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यूक्रेन के लिए प्रार्थना करते हुए यूक्रेन के लिए प्रार्थना करते हुए  (AFP or licensors)

महाधर्माध्यक्ष गलाघर की चेतावनी, युद्ध में सभी पीड़ित होते हैं

वाटिकन विदेश सचिव महाधर्माध्यक्ष पौल रिचार्ड गलाघर ने यूक्रेन में शांति हेतु एक विशेष प्रार्थना का संचालन किया तथा अंतरराष्ट्रीय समुदाय के नेताओं से अपील की कि वे शत्रुता से ऊपर उठकर शांति की ओर आगे बढ़ें।

उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, बृहस्पतिवार, 27 जनवरी 22 (रेई)- रोम के संत मरिया इन त्रास्तेवेरे महागिरजाघर में बुधवार को यूक्रेन में शांति हेतु एक विशेष प्रार्थना सभा का आयोजन किया गया था, जिसका संचालन वाटिकन विदेश सचिव महाधर्माध्यक्ष पौल रिचार्ड गलाघर ने की। प्रार्थना सभा का आयोजन संत पापा फ्राँसिस के आह्वान पर किया गया था।

रूस ने यूक्रेन के साथ अपनी सीमा के पास 100,000 से अधिक सैनिकों को इकट्ठा किया है और लाइव-फायर अभ्यास किया है, जिससे यूक्रेन पर आक्रमण की आशंका है।

युद्ध की हवा को शांत करना

प्रार्थना करते हुए महाधर्माध्यक्ष ने कहा, "युद्ध की हवा को शांत किया जाए। संघर्ष के आतंक से पुरूषों, महिलाओं एवं बच्चों में घाव न हो।"

उन्होंने यूक्रेन के काथलिक विश्वासियों के साथ एकात्मता व्यक्त किया जो युद्ध के पिशाच का सामना कर रहे हैं।

वाटिकन के विदेश सचिव ने युद्ध की धमकी देनेवालों और इसके शिकार बननेवालों के बीच असमानता पर प्रकाश डाला।

उन्होंने कहा, "ये दुखद परिस्थितियाँ हैं जो बहुत सारे लोगों को उनके अत्यन्त मौलिक आवश्यकताओं से वंचित कर देते हैं किन्तु उससे भी बड़ा ठोकर है, यह देखना कि पीड़ा वे लोग सहते हैं जो युद्ध का निर्णय नहीं लेते, वे तो सिर्फ असहाय होकर उनके शिकार बनते हैं।"

सभी के बीच शांति को बढ़ावा

महाधर्माध्यक्ष ने खेद प्रकट किया कि पूरे देश को प्राकृतिक आपदाओं के बजाय एक व्यवस्थित तरीके से किए गए निर्णय के परिणामस्वरूप दर्द सहन करना पड़ रहा है।

उन्होंने याद किया कि सारी मानवता शांति को बढ़ावा देने के लिए बुलायी गयी है, क्योंकि ईश्वर ने हम सभी को मसीह में भाई-बहन बनाया है।

महाधर्माध्यक्ष गलाघर ने कहा कि ख्रीस्तियों को उन लोगों के साथ हमारे संबंधों को पहचानना चाहिए जो युद्ध का कारण बनते हैं और जो इसके परिणाम भुगतते हैं। इसलिए, उन्होंने कहा, हमें सभी पक्षों को ईश्वर पिता के सामने प्रस्तुत करना चाहिए, और प्रभु से शांति के वरदान के लिए प्रार्थना करना चाहिए।

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27 January 2022, 16:47