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संत पेत्रुस महागिरजाघर संत पेत्रुस महागिरजाघर  

"अपने आपको येसु के समान अर्पित करें," कार्डिनल गम्बेत्ती

वाटिकन में प्रभु येसु के परमपावन शरीर और रक्त का महापर्व मनाते हुए कार्डिनल मौरो गम्बेत्ती ने याद दिलाया कि येसु ने हमसे जो मांग की है उसे पूरा करने के लिए हमें विश्वास और मनोभाव में परिवर्तन की आवश्यकता है।

उषा मनोरना तिरकी-वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, बृहस्पतिवार, 16 जून 2022 (रेई) ˸ संत पेत्रुस महागिरजाघर में प्रभु के परमपावन शरीर और रक्त महापर्व के अवसर पर महापुरोहित कार्डिनल मौरो गम्बेत्ती ने ख्रीस्तयाग के दौरान उपदेश में सुसमाचार के उस पाठ पर चिंतन किया जहाँ येसु भीड़ से कहते हैं, "मैं स्वर्ग से उतरी हुई जीवित रोटी हूँ, जो इसे खायेगा वह कभी नहीं मरेगा, और जो रोटी मैं दूँगा वह मेरा मांस है जो दुनिया के जीवन के लिए है।" (यो.6:55)

कोरपुस ख्रीस्ती या प्रभु येसु के परमपावन शरीर एवं रक्त का महापर्व, यूखरिस्त में ख्रीस्त के शरीर और रक्त की उपस्थिति को मनाता है। जिसे पवित्र तृत्व महापर्व के बाद बृहस्पतिवार को मनाया जाता है। संत पापा फ्राँसिस ने इस ख्रीस्तयाग का अनुष्ठान नहीं किया क्योंकि डॉक्टर ने उन्हें पैर को आराम देने की सलाह दी है। ख्रीस्तयाग के अंत में परमपावन संस्कार की जुलूस एवं पवित्र संस्कार की आशीष सम्पन्न की गई।

कार्डिनल गम्बेत्ती ने बतलाया कि येसु स्वर्ग से इस दुनिया में आये जो दिखलाता है कि पिता ईश्वर किस तरह अपने पुत्र को छोटा बनाकर मानव जाति को प्यार करते हैं जो स्वर्ग से दुनिया में आये तथा हमारी मुक्ति के लिए क्रूस पर मरे।  

ईश्वर का रास्ता

यह हमें स्पष्ट शब्दों में बतलाता है कि नीचे उतरना या झुकना ईश्वर का रास्ता है, और यदि हम इसे नहीं समझते एवं स्वीकार नहीं करते हैं तो हम अपने आपको अनन्त जीवन के रास्ते एवं येसु से दूर करने के खतरे में डालते हैं।

जैसा कि हमने सुसमाचार में सुना है, येसु हमारा हाथ पकड़ कर हमारा साथ देते हैं, वे अनन्त जीवन के रास्ते पर अंत तक साथ देते और इसके अंग बनने में मदद देते हैं।

कई पाठों में हम सुनते हैं कि येसु भीड़ को खिलाते हैं जो सुसमाचार लेखक के लेख का केंद्रबिन्दु है और कई शिष्यों के दिमाग में अंकित है। बदलाव की एक प्रक्रिया मन- परिवर्तन बन जाती है जिसकी शुरूआत पास्का – अंतिम भोज से होती – जिसमें हम भी भाग लेते हैं, जब हम यूखरिस्त में सहभागी होते हैं।   

कोरपुस ख्रीस्ती का स्कूल

कार्डिनल ने कहा, " हम येसु के समान यूखरिस्त बनने के लिए बुलाये गये हैं, जो हमसे कहते हैं ˸ तुम मेरी स्मृति में यह किया करो।"

कार्डिनल ने कहा कि जब हम यूखरिस्त मनाते हैं, जो प्रभु की मृत्यु की यादगारी है, तब हम केवल याद न करते बल्कि अपने आपको येसु की जीवित याद बनाने के लिए तैयार करते हैं।

"यही कोरपुस ख्रीस्ती का स्कूल है जो विश्वासियों को झुकने और अपने आपको येसु के हाथों में लिये जाने तथा पूर्व एवं प्रेमी जीवन देने के लिए प्रेरित करता है, जो मानसिकता एवं मनोभाव में परिवर्तन से आता है।"

कार्डिनल ने कहा, "अपने आप के बारे चिंता न करें बल्कि अपने भाई-बहनों की चिंता करें, उन्हें पोषित करने के लिए अपने आपको अर्पित करें जैसा कि येसु ने किया।"

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16 June 2022, 17:17