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"प्रेदिकाते इवांजेलियुम": आगमन और प्रस्थान का एक बिंदु

रोमन कूरिया में नया प्रेरितिक संविधान लागू हुआ। यह उन परिवर्तनों को संस्थागत रूप देता है जो पहले से ही उपयोग में लाये जा रहे हैं और ये संत पापा फ्राँसिस को विश्वव्यापी कलीसिया की सेवा में मदद करते हैं।

माग्रेट सुनीता मिंज-वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, बुधवार 08 जून 2022 (वाटिकन न्यूज) : हम अपने आपको आगमन और प्रस्थान के एक बिंदु पर पाते हैं, या इसे 'पुनःआरंभ' भी कह सकते हैं। 5 जून को, पेंतेकोस्त महापर्व के दिन नया प्रेरितिक संविधान "प्रेदिकाते इवांजेलियुम"जारी किया गया। इस तरह एक दशक तक चले सुधारों के साथ अब यह पूरा हो गया है। यह यात्रा 2013 की महासभा (कोनक्लेभ) से पहले आम सभाओं की चर्चा में शुरू हुई और आज संत पापा फ्राँसिस की अध्यक्षता में समाप्त हुई।

सुधार तब शुरू हुआ जब संत पापा जॉन पौल द्वितीय ने संत पापा पौल षष्टम द्वारा प्रख्यापित (यूनिवर्सि रेजीमिनी एक्लेसिया, 1967) (विश्वव्यापी कलीसिया का शासन 1967) को संशोधित कर (पास्टर बोनस, 1988) (भला चरवाहा 1988) दस्तावेज प्रकाशित किया। सुसमाचार प्रचार की प्राथमिकता और सामान्य जन की भूमिका इस दस्तावेज के मुख्य विचार हैं जो संत पापा फ्राँसिस के नए प्रेरितिक संविधान को द्वितीय वाटिकन परिषद से जोड़ते हैं।

आर्थिक सुधार

आइए, सबसे पहले अब तक की महत्वपूर्ण उपलब्धियों पर एक नजर डालते हैं। सुधार - एक न्यायिक आवश्यकता से अधिक परमधर्मपीठ के आर्थिक और वित्तीय संस्थानों से जुड़ी आवश्यकता से साथ शुरू हुई।

2014 में, संत पापा फ्राँसिस ने अर्थव्यवस्था के लिए परिषद की स्थापना की, जो आर्थिक प्रबंधन की देखरेख और रोमन कूरिया के विभागों की प्रशासनिक और वित्तीय संरचनाओं और गतिविधियों की निगरानी करता है।

साथ ही, संत पापा ने अर्थव्यवस्था के लिए सचिवालय की स्थापना की, यह रोमन कूरिया का विभाग है, जो परमधर्मपीठ और वाटिकन सिटी राज्य के आर्थिक और प्रशासनिक मामलों के समन्वय का प्रभारी है। कर्मचारियों का प्रबंधन, जो अब तक राज्य सचिवालय की जिम्मेदारी थी, अब अर्थव्यवस्था के सचिवालय को हस्तांतरित किया जा रहा है।

संचार, परिवार, विकास

एक दूसरा चरण, 2015 में संचार के लिए सचिवालय के निर्माण के साथ हुआ, जो बाद में वाटिकन संचार विभाग बन गया, जिसने 9 अलग-अलग संस्थाओं (सामाजिक संचार के लिए परमधर्मपीठ परिषद से लेकर वाटिकन के विभिन्न समाचार पत्रों तक) वाटिकन पब्लिशिंग हाउस के लिए टाइपोग्राफी) को एक साथ लाया। नये विभाग को 2018 से एक लोकधर्मी प्रीफेक्ट के नेतृत्व में सौंपा गया है।

2016 में, लोकधर्मी, परिवार और जीवन के विभाग की स्थापना की गई थी, जिसने उन योग्यताओं और कार्यों को एकीकृत किया जो लोकधर्मियों के लिए परमधर्मपीठीय परिषद और परिवार के लिए परमधर्मपीठीय परिषद से संबंधित थे। यह विभाग लोकधर्मियों के प्रेरितिक कार्यों व धार्मिक जीवन को बढ़ावा देने, युवाओं की प्रेरितिक देखभाल, परिवार और उसके मिशन एवं मानव जीवन की सुरक्षा एवं समर्थन से संबंधित मामलों में सक्षम है।

इसके अलावा 2016 में, संत पापा फ्राँसिस ने सतत् मानव विकास को बढ़ावा देने के लिए विभाग की स्थापना की। न्याय और शांति के लिए परमधर्मपीठीय परिषद की शक्तियाँ, परमधर्मपीठीय परिषद कोर उनुम, आप्रवासियों और देश के अंदर पलायन करने वालों की प्रेरितिक देखभाल के लिए परमधर्मपीठीय परिषद, और स्वास्थ्य कर्मचारियों के लिए परमधर्मपीठीय परिषद (स्वास्थ्य के लिए प्रेरितिक देखभाल),  इस विभाग के अंदर आ गये। यह विभाग अंतरराष्ट्रीय कारितास के लिए भी जिम्मेदार है।

राज्य और आस्था

नवंबर 2017 में, संत पापा ने राज्य के सचिवालय में भी बदलाव किए, जिसमें तब तक दो खंड शामिल थे, सामान्य मामले (प्रतिस्थापन के नेतृत्व में) और राज्यों के साथ संबंध (राज्यों के साथ संबंधों के सचिव के नेतृत्व में)।

संत पापा फ्राँसिस ने वास्तव में एक तीसरे खंड की स्थापना की, जिसे परमधर्मपीठ के राजनयिक कर्मचारियों का अनुभाग कहा जाता है, जो परमधर्मपीठीय प्रतिनिधियों के प्रतिनिधि के वर्तमान कार्यालय को मजबूत करता है। यह अनुभाग, जो राज्य के सचिवालय पर निर्भर है, अपने सचिव के साथ, संत पापा और राजनयिक कर्मचारियों की निकटता को प्रदर्शित करता है। यह विशेष रूप से उन लोगों के मामलों से संबंधित है जो परमधर्मपीठ की राजनयिक सेवा के तहत काम करते हैं या तैयारी करते हैं।

फरवरी 2022 में एक और कदम उठाया गया। संत पापा फ्राँसिस ने मोतू प्रोप्रियो में विश्वास एवं धर्म सिद्धांत के लिए बनी परमधर्मपीठीय परिषद की आंतरिक संरचना को संशोधित किया, जो सैद्धांतिक और अनुशासनात्मक खंड, दो अलग-अलग वर्गों की स्थापना के साथ स्पष्ट रूप से अलग हो गये और प्रत्येक के लिए एक सचिव को नियुक्त किया गया। इसलिए विभाग के प्रीफेक्ट के लिए दो सहायक होंगे। सुधार का उद्देश्य सैद्धांतिक खंड को भी उचित महत्व देना है और अनुशासनात्मक गतिविधि को पीछे छोड़े बिना विश्वास को बढ़ावा देने में इसकी मौलिक भूमिका है, जिसमें दशकों के बाद दुरुपयोग के मामलों की जांच के लिए कई प्रयास और मानव संसाधन खर्च किए गए हैं। दोनों नए सचिवों के रुप में किसी धर्माध्यक्ष को नियुक्त नहीं किया गया है।

नया संविधान

इस प्रकार हम नए संविधान के प्रकाशन के साथ 19 मार्च 2022 पर पहुंचे, जिसमें अब तक वर्णित सभी मुद्दे शामिल हैं और सुधार को पूरा करनेवाले अन्य नवाचारों का परिचय भी।

सबसे महत्वपूर्ण कूरिया का पहला विभाग सुसमाचार प्रचार एवं प्रसार के लिए है, जो लोकधर्मियों के सुसमाचार प्रचार के लिए गठित धर्मसंध और नवीन सुसमाचार प्रचार के लिए गठित परमधर्मपीठीय परिषद को एकीकृत करता है। चुनाव इंगित करता है कि सबसे बुनियादी चिंता सुसमाचार की घोषणा है। ख़ासियत यह है कि इस विभाग के प्रीफेक्ट (प्रधान) स्वयं संत पापा हैं, जो सुसमाचार प्रचार के विषय को महत्वपूर्ण मानते हैं। उन्होंने दो उप-प्रीफेक्ट द्वारा मदद की जाएगी (एक दुनिया में सुसमाचार प्रचार के मूलभूत प्रश्नों के लिए बने अनुभाग के लिए, और एक पहले सुसमाचार प्रचार और नई विशेष कलीसियाओं के लिए बने अनुभाग के लिए)।

दूसरा नया पहलू संस्कृति और शिक्षा के लिए बने नए विभाग में एकीकरण से संबंधित है, पहले काथलिक शिक्षा के लिए गठित धर्मसंघ और दूसरा संस्कृति के लिए परमधर्मपीठीय परिषद। विभाग में एक ही प्रीफेक्ट होगा।

संविधान का एक तीसरा अभूतपूर्व तत्व संत पापा के उदार कार्यों के कार्यालय को रोमन कूरिया के तीसरे विभाग में परिवर्तन करना है जिसे "परोपकारी कार्य विभाग" कहा जाता है।

संविधान में यह भी इंगित करना महत्वपूर्ण है कि रोमन कूरिया जिसे अब तक "धर्माध्यक्षों की धर्मसभा का सामान्य सचिवालय" कहा जाता था, अब केवल "धर्मसभा का सामान्य सचिवालय" कहा जाएगा।

संविधान के एक अन्य महत्वपूर्ण विकास का प्रतिनिधित्व इस तथ्य से होता है कि विभाग के प्रमुख - यहां तक ​​कि पुराने धर्मसंघों के भी प्रमुख अब कार्डिनल नहीं होंगे। कैमरलेंगो के अलावा, "प्रेदिकाते इवांजेलियम" में उल्लिखित ‘अपोस्टोलिक सिग्नेचर के ट्रिब्यूनल के प्रीफेक्ट’ और ‘अर्थव्यवस्था के लिए परिषद के समन्वयक’ दो कार्डिनल हैं। संत पापा ने यह भी स्थापित किया कि कूरिया में कार्यरत पुरोहितों और धर्मसंघी पुरोहितों, धर्मबहनों के लिए पांच साल का अनुबंध होगा, जो रोम और स्थानीय कलीसियाओं के बीच विचार-विमार्श और आदान-प्रदान के बाद पांच साल की दूसरी अवधि के लिए नवीनीकृत होगी।

लोकधर्मियों के लिए खुलापन

अंत में, नए संविधान का एक महत्वपूर्ण अंश स्थानीय कलीसियाओं के ठोस जीवन और उनकी संरचनाओं के भविष्य के विकास हेतु लक्षित होगी।

संत पापा फ्राँसिस संविधान की प्रस्तावना में याद करते हैं कि "प्रत्येक ख्रीस्तीय, बपतिस्मा के आधार पर, एक मिशनरी शिष्य है उस हद तक कि उसने येसु मसीह में ईश्वर के प्रेम का अनुभव किया है।" इसलिए प्रशासन और प्रबंधन की भूमिकाओं में लोकधर्मियों की भागीदारी है।

अगर “कोई भी विश्वासी” अपनी विशेष क्षमता, शासन की शक्ति और विशेष कार्य को देखते हुए एक विभाग या कूरिया की संस्था की अध्यक्षता कर सकता है,  ऐसा इसलिए है, क्योंकि कूरिया की प्रत्येक संस्था संत पापा द्वारा उसे सौंपी गई शक्ति के आधार पर कार्य करती है।

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08 June 2022, 16:53