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2022.07.08 उसरतुना केंद्र में बीमार बच्चे के पास कार्डिनल पारोलिन 2022.07.08 उसरतुना केंद्र में बीमार बच्चे के पास कार्डिनल पारोलिन 

कार्डिनल पारोलिन ने विकलांगों के उसरतुना केंद्र का दौरा किया

दक्षिण सूडान में अपने अंतिम पड़ाव पर, कार्डिनल पिएत्रो पारोलिन ने विकलांग व्यक्तियों के उसरतुना केंद्र का दौरा किया जहां छोटे प्रेरित और उनके सहयोगी विकलांग लोगों की देखभाल करते हैं। कार्डिनल ने संत पापा के आशीर्वाद को यह कहते हुए दिया कि बीमार लोग येसु का प्रतिनिधित्व करते हैं।

माग्रेट सुनीता मिंज-वाटिकन सिटी

जूबा,शनिवार 09 जुलाई 2022 (वाटिकन न्यूज) :  वे रंग में आबनूस हैं लेकिन नाजुकता में क्रिस्टल जैसे हैं। विकलांग बच्चों के उसरतुना केंद्र के लगभग 400 निवासियों में से मूसा, जुमा, अदिया, मैम-घेरेंग, इम्मानुएल और 2 वर्षीय हाइड्रोसेफेलिक बच्चा माजोक ये छह बच्चे हैं जो  अपनी माताओं की बाहों में हैं।

"उसरतुना" एक अरबी शब्द है, जिसका अर्थ है "हमारा परिवार।" सहयोग और विकास को बढ़ावा देने के लिए चालीस साल पहले इटली में स्थापित एक स्वैच्छिक संगठन ओवीसीआई द्वारा "हमारा परिवार" केंद्र में प्रदान की जाने वाली सेवाएं दी जाती हैं।

"जो भी करें, प्यार से करें"

जुबा के "उसरतुना" में, न केवल बीमार (मुख्य रूप से द्विमेरुता और हाइड्रोसेफलस वाले) और उनके परिवारों के सदस्यों की देखभाल दया के छोटे प्रेरित लोकधर्मी दनिएला, एलेना, गिसेला, अन्ना और तिज़ियाना करती हैं, वे मुख्य रूप से इतालवी सहयोगियों के साथ काम कर रही हैं।

इस गांव में "जो कुछ भी आप करते हैं, प्यार में करते हैं" शब्दों से अभिवादन किया जाता है,

उसरतुना केंद्र में कार्डिनल पारोलिन का स्वागत
उसरतुना केंद्र में कार्डिनल पारोलिन का स्वागत

संत पापा की निकटता

कार्डिनल पारोलिन ने उसरतुना केंद्र में समुदाय के प्रति संत पापा के स्नेह को भी दोहराया, जैसा कि उन्होंने अपनी यात्रा के दौरान अन्य स्थानों पर किया है।

संत पापा की ओर से, उन्होंने उन्हें प्रोत्साहित किया, उन्हें ढाड़स दिया की और उन्हें आशीर्वाद दिया, उनकी शारीरिक कमजोरियों, उनकी बंधी भुजाओं पर लगे ‘आईवी’ पर ध्यान देते हुए, या, बस, एक सज्जन को सफेद रंग में देखने का उनका डर, अपने छोटे हाथ से हिलाने के लिए नीचे झुकना । "नहीं, नहीं, रोओ मत," कार्डिनल अपनी माँ के कपड़ों में छुपी एक छोटी लड़की से कहते हैं।

उसरतुना केंद्र में  एक विकलांग बच्चे द्वारा कार्डिनल पारोलिन का स्वागत
उसरतुना केंद्र में एक विकलांग बच्चे द्वारा कार्डिनल पारोलिन का स्वागत

विकलांग बच्चों का क्वायर

राज्य सचिव का केंद्र के प्रवेश द्वार पर नारंगी रंग की टी-शर्ट पहने बच्चों के एक समूह द्वारा स्वागत किया गया। उनमें से एक, बिना बाहों के, उसे फूलों का गुलदस्ता भेंट करता है। यह एक प्रतीकात्मक और शक्तिशाली छवि है। एक और घुंघराले बालों वाला, अंधा बच्चा एक महिला स्वयंसेवक द्वारा रखे गए माइक्रोफोन में एक धुन गाता है, "स्वागत है, प्रिय कार्डिनल।"

"ईश्वर आपको आशीर्वाद दे," कार्डिनल ने क्रूस का चिन्ह बनाते हए उन्हें आशीर्वाद दिया।

माताओं और बच्चों से निकटता

इसके बाद कार्डिनल ने विभिन्न कमरों में प्रवेश किया जहां कुछ उपचार होते हैं, जिसमें ऑटिस्टिक बच्चों के उपतार भी शामिल हैं। उनमें से गुलाबी कपड़े पहने दो बच्चियों ने कार्डिनल के सम्मान में जाइलोफोन बजाते हुए उनका स्वागत किया। इस बीच, माताएं मुस्कुराती हैं और कारिनल के पास से गुजरते हुए अपने बच्चों को दिखाती हैं।

कार्डिनल पारोलिन एक आठ साल के बच्चे से मुलाकात करते हैं जिसके नाखूनों की जगह आईवी सिरिंज लगा था। उसके सिर पर कांटों का मुकुट नहीं, परन्तु उसके जबड़े का एक हिस्सा पूरी तरह से एक तरफ हट गया है, क्रूस के बजाय एक स्ट्रेचर है। वह विशेष देखभाल में है; उसके पास शायद जीने के लिए लंबा समय नहीं है।

इतालवी शहर बोलोन्या के एक 33 वर्षीय सहयोगी, मत्तेओ बताते हैं, "इन मुश्किल मामलों में साथ देने के लिए हमारे पास शायद ही कभी ताकत होती है। अक्सर हमारे पास आध्यात्मिक और मनोवैज्ञानिक ताकत की भी कमी होती है।" "यहाँ के लोग जीवन के एक प्राकृतिक चक्र के रूप में मृत्यु के अधिक अभ्यस्त प्रतीत होते हैं। हमारे लिए यह विनाशकारी है।"

"वे येसु का प्रतिनिधित्व करते हैं..."

औषधालय में कुछ देर रुकने के बाद, कार्डिनल पारोलिन मुख्य प्रांगण में गये और वहां माताओं और बच्चों के साथ ‘हे हमारे पिता हमारे’ प्रार्थना का पाठ किया। उनहोंने फिर से कहा कि वे संत पापा के प्रतिनिधि के रूप में इस केंद्र में आये और वे संत पापा के  स्नेह को उन्हें दिया।

इसके तुरंत बाद, कार्डिनल केंद्र के भीतर स्थित संत मेरी कॉलेज गए, जो बीमार बच्चों के परिवार के सदस्यों को विकलांगों की देखभाल करने में विशेषज्ञता प्रदान करता है।

कार्डिनल पिएत्रो पारोलिन ने यात्रा के अंतिम चरण में काथलिक विश्वविद्यालय का दौरा और संत पेत्रुस मेजर सेमिनरी में पवित्र मिस्सा किया। कार्डिनल पारोलिन की अफ्रीका की यात्रा 1 जुलाई को कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य में शुरू हुई और दक्षिण सूडान में उसरतुना के विकलांग बच्चों के केंद्र के दौरे के साथ 8 जुलाई को समाप्त हुई और 9 जुलाई को दोपहर में रोम लौटने का कार्यक्रम है।

कार्डिनल पारोलिन ने विकलांगों के उसरतुना केंद्र का दौरा किया

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09 July 2022, 16:17