शांति व स्वास्थ्य लक्ष्यों में विभाजन विनाशकारी, वाटिकन अधिकारी
जूलयट जेनेवीव क्रिस्टफर - वाटिकन सिटी
जिनिवा, शुक्रवार, 27 मई 2022(रेई, वाटिकन रेडियो): जिनिवा स्थित संयुक्त राष्ट्र संघीय एजेन्सियों के लिये परमधर्मपीठ के स्थायी पर्यवेक्षक वाटिकन के वरिष्ठ महाधर्माध्यक्ष फोरतुनातुस नवाचुकू ने इस तथ्य के प्रति विश्व के नेताओं का ध्यान आकर्षित कराया कि शांति एवं स्वास्थ्य लक्ष्यों में विभाजन को जगह नहीं दी जानी चाहिये।
अखण्ड मानव विकास, शांति का मार्ग
जिनिवा में 22 से 28 मई तक जन-स्वास्थ्य विषय पर 75 वीँ आम सभा जारी है। "शांति के लिए स्वास्थ्य, स्वास्थ्य के लिए शांति" पर आयोजिक सभा में उपस्थित विश्व प्रतिनिधियों को सम्बोधित कर महाधर्माध्यक्ष फोरतुनातुस ने अखण्ड मानव विकास को शांति का नया नाम निरूपित किया।
उन्होंने कहा कि घोर तनावों से घिरे वर्तमान विश्व के परिप्रेक्ष्य में वाटिकन का प्रतिनिधिमण्डल गहन क्षोभ के साथ इस तथ्य को रेखाकित करना चाहता है कि वैश्विक और क्षेत्रीय घोषणाओं और समझौतों को ध्यान से व्यक्त करने के बावजूद, "युद्ध और संघर्ष का शोर तेज़ हो रहा है, महामारियाँ फैल रही हैं, जलवायु परिवर्तन और पर्यावरणीय ह्रास के दुष्प्रभाव देखने को मिल रहे हैं, भूख और प्यास की त्रासदी बढ़ती जा रही है, और एकजुटता साझा करने के बजाय व्यक्तिवाद पर आधारित एक आर्थिक मॉडल कायम किया जा रहा है।
वाटिकन पर्यवेक्षक महाधर्माध्यक्ष फोरतुनातुस ने कहा, "यदि सार्वजनिक स्वास्थ्य अधिकारियों और विशेषज्ञों की यह वैश्विक सभा वास्तव में स्थायी शांति और स्वास्थ्य के दोहरे लक्ष्य की ओर प्रयास करना चाहती है, तो हमें विभाजन की भाषा को अस्वीकार करना चाहिए, जो अक्सर भय और अविश्वास पर आधारित होती है।"
हथियारों में नहीं शांति में निवेश करें
शस्त्रों से शांति का लक्ष्य प्राप्त नहीं किया जा सकता, इस बात पर बल देते हुए उन्होंने सन्त पापा पौल षष्टम के शब्दों को उद्धृत करते हुए कहा, "आक्रामक हथियारों के हाथ में होते व्यक्ति किसी से प्यार नहीं कर सकता क्योंकि जब हम हथियारों के तर्क के आगे झुकते हैं और बातचीत एवं सम्वाद के अभ्यास से ख़ुद को दूर कर देते हैं, तो हम अन्यों को शिकार बनाने और बर्बाद करने से पहले ख़ुद अपनी हानि को भुला बैठते हैं कि हथियार आख़िर में विनाश की ओर ही ले जाते हैं।"
महाधर्माध्यक्ष फोरतुनातुस ने कहा, "अंतर्राष्ट्रीय समुदाय की ओर से एक व्यापक प्रतिबद्धता की आवश्यकता है, ताकि पूरी दुनिया की आबादी को आवश्यक चिकित्सा देखभाल और वैक्सीन तक समान पहुंच प्राप्त हो सके. साथ ही, सरकारें और संबंधित निजी संस्थाएं आवश्यकता के अनुकूल ज़िम्मेदारी की भावना प्रदर्शित कर तथा हर स्तर पर एक समन्वित प्रतिक्रिया को विकसित कर, एकजुटता की भावना में ज़रूरतमन्द देशों की क्षमताओं को मजबूत करें।"
उन्होंने कहा कि सच्ची और स्थायी शांति प्राप्त करने के लिए, हमें समग्र एवं अखण्ड मानव विकास, शिक्षा और स्वास्थ्य के लिए उपयुक्त संसाधनों का आवंटन करना होगा तथा मृत्यु एवं विनाश के हथियारों का बहिष्कार कर सामूहिक रूप से जीवन और शांति में निवेश करना होगा।
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