खोज

पूर्वी हंगरी  का एक स्थानीय स्कूल  बना यूक्रेनी शरणार्थियों का घर, तस्वीरः 28.02.2022 पूर्वी हंगरी का एक स्थानीय स्कूल बना यूक्रेनी शरणार्थियों का घर, तस्वीरः 28.02.2022 

यूक्रेनी शरणार्थियों से मुलाकात हेतु कार्डिनल सेर्नी हंगरी में

अखण्ड मानव विकास को बढ़ावा देने हेतु गठित परमधर्मपीठीय परिषद के अध्यक्ष कार्डिनल माईकिल सेर्नी ने यूक्रेनी शरणार्थियों और विस्थापित व्यक्तियों और उनकी सहायता करने वालों से मिलने के लिए 08 मार्च को रोम से हँगरी के लिये प्रस्थान किया।

जूलयट जेनेवीव क्रिस्टफर-वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, बुधवार, 9 मार्च 2022 (रेई, वाटिकन रेडियो): अखण्ड मानव विकास को बढ़ावा देने हेतु गठित परमधर्मपीठीय परिषद के अध्यक्ष कार्डिनल माईकिल सेर्नी ने यूक्रेनी शरणार्थियों और विस्थापित व्यक्तियों तथा उनकी सहायता करने वालों से मिलने के लिए 08 मार्च को रोम से हँगरी के लिये प्रस्थान किया।

हँगरी यात्रा का महत्व

रोम स्थित येसु धर्मसमाज द्वारा संचालित पत्रिका "आजोर्नामेन्ती सोशाली" द्वारा प्रकाशित एक लेख में कार्डिनल सेर्नी ने अपनी हँगरी यात्रा के महत्व को प्रकाशित करते हुए बताया कि उनकी यात्रा का उद्देश्य सन्त पापा फ्राँसिस के सामीप्य एवं उनकी एकात्मता को यूक्रेनी शरणार्थियों तक ले जाना है।

कार्डिनल सेर्नी ने कहा, मेरी हंगरी यात्रा प्रार्थना, भविष्यवाणी एवं चेतावनी भरी यात्रा है। इस यात्रा के दौरान मैं शरणार्थियों और विस्थापितों से मुलाकात करूँगा और साथ ही उनका स्वागत और उनकी सहायता करने वालों से मिलना जारी रखूंगा।

इसी बीच, परमधर्मपीठीय भिक्षा दान संस्था के अध्यक्ष कार्डिनल कॉनराड क्रायेस्की पोलैण्ड पहुँच चुके हैं जहाँ वे यूक्रेनी सीमा पर शरणार्थियों एवं कठिनाई में पड़े यूक्रेनी नागरिकों से मुलाकात कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि आने वाले दिनों में वे सीमा पार कर यूक्रेन में प्रवेश कर सकेंगे, लेकिन यह स्थिति के विकसित होने पर निर्भर करेगा।

सन्त पापा और ख्रीस्तीयों के सामीप्य का प्रतीक

कार्डिनल सेर्नी ने कहा, जैसा कि सन्त पापा फ्राँसिस पहले ही कह चुके हैं, परमधर्मपीठ "शांति की सेवा में ख़ुद को  लगाने के लिए, सब कुछ के लिए तैयार है।" उन्होंने कहा, यूक्रेन में मेरा मिशन इस इच्छा का एक संकेत है और मेरा काम यूक्रेन के पीड़ितों के प्रति केवल सन्त पापा फ्राँसिस की ही नहीं अपितु समस्त ईसाई लोगों की उपस्थिति और निकटता को प्रकट करना है।

कार्डिनल सेर्नी ने स्वीकार किया कि उनकी यात्रा और उनका कृत्य विश्व की तर्कणा तथा हथियारों की शक्ति के समक्ष कमज़ोर और महत्वहीन भी प्रतीत हो सकता है, तथापि उनका विश्वास है कि पीड़ितों को भौतिक सहायता प्रदान करना तथा उनके समीप रहना राहत और उपचार का माध्यम सिद्ध हो सकता है।  उन्होंने कहा, "मैं आश्वस्त हूँ कि मेरी यात्रा प्रभु ईश्वर के समक्ष की गई एक आर्त याचना है, क्योंकि बाईबिल धर्मग्रन्थ के अनुसार, प्रभु ईश्वर "बादलों को छेदकर उत्पीड़ितों की शिकायत सुनते। वे अनाथ को रोता हुआ नहीं छोड़ते और न ही विधवा का परित्याग करते हैं।"

कार्डिनल सेर्नी ने पुनरुत्थान के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यह उस विश्वास की पुष्टि करने का अवसर है जो हमें एकजुट करता है और इस आशा को पोषित करता है कि युद्ध के बिना भी विश्व का अस्तित्व संभव है, कि हिंसा और मृत्यु अंतिम शब्द नहीं है।

Thank you for reading our article. You can keep up-to-date by subscribing to our daily newsletter. Just click here

09 March 2022, 11:48