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आईएईए से महाधर्माध्यक्ष गल्लाघर ˸ 'परमाणु हथियार के बिना विश्व संभव है'

अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी के 66वें सत्र में भाग लेते हुए महाधर्माध्यक्ष पौल रिचार्ड गल्लाघर ने परमाणु हथियारों के प्रयोग का विरोध किया, जबकि अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी को कैंसर से लड़ने एवं जीवन के अन्य आयामों को बेहतर करने हेतु कार्य करने के लिए धन्यवाद दिया।

उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी

66वें सत्र को सम्बोधित करते हुए वाटिकन विदेश सचिव पौल रिचार्ड गल्लाघर ने अपने सम्बोधन की शुरूआत संत पापा फ्राँसिस की ओर से हार्दिक शुभकामनाएँ अर्पित करते हुए की।

महाधर्माध्यक्ष गल्लाघर ने यूक्रेन में परमाणु सामग्री की सुरक्षा एवं 'एक परमाणु आपदा' से रक्षा हेतु मदद के अथक प्रयास के लिए परमधर्मपीठ की ओर से महानिदेशक की सराहना की।  

उन्होंने कहा कि "दुनिया के कई हिस्सों में जब हम भयानक संघर्ष और अशांति देख रहे हैं, और यूक्रेन में युद्ध निरंतर बढ़ रहा है, जब राजनयिक समाधान के लिए शब्द और कार्य कम जगह छोड़ रहे हैं, तब हमें संवाद के लिए प्रयास कभी नहीं छोड़ना चाहिए।"

महाधर्माध्यक्ष गल्लाघर ने बतलाया कि वार्ता गंभीर, तर्कसंगत और विषयनिष्ठ सोच को पोषित करता है एवं यह हमें "झूठे पूर्वाग्रहों का मुकाबला करने" में मदद देता है।

यह एक अत्यन्त अनिश्चितता का समय है, जिसमें परमाणु हथियार का भय हमें भयभीत करने के लिए वापस आ गया है।

उन्होंने कहा कि "परमधर्मपीठ, वार्ता एवं समझौता के अथक साधन द्वारा, सभी राष्ट्रों से हथियारों को चुप्प करने एवं संघर्ष के कारणों को समाप्त करने की अपील करता है।"  

परमाणु हथियार के बिना विश्व संभव है

महाधर्माध्यक्ष गल्लाघर ने आगे कहा कि "परमधर्मपीठ को कोई संदेह नहीं है कि परमाणु हथियार मुक्त विश्व आवश्यक है और संभव भी है।

उन्होंने कहा कि परमधर्मपीठ ने परमाणु हथियारों के निषेध हेतु संधि पर हस्ताक्षर किया है और पुष्टि दी है कि दुनिया को पूरी तरह परमाणु हथियार से मुक्त किया जा सकता है। उन्होंने यह भी पुष्ट किया है कि परमाणु हथियार सामूहिक और पर्यावरणीय विनाश के हथियार हैं।"

हालांकि, महाधर्माध्यक्ष ने खेद प्रकट किया कि परमाणु निरस्त्रीकरण एजेंडा बहुत धीमी गति से आगे बढ़ रहा है, जिसके कारण हम आशा खो सकते हैं। लेकिन कहा कि हमें असफलताओं से विचलित नहीं होना चाहिए।

आईएईए से मदद

महाधर्माध्यक्ष गल्लाघर ने जलवायु परिवर्तन एवं कोविड आपात स्थिति के परिणामों की ओर ध्यान खींचा, जिन्होंने पर्यावरणीय, नैतिक, सामाजिक, आर्थिक एवं राजनैतिक प्रभाव डाला है तथा हमारे मानव जाति में सबसे गरीब एवं कमजोर लोगों के लिए बहुत अधिक पीड़ा उत्पन्न की है।

इसे ध्यान में रखते हुए, "परमधर्मपीठ, भाईचारा और मानव एवं पर्यावरण के बीच संबंध के आधार पर विकास और स्थिरता के मॉडल का समर्थन करता है।"

वाटिकन विदेश सचिव ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी विकासशील देशों को कैंसर की चिकित्सा, अधिक खाद्यान्न उत्पन्न, दुर्लभ जल आपूर्ति का प्रबंधन करने हेतु परमाणु तकनीकी का प्रयोग आदि सिखाती है, इस प्रकार समग्र मानव विकास को बढ़ावा देने और ईश्वर की सृष्टि की देखभाल करने हेतु एक विशेष भूमिका अदा करती है।

अपने भाषण के अंत में, उन्होंने कहा कि, "परमधर्मपीठ एजेंसी के उस काम की विशेष रूप से सराहना करता है जिसके द्वारा निम्न और मध्यम आयवाले देशों को व्यापक कैंसर नियंत्रण रणनीति विकसित करने में सक्षम बनाया जा रहा है और यह सुनिश्चित करने का प्रयास किया जा रहा है कि समय पर, सभी रोगियों की रेडियोथेरेपी और परमाणु चिकित्सा तक पहुंच प्राप्त हो।"

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27 September 2022, 17:18