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दक्षिण सूडान के जूबा में ख्रीस्तयाग समारोह के अवसर पर कार्डिनल पारोलीन, 07.07.2022 दक्षिण सूडान के जूबा में ख्रीस्तयाग समारोह के अवसर पर कार्डिनल पारोलीन, 07.07.2022 

'युद्ध और भ्रष्टाचार शांति नहीं ला सकते', कार्डिनल पारोलीन

वाटिकन राज्य के सचिव कार्डिनल पियेत्रो पारोलीन ने दक्षिण सूडान की राजधानी जूबा में गुरुवार को कहा कि 'युद्ध और भ्रष्टाचार शांति नहीं ला सकते'। उन्होंने देश के वरिष्ठ अधिकारियों एवं नागरिकों का आह्वान किया कि वे क्षमा और प्रेम के द्वारा हिंसा एवं उत्पीड़न की प्रवृत्ति को दूर करने का प्रयास करें।

जूलयट जेनेवीव क्रिस्टफर-वाटिकन सिटी

जूबा, शुक्रवार, 8 जुलाई 2022 (रेई, वाटिकन रेडियो): वाटिकन राज्य के सचिव कार्डिनल पियेत्रो पारोलीन ने दक्षिण सूडान की राजधानी जूबा में गुरुवार को कहा कि 'युद्ध और भ्रष्टाचार शांति नहीं ला सकते'। उन्होंने देश के वरिष्ठ अधिकारियों एवं नागरिकों का आह्वान किया कि वे क्षमा और प्रेम के द्वारा हिंसा एवं उत्पीड़न की प्रवृत्ति को दूर करने का प्रयास करें।

गुरुवार को राजधानी जूबा के जॉन गाराँग माओसोलेऊम पार्क में लगभग 15,000 श्रद्धालुओं के लिये ख्रीस्तयाग अर्पित कर कार्डिनल पारोलीन ने उक्त अपील की। ख्रीस्तयाग समारोह में दक्षिण सूडान के राष्ट्रपति साल्वा कीर एवं उपराष्ट्रपति रीक मचार सहित अनेकानेक वरिष्ठ प्रशासाधिकारी एवं कलीसियाई अधिकाकारी उपस्थित थे।

हिंसा के परित्याग का आह्वान

कार्डिनल पारोलिन ने दक्षिण सूडान पर ईश्वर के आशीर्वाद का आह्वान किया, और इस बात के प्रति ध्यान आकर्षित कराया कि हालांकि दक्षिण सूडान "संसाधनों और संभावनाओं में समृद्ध" है, तथापि दुर्भाग्यवश वह "हिंसा से भरा हुआ" है। 

उन्होंने कहा कि दक्षिण सूडान के लोगों को बुराई को क्षमा से निशस्त्र करना चाहिए, हिंसा को प्रेम से कम करना चाहिए, और दमन का विरोध नम्रता से करना चाहिए, क्योंकि हथियारों से बुराई को दूर नहीं किया जा सकता है और युद्ध के माध्यम से शांति प्राप्त नहीं की जा सकती है।

ख्रीस्तयाग समारोह के लिये एकत्र लोगों को सम्बोधित कर कार्डिनल पारोलिन ने नबी इसायाह के शब्दों को दोहराते हुए कहा कि सूडान के लोग "अत्याचार, ग़रीबी और श्रम के बोझ से दबे" लोग हैं, , "लेकिन जो स्वतंत्रता में आनन्दित होने की इच्छा रखते हैं।"

जूबा के उसी पार्क में ख्रीस्तयाग समारोह आयोजित किया गया था जिसमें सन्त पापा फ्राँसिस द्वारा ख्रीस्तयाग समारोह सम्पन्न किया जाना निर्धारित था किन्तु घुटनों में दर्द के कारण सन्त पापा की प्रेरितिक यात्रा को मुल्तवी करना पड़ा।  

ख्रीस्तयाग समारोह की शुरुआत कार्डिनल पारोलीन ने सन्त पापा के आशीर्वाद से करते हुए कहा,  "आप सब पर सन्त पापा फ्राँसिस का अभिवादन और आशीर्वाद, जो, अवसरों से भरपूर और इतने गंभीर रूप से पीड़ित, इस युवा देश में शांति और सुलह के लिए एक प्रेरितिक तीर्थयात्रा हेतु आज यहां आने के लिए बहुत इच्छुक थे।"

दक्षिण सूडान के झंडे के सफेद, लाल, हरे और पीले रंगों से वेदी को सजाया गया था। बारिश, बिजली और तीव्र हवा भी सफेद टी-शर्ट और पारम्परिक आदिवासी लहेंगे और पतलून पहने नंगे पांव गाने और नृत्य करने वाले युवाओं के उत्साह को कम नहीं कर पाई।

दक्षिण सूडान के समस्त काथलिक धर्माध्यक्षों ने कार्डिनल पारोलीन के साथ ख्रीस्तयाग में सहभाग लिया। ख्रीस्तयाग समारोह में एंग्लिकन, एवेन्जेलिकल और अन्य ख्रीस्तीय सम्प्रदायों के धर्माधिकारी भी उपस्थित थे, जिन्होंने कार्डिनल महोदय से भी सामूहिक मुलाकात की।  

बुराई का बदला बुराई से नहीं

कार्डिनल महोदय ने भविष्य की ओर दृष्टि लगाते हुए दक्षिण सूडान के लोगों की वर्तमान कठिनाइयों और चुनौतियों दोनों पर विचार किया। उन्होंने भविष्य के मार्ग की ओर इशारा किया, जो उन्होंने कहा कि सुसमाचार का मार्ग है जो एक "अलग" संदेश प्रदान करता है, अर्थात् "बुराई के साथ बुराई का जवाब देने से इंकार करता है।"

वर्षों तक गृहयुद्ध फँसे रहे दक्षिण सूडान के लोगों से कार्डिनल पारोलीन ने कहा कि वे, "प्रतिशोध को छोड़ें ... हमेशा परस्पर प्रेम से रहें और क्षमा करें।" उन्होंने कहा, "शरीर हमें कुछ तरीकों से बुराई का जवाब बुराई से देने के लिए प्रेरित करता है, लेकिन येसु हमें "प्रेम के साहस के लिए" ख़ुद को उदार बनाने के लिए आमंत्रित करते हैं। येसु हमें प्रेम के लिए आमंत्रित करते हैं, उनका प्रेम "'आंख के बदले आंख, दांत के बदले दांत' की मानसिकता में क़ैद नहीं है और प्रतिशोध के साथ बुराई का जवाब नहीं देता, न ही हिंसा में संघर्ष का समाधान ढूँढ़ता है।"

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08 July 2022, 11:03