कार्डिनल क्राएस्की ने इजियूम में सामूहिक कब्र के सामने प्रार्थना की
उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी
ज़ापोरिज़्ज़ा शहर के पास मानवीय सहायता प्रदान करते हुए गोलीबारी से बाल-बाल बचने के दो दिन बाद, कार्डिनल कोनराड क्राएस्की ने उस स्थान पर व्याप्त दुःख का वर्णन किया, जहाँ कम से कम 400 "अचिह्नित" कब्रें पूर्वी यूक्रेनी शहर इज़ियूम के बाहर पाई गई हैं।
कार्डिनल क्राएस्की ने कहा, "वहाँ न शब्द है, न आँसू", सिर्फ प्रार्थना ही दिल को हल्का कर सकती है जो दुःख से बहुत भारी है।
कार्डिनल ने बतलाया कि उन्होंने किस तरह सुबह को इजियूम में खारकीव जापोरिज्जा के धर्माध्यक्ष पाओलो होंकारूक के साथ व्यतीत किया। कुछ दिनों पहले उस स्थान पर रूसी सैनिकों का कब्जा था जहाँ करीब 500 लोगों के अवशेष मिले हैं।
उन्होंने कहा, "हम वहाँ एक अनुष्ठान में शामिल हुए, जिसमें करीब 50 युवा, जिनमें अधिकांश पुलिस, फायरमैन, सैनिक थे, सफेद कपड़े पहने, कब्रों को खोद रहे थे एवं अवशेषों को ले जा रहे थे – उनमें से कई सामूहिक कब्रें थीं – जिनमें उन यूक्रेनियों के अवशेष थे जो 3-4 माह पहले दफनाये गये थे, उनमें से कुछ हाल में भी दफनाये गये थे।"
ऐसी दहशत से स्तब्ध
कार्डिनल ने कहा, "ऐसी दहशत से व्यक्ति स्तब्ध रह जाता है। यदि आप जानते हैं कि युद्ध चल रहा है और कि युद्ध दया को नहीं जानता, फिर भी जब कई लोगों को एक साथ मरा हुआ देखते हैं तो जो अनुभव होता है उसे व्यक्त करना बहुत कठिन होता।"
उन्होंने बतलाया कि चुपचाप कब्रों को खोदने एवं अवशेषों को ढोकर ले जाने का काम, "दहलाने और हृदयस्पर्शी सहभागिता थी।"
"एक चीज जिसने मुझे गहराई से छूआ, वह है युवा यूक्रेनियों को बड़ी कठिनाई से शवों को, चुपचाप, पूरी तरह मौन में ढोकर ले जाते देखना। यह एक अनुष्ठान के रूप में दिखाई दिया। कोई नहीं बोल रहा था जबकि वहाँ कई पुलिस और सैनिक मौजूद थे...कम से कम 200 लोग थे। वे सभी मौन, मृत्यु के रहस्य के लिए एक अविश्वसनीय भाव के साथ थे। सचमुच उनसे बहुत कुछ सीखा जा सकता था।"
प्रेम एवं करुणा की सीख
कार्डिनल ने बतलाया कि वे जिस तरह शव को ढो रहे थे उसे लग रहा था कि मानो वे इसे अपने परिवार के सदस्यों के लिए कर रहे हों...अपने माता-पिता, बच्चों, भाइयों के लिए..."
उन्होंने कहा कि वे धर्माध्यक्ष के साथ दिव्य करुणा की रोजरीमाला जपते हुए उनके बीच चले। ऐसा करते हुए उन्होंने करीब तीन घंटा बिताया तथा बतलाया कि यह "करुणा का अनुष्ठान" था, बिलकुल मुफ्त भाव से।
कार्डिनल क्राएस्की ने बतलाया कि यह एहसास उनके साथ उस स्थान को छोड़ देने के बाद भी रहा। वे अब खारकीव आ चुके हैं। उन्होंने प्रार्थनालय में खड़े होकर उन युवाओं की याद की ˸ "यह एक मुश्किल दिन था, उन्हें एक पुलिस चौकी का भी दौरा करने का अवसर मिला, जो यंत्रणा का कमरा बनाया गया था।"
युद्ध के घावों में एक मलहम
कार्डिनल ने बार-बार दुहराया कि घटना स्थल में किस तरह उन पुरूषों ने उस सुन्दरता को दिखलाया जो हमारे हृदयों में कभी-कभी छिपा होता है।
"उन्होंने उस स्थान पर मानवीय सुन्दरता को दिखलाया, जहाँ सिर्फ प्रतिशोध हो सकता था। पर नहीं ˸ मैंने धर्मग्रंथ के शब्दों की याद की जो बतलाता है कि बुराई को हमेशा अच्छाई से जीता जाना चाहिए। एक निश्चिचता जो इस युद्ध के घाव पर मलहम है।"
कार्डिनल का मिशन
कार्डिनल क्राएस्की इन दिनों यूक्रेन के कीएव में हैं जहाँ से, वे दो यूक्रेनी सैनिकों की सुरक्षा में, दो धर्माध्यक्षों; एक काथलिक और एक प्रोटेस्टंट के साथ जापोरिज्जा क्षेत्र में मानवीय सहायता सामग्री पहुँचाने गये थे।
यहीं वे गोलीबारी में फंस गये थे और सौभाग्य से बाल-बाल बच गये। अंत में उन्होंने कहा, "सब कुछ सही सलामत रहा, कोई भी घायल नहीं हुआ और सहायता सामग्री को सौंप दिया गया है, यहाँ तक कि संत पापा द्वारा आशीष प्रदान की गई रोजरी को भी।"
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