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कार्डिनल परोलिन ˸ ईश्वर आपकी पीड़ा के अन्याय को कभी नहीं भूलते

वाटिकन राज्य सचिव कार्डिनल पीयेत्रो परोलिन ने दक्षिणी सूडान में अपनी प्रेरितिक यात्रा के दौरान, बेनतियू आई डी पी शिविर में करीब 1,40,000 लोगों के साथ ख्रीस्तयाग अर्पित किया। उनमें से अधिकांश बच्चे थे जिन्हें शरण दिया गया है। कार्डिनल ने स्थानीय अधिकारियों एवं अफ्रीकी देश में संयुक्त राष्ट्र मिशन के प्रतिनिधियों से मुलाकात की।

उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी

दक्षिणी सूडान, बृहस्पतिवार, 7 जुलाई 22 (रेई) ˸ लाल धरती के विशाल विस्तार पर दुर्घटनाग्रस्त बोइंग विमान के ढेर के अंदर तीन बच्चे खेल रहे हैं अन्य नंगे पैर हैं, नील नदी में स्नान कर रहे हैं या पानी के कई तलाबों में से एक में अपने पैर धो रहे हैं। कुछ कपड़े पहने हैं या बड़े आकार की फुटबॉल जर्सी पहने हैं। कहीं, गाय और बकरियाँ बाढ़ को रोकने के लिए बनाई गई मिट्टी के टीलों पर चर रही हैं। बच्चे कार्डिनल परोलिन की दक्षिणी सूडान यात्रा के दूसरे दिन बेनतियू यात्रा के मुख्य पात्र है। जहाँ विस्थापित लोगों के लिए एक शिविर स्थापित है। पिछले साल यह शिविर हेपेटाइटिस और हैजा के मामलों के साथ-साथ इसकी खराब स्वच्छता स्थितियों के कारण प्रसिद्ध हो गया।

इसी सफेद तंबू और टिन की झोंपड़ियों एवं डंडों द्वारा रखे गए पर्दों के भीतर है कि वाटिकन राज्य सचिव ने बुधवार को पावन ख्रीस्तयाग अर्पित कया, जिसके दौरान उन्होंने कहा कि भगवान उन लोगों की पुकार सुनते हैं जो अन्याय, दुर्व्यवहार और उत्पीड़न के शिकार होते हैं।

कार्डिनल परोलिन बेनतियू में
कार्डिनल परोलिन बेनतियू में

संयुक्त राष्ट्र के विमान में आगमन

बुधवार की सुबह पंद्रह सीटों वाले संयुक्त राष्ट्र के विमान में प्रस्थान करने और करीब दो घंटों तक नदियों एवं जंगलों के ऊपर से उड़ान भरने के बाद, कार्डिनल पारोलिन इस रेगिस्तानी इलाके में पहुंचे, जहां केवल थोड़ी सी हवा लगभग 41 डिग्री सेल्सियस की गर्मी से कुछ राहत देती है और कपड़ों और सेलफोन से चिपकी लाल रंग की धूल को हटा देता है।

कार्डिनल का स्वागत करने के लिए महिलाओं के समूह एकत्र थे, उन्होंने उन्हें सफेद वस्त्र और फूलों की माला से सम्मानित किया। उनके पीछे कई बच्चे भी थे।

 बेनतियू में मिट्टी के टीले पर खड़े बच्चे
बेनतियू में मिट्टी के टीले पर खड़े बच्चे

बड़ी टोपी और बड़ी स्कर्ट के साथ बालिकाओं का एक दल कार्डिनल के स्वागत के लिए खड़ा था। उनमें से सबसे बड़ी ने कहा, "हार्दिक स्वागतम, महामहीम" और उसके बाद वे एक धनुष के साथ अपने दल में आदिवासी नृत्य करते हुए आगे बढ़ने लगे। उन्होंने कार्डिनल को एक खुली जीप में आगे लिया। वे बेनतियू केंद्र पहुँचे जहाँ उन्होंने स्थानीय अधिकारियों के साथ मुलाकात की। यह एक अनौपचारिक मुलाकात थी। जहाँ उन्होंने एक दूसरे का अभिवादन किया एवं शांति तथा विकास की इच्छा जाहिर की।

बेनतियू में कार्डिनल परोलिन का स्वागत

शहर में प्रवेश

सड़क के चारों ओर बड़े-बड़े तलाब, जमीन पर लेटे हुए गधे और सैनिकों के साथ सैन्य वाहन थे।

20 मिनट बाद कार्डिनल परोलिन ने शहर के फाटक पर प्रवेश किया। सैंकड़ों लोग सूखी फूस और मिट्टी से बनी झोपड़ी से बाहर निकलकर सड़क पर आये।

बच्चे सड़क के दोनों ओर कतारों में चलते हुए कार्डिनल के लिए गलियारा बनाया, पुरूषों ने बाजा बजाया एवं महिलाओं ने जमीन पर कम्बल बिछाई। शायद कई लोगों को इस अवसर के बारे कुछ पता ही नहीं था फिर भी उत्सव में भाग लिया। उन्होंने चिलचिलाती धूप में ताली बजाया, घुटनी टेकी एवं आंखें बंदकर अल्लेलूया का गीत गाया। कार्डिनल परोलिन ने सामने की पंक्ति के लोगों से हाथ मिलाने की कोशिश की।

कार्डिनल परोलिन  बेनतियू में
कार्डिनल परोलिन बेनतियू में

पल्ली में आशीष

इस भीड़ के बीच कार्डिनल ने संत मार्टिन दी पोर्रेस के गिरजाघर में प्रवेश किया। यह कोई गिरजाघर नहीं, बल्कि एक विशाल, अर्ध-अंधेरी झोपड़ी है जो हरी मोमबत्तियों के साथ दो कतारों में वेदी सेवकों से जगमगा उठी। लोग मिलकर गाना गा रहे थे और उन्होंने आतिथ्य के संकेत के रूप में उनके लिए कैनवास की चप्पलें लायीं।

उसके बाद कार्डिनल ने लोगों को सम्बोधित करते हुए कहा, "मैं अपनी ओर से नहीं आया हूँ बल्कि संत पापा फ्राँसिस का स्नेह लेकर आया हूँ। मैं उनके आगमन की तैयारी करने आया हूँ जैसा कि योहन बपतिस्ता ने किया। संत पापा दक्षिणी सूडान आना चाहते हैं वे जूबा की यात्रा की योजना बना रहे हैं लेकिन पूरे देश में यात्रा की जायेगी, सभी लोगों से मुलाकात करने के लिए।"

उनके संदेश को स्थानीय भाषा में एक पुरोहित द्वारा अनुवाद किया गया। उसके बाद कार्डिनल ने संत पापा के लिए प्रार्थना की मांग की। उन्होंने कहा, "मैं यहाँ खुश हूँ, आपके विश्वास, आपके आनन्द को साझा करने के लिए। आप सचमुच अच्छे ख्रीस्तीय हैं, अच्छे काथलिक।"

संयुक्त राष्ट्र के प्रतिनिधियों से मुलाकात
संयुक्त राष्ट्र के प्रतिनिधियों से मुलाकात

दक्षिणी सूडान में संयुक्त राष्ट्र मिशन के प्रतिनिधियों से मुलाकात

अगला पड़ाव था,  दक्षिण सूडान में संयुक्त राष्ट्र मिशन का कार्यालय था, जहां कार्डिनल ने दक्षिण सूडान के मिशन के प्रमुख पॉल एबवेको से मुलाकात की और कहा कि "परमधर्मपीठ, शिविर में लोगों के लिए जो किया जा रहा है उसकी सराहना करता है।"

तत्पश्चात् कार्डिनल, शिविर में प्रवेश करने और ख्रीस्तयाग अर्पित करने के लिए उत्तरी क्षेत्र लौट आये। वहाँ से एक सजे हुए कार में 10 किलोमीटर की यात्रा तय कर वे शिविर पहुँचे। इस दौरान भी लोगों ने बड़े उत्साह के साथ उनका स्वागत किया।   

कार्डिनल ने वहाँ करीब 1,40,000 लोगों का अभिवादन किया, जो गाना गा रहे थे, ध्वज लहरा रहे थे एवं संत बकिता की तस्वीर दिखा रहे थे तथा गाड़ी के पीछे दौड़ रहे थे। बहुत लोग उनके निकट पहुँचने की कोशिश कर रहे थे लेकिन स्वयंसेवक उन्हें निकट आने की अनुमति नहीं दे रहे थे। काफी लोग बिना चप्पल के थे, उनके पैरों और हाथों में धूल थे। कुछ भागों में, जानवरों और स्थिर पानी से गंध आ रही थी, फिर भी वे कार्डिनल का स्वागत करने के लिए अत्यन्त खुश दिखाई दे रहे थे।

कार्डिनल परोलिन का स्वागत करते लोग
कार्डिनल परोलिन का स्वागत करते लोग

विस्थापित लोगों के लिए ख्रीस्तयाग

कार्डिनल ने एक सजाये हुए शामियाने के नीचे शिविर के प्रांगण में समारोही ख्रीस्तीयाग अर्पित किया। पियानो की धुन पर, बड़ी टोपी और सफेद पोशाक पहनी छोटी बालिकाओं के नृत्य के साथ, ख्रीस्तयाग शुरू हुआ।

कार्डिनल ने अपने उपदेश में कहा कि हम अपने आपको इस मुश्किल भूमि में पाते हैं किन्तु हमेशा ईश्वर को धन्यवाद देते हैं।

फिर उन्होंने आशा की बात की, जो "एक असंबद्ध आशा नहीं है, जो पीड़ा से अलग और मानव त्रासदी से अनजान हो अथवा बेंतियू के लोगों की बहुत कठिन वास्तविकता पर ध्यान न देता हो।"

इसके विपरीत, "हमारा इतिहास हमें प्रभु को पुकारने के लिए प्रेरित करता है, हमें उसकी वेदी के सामने उन अन्यायों, गालियों, उत्पीड़नों को रखने देता जिनके द्वारा हम में से बहुत से लोग अभी भी पीड़ित हैं; लेकिन हम जानते हैं कि यह रोना ईश्वर द्वारा सुना जाएगा और हम छुड़ाये जायेंगे, यह रोना खुद संगीत में बदल जायेगा

 यदि हम अपने उत्पीड़कों के लिए क्षमा माँगना सीख जायेंगे और हम चोट पहुँचाने वालों के लिए प्रार्थना करना जान जायेंगे।"

विस्थापित लोगों के लिए ख्रीस्तयाग
विस्थापित लोगों के लिए ख्रीस्तयाग

 

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07 July 2022, 17:02