शांति के मुद्दे पर अधिक ध्यान दिया।

पोप जॉन पौल प्रथम ˸ एक विनम्रता के आदर्श

कार्डिनल परोलिन ने संत पापा जॉन पौल प्रथम को विनम्रता के आदर्श के रूप में याद किया, जो कार्डिनल परोलिन के अनुसार एक चरवाहे का पहला, दूसरा, तीसरा एवं चौथा सदगुण होना चाहिए।

उन्होंने बतलाया कि संत पापा जॉन पौल प्रथम, संत अगुस्टीन एवं संत चार्ल्स बोरोमियो की विनम्रता से प्रेरित थे। समकालीन कार्डिनल रतजिंगर (ससम्मान सेवा निवृत संत पापा बेनेडिक्ट 16वें) ने कहा था कि जॉन पौल प्रथम ने कलीसिया में कभी भी प्रथम स्थान की खोज नहीं की और जब वे इस स्थान पर नियुक्त हुए तो उन्होंने इसे सेवा के रूप में लिया एवं विनम्रता को अपनी आध्यात्मिक विरासत के रूप में दुनिया के लिए छोड़ दिया।

कार्डिनल पारोलिन ने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि द्वितीय वाटिकन महासभा के बाद के वर्षों में, जब बहुत सारे विवाद हुए, जॉन पॉल प्रथम, जो उस समय वेनिस के प्राधिधर्माध्यक्ष थे, उन्हें ज्यादातर आम जनता ने याद किया।

उन्होंने कहा, "वे सचमुच एक ऐसे पोप थे जिन्होंने गरीबों पर ध्यान दिया और वे गरीबों की सेवा में गरीब कलीसिया की कामना करते थे, न केवल व्यक्तिगत रूप से बल्कि पूरे ग्रह के लिए।" संत पापा जॉन पौल प्रथम संत पापा पौल छठवें की शिक्षा से प्रभावित थे।

यूक्रेन में युद्ध

यूक्रेन में युद्ध पर विचार करते हुए, कार्डिनल ने कहा कि वे "इससे अत्यधिक चिंतित हैं, क्योंकि युद्ध के भयानक परिणाम के साथ, इसे शुरू हुए 6 महीने हो चुके हैं।"

उन्होंने समझौता के द्वारा समाधान करने की संभवना कम देखते हुए खेद प्रकट किया, हालांकि उन्होंने गौर किया कि वाटिकन का द्वार सभी के लिए खुला है तथा युद्ध में शामिल विभिन्न लोगों को एक तटस्थ स्थल देने के लिए तैयार है ताकि मुलाकातें की जा सकें एवं सही और पूर्ण समाधान निकाला जा सके।  

युद्ध वृद्धि के खिलाफ

ज़ापोरिज्जिया परमाणु ऊर्जा संयंत्र में संभावित तबाही के बारे में बढ़ती चिंताओं के बीच, रूस और यूक्रेन में आपसी आरोपों के बीच, कार्डिनल पारोलिन ने शांति की अपील  दोहरायी।

उन्होंने कहा, "अपील है कि हम हर प्रकार के युद्ध विस्तार से इनकार करें, विशेषकर, परमाणु हथियार के प्रयोग के संबंध में, इस बात पर गौर करते हुए कि यदि हम गलती से भी ऐसा कदम उठायेंगे तो उसका परिणाम क्या होगा।"  

उन्होंने आगे ज्ञान, संयम और शांतिपूर्ण समाधान की आवश्यकता पर बल दिया, पोप पीयुस 12वें के शब्दों को फिर से प्रतिध्वनित किया, जिसे अन्य संत पापाओं द्वारा दोहराया गया है: "शांति से कुछ भी नहीं खोता है। युद्ध से कुछ भी हो सकता है।"

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03 September 2022, 14:55