खोज

शांति हेतु सन्त पेत्रुस महागिरजाघर के सामने प्रार्थना, 02.03.2022 शांति हेतु सन्त पेत्रुस महागिरजाघर के सामने प्रार्थना, 02.03.2022 

यूक्रेन संकट: परमधर्मपीठ ने दोहराई मानवीय गलियारों की अपील

संयुक्त राष्ट्र संघ में परमधर्मपीठ के स्थायी पर्यवेक्षक और वाटिकन के वरिष्ठ महाधर्माध्यक्ष गाब्रिएल कैसिया ने यूक्रेन में चल रही शत्रुता से भाग रहे हजारों लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए मानवीय गलियारों के महत्व पर ज़ोर दिया।

जूलयट जेनेवीव क्रिस्टफर, वाटिकन सिटी

न्यूयॉर्क, शुक्रवार, 4 मार्च 2022 (रेई, वाटिकन रेडियो): संयुक्त राष्ट्र संघ में परमधर्मपीठ के स्थायी पर्यवेक्षक और वाटिकन के वरिष्ठ महाधर्माध्यक्ष गाब्रिएल कैसिया ने यूक्रेन में चल रही शत्रुता से भाग रहे हजारों लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए मानवीय गलियारों के महत्व पर ज़ोर दिया।

यूक्रेन पर रूसी आक्रमण के फलस्वरूप नागरिक हताहतों की बढ़ती संख्या के साथ-साथ महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचों को नुकसान पहुंचने के प्रति ध्यान आकर्षित कराते हुए परमधर्मपीठ ने मानवीय गलियारों को खोलने का आह्वान किया है।

नागरिकों एवं राहत कर्मियों की सुरक्षा

मंगलवार को "मानवतावादी फ्लैश अपील और यूक्रेन के लिए क्षेत्रीय शरणार्थी प्रतिक्रिया योजना के संयुक्त लॉन्च" में बोलते हुए महाधर्माध्यक्ष गाब्रिएल कैसिया ने इस तथ्य के प्रति ध्यान आकर्षित कराया कि रूसी आक्रमण के सघन होने की वजह से यूक्रेन से पलायन करने वाले लोगों की संख्या में नित्य वृद्धि हो रही है जो पड़ोसी देशों में शरण मांगने के लिये बाध्य हैं। उन्होंने कहा कि कुछ दिनों के युद्ध के उपरान्त शरणार्थियों की संख्या सात लाख से अधिक पहुँच गई है तथा स्थानीय आपूर्ति श्रृंखलाओं, आवश्यक सेवाओं, भोजन और अन्य बुनियादी वस्तुओं तक पहुंच में व्यवधान के कारण इसके बढ़ने की संभावना है।  

सन्त पापा फ्राँसिस की अपील को दुहराते हुए उन्होंने मानवीय गलियारों को खोलने के साथ-साथ ज़रूरतमंद नागरिकों को सहायता प्रदान करने के लिए मानवीय और लोकोपकारी राहत कर्मियों की पूर्ण, सुरक्षित और निर्बाध पहुंच सुनिश्चित करने की आवश्यकता पर बल दिया।

महाधर्माध्यक्ष गाब्रिएल कैसिया ने कहा, "अंतर्राष्ट्रीय कानून के अनुसार नागरिक आबादी, और साथ ही राहत कर्मियों की रक्षा करना हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए।"

शरणार्थियों का स्वागत और सुरक्षा

महाधर्माध्यक्ष गाब्रिएल कैसिया ने उन राज्यों की सराहना की जो शरणार्थियों को "एकजुटता की भावना" में स्वीकार कर रहे हैं और साथ ही उन राज्यों की भी जो अति आवश्यक मानवीय एवं लोकोपकारी  सहायता की पेशकश कर रहे हैं।

उन्होंने इस तथ्य पर बल दिया कि "सैकड़ों हजारों शरणार्थियों का स्वागत करना, उनकी सुरक्षा और सहायता करना एक सामान्य ज़िम्मेदारी है।" साथ ही, उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि अपनी सुरक्षा के लिए भागने वालों की ज़रूरतों का जवाब देने के प्रयासों को ग़ैर-रिफाउलमेंट के सिद्धांत का सम्मान करना चाहिए, जो राज्यों को, जोखिम की स्थिति में, अपने अधिकार क्षेत्र से व्यक्तियों को स्थानांतरित करने या हटाने से रोकता है। साथ ही साथ अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत साझा दायित्व, और बिना किसी भेदभाव के शरणार्थियों की सहायता की मांग करता है।

सम्वाद और कूटनीति

विश्व के अन्य सदस्य देशों के साथ अपनी आवाज़ मिलाते हुए महाधर्माध्यक्ष कैसिया ने शत्रुता की तत्काल समाप्ति और "कूटनीति और संवाद पर लौटने" का आह्वान किया। उन्होंने हजारों जरूरतमंदों की मदद हेतु विश्वव्यापी काथलिक कलीसिया और तमाम विश्व में छाई उसकी संस्थाओं के प्रयासों का भी उल्लेख किया।

महाधर्माध्यक्ष कैसिया ने स्मरण दिलाया कि संयुक्त राष्ट्र संघ की स्थापना "आने वाली पीढ़ियों को युद्ध के संकट से बचाने के लिए" तथा "अच्छे पड़ोसियों के रूप में एक दूसरे के साथ शांति से रहने के लिए" की गई थी। अस्तु, उन्होंने कहा, "युद्ध शुरू होने के बावजूद, बातचीत, मध्यस्थता या अन्य शांतिपूर्ण तरीकों से विवादों को हल करने की कोशिश करना सभी राज्यों का कर्तव्य है।"

Thank you for reading our article. You can keep up-to-date by subscribing to our daily newsletter. Just click here

04 March 2022, 11:58