कार्डिनल चेरनी यूक्रेन में ˸ युद्ध के सामने हम सभी बेचारे
उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी
यूक्रेन और हंगरी की सीमा बाराबस पर एक धूमिल साईनबोर्ड में लिखा है, "यूक्रेन में स्वागतम" जो सूखी डालियों से ढंका हुआ है। यह एक कड़वा मजाक है, ऐसी तबाही को देखते हुए जैसा पूर्वी यूरोपीय देश 24 फरवरी से बन गया है, जब यह "क्रूर" युद्ध छिड़ गया।
सीमा पर करीब 50 कारें हैं जो कड़ी निगरानी के साथ पार होने का इंतजार कर रही हैं। करीब शाम 5.20 बजे एक श्वेत कार में पाँच व्यक्ति बोर्डर पर कतार में थे; कार रात 8 बजे से ठीक पहले, केवल छह स्थान आगे बढ़ी थीं। विपरीत रास्ते पर, जो प्रवेश द्वार को चिह्नित करती थी, केवल पुलिस की गाड़ियाँ थीं।
संत पापा फ्राँसिस द्वारा यूक्रेन के शरणार्थियों को सांत्वान देने के लिए भेजे गए समग्र मानव विकास को बढ़ावा देने के लिए गठित परिषद अंतरिम अध्यक्ष कार्डिनल माईकेल चेर्नी ने काफी देर के बाद सीमा पार की।
उनके साथ आप्रवासियों की देखभाल करने की प्रेरिताई से जुड़े दो पुरोहित, नाईरेजेहाजा के ग्रीक काथलिक धर्मप्रांत के धर्माध्यक्ष अबेल सजोस्का भी थे।
मारियुपोल में बमबारी ˸ खतरनाक
कार्डिनल चेरनी ने मारियुपोल स्थित बाल अस्पताल में हुई बमबारी की निंदा करते हुआ कहा, "बमबारी और अस्पताल ˸ एक वाक्य में ये दो शब्द आपमें कंपकंपी उत्पन्न कर देंगे। यदि आप बाल अस्पताल के बारे बढ़ेंगे...कार्डिलन परोलिन सही हैं, यह अस्वीकारीय है। हमें नागरिकों पर हो रहे इन हमलों को रोकना चाहिए।"
बेरेहोवे की यात्रा वहाँ से करीब 20 मिनट की दूसरी पर है। गाँव निर्जन पड़े हैं जहाँ दूर दूर तक साफ देखा जा सकता है। माना जाता है कि यहाँ समृद्ध शरणार्थी रहते हैं।
उदारता का दोहरा उत्तर
कार्डिनल ने कहा, "इस युद्ध की चुनौती के सामने हम सभी बेचारे हैं। उन्होंने बतलाया कि दो व्यक्ति घिरे हुए देश से आये हैं, एक वे स्वयं और दूसरे कार्डिनल कॉनराड क्राजेवस्की जो इस समय लवीव में हैं। "यह एक दोहरी जिम्मेदारी है, एक तुरन्त उदार बनने की और दूसरा लम्बे समय में समग्र मानव विकास के लिए। एक प्रतिबद्धता जो युगों तक बनी रहेगी।"
हंगरी के उप-प्रधानमंत्री से मुलाकात
कार्डिनल चेरनी के मिशन के दूसरे दिन की शुरूआत, हंगरी के उप-प्रधानमंत्री जोल्ता सेमजेन के साथ मुलाकात से हुई, जिन्होंने मानवीय संकट के जवाब में कलीसिया की पहल के लिए सरकार का समर्थन दोहराया।
कार्डिनल ने बतलाया कि हंगरी ने कहा है कि वह शरणार्थियों का स्वागत बिना किसी प्रतिबंध के करेगा। उनकी आशा है कि स्वागत का यह मनोभाव हमेशा बना रहेगा और यह केवल आपातकाल तक सीमित नहीं रहेगा।
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