महार्माध्यक्ष गल्लाघर ˸ पोप यूक्रेन की यात्रा हेतु प्रतिबद्ध हैं
उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी
महाधर्माध्यक्ष पौल रिचार्ड गल्लाघर ने कहा है कि संत पापा फ्राँसिस जितनी जल्दी हो सके यूक्रेन के कीएव जाने की योजना बना रहे हैं।
वाटिकन विदेश सचिव ने यह टिप्पणी मंगलवार को पलात्सो बोरोमेयो स्थित परमधर्मधर्मपीठ के लिए इताली राजदूतावास में रीमिनी सभा के संबंध में एक बैठक में दी।
पत्रकारों को सम्बोधित करते हुए महाधर्माध्यक्ष ने पुष्ट किया कि संत पापा आक्रमण के शिकार देश की यात्रा करना चाहते हैं। उन्होंने युद्धग्रस्त देश में अपनी यात्रा पर भी चिंतन किया तथा इसे कूटनीतिक विफलता कहा जिसमें युद्ध को रोकने के लिए, चेतावनी के चिन्हों के बावजूद युद्ध रोकने के लिए कड़ी मेहनत नहीं की गई।
महाधर्माध्यक्ष ने अपील की कि युद्ध को न भूलाया जाए और लोग इसके आदी न बन जाएँ।
यूक्रेन जाने की रूचि
संत पापा की यूक्रेन यात्रा की संभावना पर सवाल का जवाब देते हुए महाधर्माध्यक्ष ने जोर दिया कि पोप वहाँ जाना चाहते हैं, हालांकि, रेखांकित किया कि "कब और कैसे उसे नहीं जानते।"
यूक्रेन में अपनी यात्रा की याद करते हुए वाटिकन अधिकारी ने कहा कि सौभाग्य से उन्हें कीएव जाने का अवसर मिला था जब वहाँ शांति थी, जबकि उनकी यात्रा के पहले और बाद में बमबारी हुई।
उन्होंने कहा, "मैंने यूरोप में युद्ध के बीच खुद को पाते हुए निराशा और अविश्वास महसूस किया।"
"घर में मेरे पिताजी और दादा युद्ध के बारे बताया करते थे। मैंने विनाश, सुरक्षा और वह सब कुछ देखे जो हमारे लिए एक कलंक है। मैंने लोगों को विरोध करते देखा, जो लड़ने और जीतने के लिए तैयार थे। यह सब कुछ हमारे समय में घटित हो रहा है, जबकि हम सोचते थे कि यूरोप के लिए युद्ध समाप्त हो चुका है।"
एक राजनयिक के रूप में महाधर्माध्यक्ष गलाघर ने स्वीकार किया कि हमें असफलता को स्वीकार करना चाहिए। "मैंने काम नहीं किया; मैंने नहीं जाना कि इस युद्ध को किस तरह रोका जा सकता था।"
एक ऐसी कूटनीति की आवश्यकता जो रोक सके
उन्होंने कहा, "2015 में जब मैं ऑस्ट्रेलिया से रोम पहुँचा, संत पापा ने मुझे बतलाया कि वे कूटनीति नहीं चाहते जो प्रतिक्रिया देता किन्तु चीजों की भविष्यवाणी करता है, एक निवारक कूटनीति। यूक्रेन बतलाता है कि हमें संघर्ष का पूर्वानुमान करना चाहिए था, राजनयिक को इस बात को देख सकना था कि दुनिया में कितनी गंभीर बात चल रही थी। इसे अंतरराष्ट्रीय कानून के मूलभूत सिद्धांतों की पुष्टि करनी चाहिए थी। यह सब हमारी विफलता है। शायद हमने इस बारे में कुछ नहीं कहा। हम हिंसा के सामने चुप नहीं रह सकते।"
यूरोप के कई देशों की सराहना करते हुए धर्माध्यक्ष ने कहा कि हम त्रासदी के प्रति उदासीन नहीं हैं, पूरे यूरोप में यूक्रेनवासियों को स्वीकारा गया है।
उन्होंने कहा, "मुझे लगता है, कि पुनर्निर्माण के बारे में बात करना शायद जल्दबाजी होगी, लेकिन सकारात्मक दृष्टिकोण रखना अच्छा है। हालांकि, हमें यूक्रेन के लोगों को देश के सामाजिक ताने-बाने के पुनर्निर्माण में मदद करनी चाहिए, जिससे पीड़ित लोगों को मदद मिल सके।"
मेल-मिलाप एवं क्षमा की आवश्यकता
महाधर्माध्यक्ष गल्लाघर ने पुष्टी दी कि "एक पुरोहित के रूप में मैं इस बात को याद रखना जरूरी समझता हूँ कि मेल-मिलाप और क्षमाशीलता के संदेश को नहीं भूलना चाहिए, चाहे पीड़ा बहुत अधिक क्यों न हो।"
यूरोप में हमने शांति के चमत्कार को देखा है, द्वितीय विश्व युद्ध के कुछ सालों पहले फ्राँस और जर्मनी के बीच मेल-मिलाप की याद करते हुए उन्होंने कहा, "हालांकि हमें कुछ अंतरराष्ट्रीय संस्थानों को नवीकृत करना है। उदाहरण के लिए ओईसीडी (आर्थिक सहयोग एवं विकास के संगठन) जो हमारी रक्षा करता है किन्तु यूरोपीय संघ और संयुक्त राष्ट्र भी हमारी मदद करते हैं। महाधर्माध्यक्ष ने अपील की कि हमें यूक्रेन के संकट को नहीं भूल जाना चाहिए।
रीमिनी सभा
रिमिनी की बैठक, जिसे लोगों के बीच मित्रता के लिए बैठक के रूप में भी जाना जाता है, विदेश मामलों और अंतर्राष्ट्रीय सहयोग मंत्रालय की मदद से, सहभागिता और स्वतंत्रता द्वारा आयोजित, एड्रियाटिक सागर पर स्थित इतालवी शहर में कई प्रसिद्ध वक्ताओं का स्वागत करेगी।
इस वर्ष की यह 43वीं बैठक होगी जो 20 से 25 अगस्त 2022 को रिमिनी में "व्यक्ति के लिए एक जुनून" विषय पर आयोजित है।
सभा में इटली के प्रधानमंत्री मारियो द्रागी, इताली काथलिक धर्माध्यक्षीय सम्मेलन के अध्यक्ष कार्डिनल मत्तेओ जुपी, मोस्को के महाधर्माध्यक्ष पाओलो पेत्सी, यरूसालेम के प्रधिधर्माध्यक्ष पियरबत्तिसता पित्साबाला, बांगू के महाधर्माध्यक्ष दियोदोन्ने नजापालाइगा भी उपस्थित होंगे।
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