खोज

एक्सपो 2020 दुबई का प्रवेश द्वार एक्सपो 2020 दुबई का प्रवेश द्वार 

एक्सपो 2020 में परमधर्मपीठीय मंडप पर वाटिकन के अधिकारी

दुबई में जारी एक्सपो 2020 में परमधर्मपीठीय मंडप पर वाटिकन न्यूज़ से बातचीत में वाटिकन के अधिकारी मान्यवर थॉमस ट्राफ्नी ने एक्सपो 2020 के लिये निर्मित परमधर्मपीठीय मंडप की संरचना के संदेश और प्रेरणा पर प्रकाश डाला और मानव बंधुत्व की भावना में समस्त पूर्वधारणाओं को दूर करने हेतु सभी को आमंत्रित किया है।

जूलयट जेनेवीव क्रिस्टफर-वाटिकन सिटी

दुबई, शुक्रवार, 4 फरवरी 2022 (रेई,वाटिकन रेडियो): दुबई में जारी एक्सपो 2020 में परमधर्मपीठीय मंडप पर वाटिकन न्यूज़ से बातचीत में वाटिकन के अधिकारी मान्यवर थॉमस ट्राफ्नी ने एक्सपो 2020 के लिये निर्मित परमधर्मपीठीय मंडप की संरचना के संदेश और प्रेरणा पर प्रकाश डाला और मानव बंधुत्व की भावना में समस्त पूर्वधारणाओं को दूर करने हेतु सभी को आमंत्रित किया है। अक्टूबर 2021 से, परमधर्मपीठ, दुबई के एक्सपो 2020 में अपने मंडप सहित शामिल है।

संबन्धों की गहराई

मान्यवर ट्राफ्नी ने कहा कि एक्सपो 2020 में परमधर्मपीठीय मंडप सौंदर्यशास्त्र, विज्ञान और विश्वास के बीच साक्षात्कार हेतु डिज़ाइन किया गया है, जो, आबू धाबी में सन्त पापा फ्रांसिस एवं अल अज़हर के ग्रैन्ड इमाम के मध्य भ्रातृत्व पर हस्ताक्षरित दस्तावेज़ के स्मरणार्थ अंतर-सांस्कृतिक और अंतर्धार्मिक संवाद, साथ ही साथ मानव बिरादरी को बढ़ावा देता है।

मान्यवर ट्राफ्नी ने स्पष्ट किया कि परमधर्मपीठीय मंडप का शीर्षक, "सम्बन्धों को गहरा  करना" है, जो लोगों,  संस्कृतियों और धर्मों के बीच ठोस संबंध बनाने की आवश्यकता को रेखांकित करता है। उन्होंने कहा कि हमारा विश्वास है कि ख्रीस्तीय धर्म एवं इस्लाम धर्म एवं संस्कृति के बीच एक घनिष्ठ सम्बन्ध है जिसे रेखांकित किया जाना अनिवार्य है। उन्होंने कहा कि दोनों धर्म सह-अस्तित्व में हैं और न केवल धार्मिक बल्कि सांस्कृतिक स्तर पर भी परस्पर प्रभाव रखते हैं।

असीसी के सन्त फ्राँसिस से सन्त पापा फ्राँसिस तक

कई विषेशताओं सहित परमधर्मपीठीय मंडप में दो ऐतिहासिक साक्षात्कारों के प्रतीक भी विद्यमान हैं: प्रथम है सन्त फ्राँसिस तथा मिस्र के सुल्तान की मुलाकात तथा दूसरा है सन् 2019 में सम्पन्न सन्त पापा फ्राँसिस तथा अल अज़हर के ग्रैण्ड इमाम के बीच मुलाकात। मान्यवर ट्राफ्नी ने बताया कि लगभग 800 वर्षों पूर्व सन्त फ्राँसिस एवं मिस्र के सुल्तान के बीच हुई मुलाकात ने दोनों धर्मों के बीच मैत्री को बढ़ावा दिया तथा फ्रांसिस्कन धर्मसमाजी पुरोहितों के लिए इस्लामी बस्तियों के भीतर गिरजाघरों के संचालन का विशेषाधिकार प्राप्त करने का रास्ता साफ किया। उन्होंने कहा कि यही कारण है कि पवित्र भूमि के ऐतिहासिक पुण्य स्थलों पर भी फ्रांसिस्कन धर्मसमाजी पुरोहित सेवारत हैं।     

मान्यवर ट्राफ्नी ने कहा कि आठ शताब्दियों बाद सन्त पापा फ्राँसिस एवं अल अज़हर के ग्रैण्ड इमाम द्वारा हस्ताक्षरित "विश्व शांति और एक साथ रहने के लिए मानव बंधुत्व पर दस्तावेज़" दुनिया को एक शक्तिशाली संदेश देता है।

उन्होंने कहा, "हम लोगों को बता रहे हैं कि दोस्ती के अलावा भी कुछ है। हम निश्चित रूप से दोस्त हो सकते हैं, भले ही हम विभिन्न संस्कृतियों, पृष्ठभूमि और धर्मों के हों।" मान्यवर ट्राफ्नी ने रेखांकित किया कि परमधर्मपीठीय मंडप इस तथ्य का प्रतिनिधित्व करता है: "लोगों को उस बिंदु तक मार्गदर्शन देना जहाँ वे यह स्वीकार करें कि यह पूर्वाग्रहों को पार करने का सर्वोत्तम समय है तथा यह सोचने का कि हम सब वास्तव में एक दूसरे के भाई बहन हैं। उन्होंने कहा कि परमधर्मपीठीय मंडप में प्रदर्शित सामग्री विभिन्न संस्कृतियों, राष्ट्रों एवं धर्मों के बीच सेतुओं के निर्माण के महत्व को प्रकाशित करती तथा लोगों के बीच विद्यमान दूरियों को कम करने का प्रयास करती हैं।

Thank you for reading our article. You can keep up-to-date by subscribing to our daily newsletter. Just click here

04 February 2022, 12:10